'कल्याण ज्वेलर्स' के नाम पर फर्जी सोने-चांदी की दुकान चलाने वाले पर चला प्रशासन का डंडा, बांड भरवाकर दुकानदार से बैनर हटवाया Bihar News: अवैध मेडिकल दुकानों और क्लिनिक संचालकों के खिलाफ प्रशासन का बड़ा अभियान, कई लोग हिरासत में बिहार का 'पुष्पा' निकला संजीव मुखिया, पत्नी को MP और MLA बनाने के लिए किया पेपर लीक Bihar Crime News: भीड़ ने पीट-पीटकर ले ली युवक की जान, एक ग़लतफ़हमी और हो गया बड़ा कांड राज्यसभा के उप सभापति से मिले अजय सिंह, महुली खवासपुर-पीपा पुल के पक्कीकरण की मांग मधुबनी में गरजे मुकेश सहनी, कहा..हक मांगने से नहीं मिलता, छीनना पड़ता है Bihar News: टुनटुन यादव के प्रोग्राम में फायरिंग के बाद एक्शन में आई पुलिस, एक को दबोचा अन्य की तलाश जारी PK ने जमुई में भरी हुंकार, बोले..नीतीश चचा को हटाना है इस बार, भूमि सर्वे और दाखिल खारिज में जमकर हो रहा भ्रष्टाचार Caste Census:जातीय जनगणना पर केंद्र के फैसले का JDU महासचिव ने किया स्वागत, नीतीश कुमार के विजन की बताई जीत Bihar Education News: सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल-प्रधान शिक्षकों का पावर कट, स्कूल के दूसरे शिक्षक को बड़ा अधिकार, ACS एस सिद्धार्थ ने सभी DEO को भेजा पत्र
02-May-2023 09:50 PM
By Vikramjeet
HAJIPUR: हाजीपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा कि ताड़ के पेड़ से ताड़ी उतारना पासी समाज का मौलिक अधिकार है। जिसे खत्म करने का काम बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया है। बिहार को यदि किसी मुख्यमंत्री ने बर्बाद किया है तो उसका नाम है नीतीश कुमार।
किसान का काम खेती करते हैं। कपड़ा धोने से लेकर आयरन करने तक का काम धोबी करते है उसी तरह बाल काटने का काम नाई करते है। जिस तरह यह उनका जातीय पेशा है ठीक उसी तरह से पासी समाज का जातीय पेशा है ताड़ी उतारना है। जो उनका मौलिक अधिकार है। पासी समाज के मौलिक अधिकार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समाप्त कर दिया है। जिससे उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। पासी समाज के बच्चे सही से पढ़ लिख नहीं पा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार में पूर्ण रूप से शराबबंदी पूरी तरह फेल है। विगत 7 वर्षों से सैंकड़ों लोग मारे गए हैं। विगत 7 वर्षों से बिहार में लगातार क्राइम बढ़ रहा है। हर दिन बैंक लूट की घटनाएं हो रही है। एक साथ हंसना और गाल फुलाना बिहार में नहीं चलेगा।
पशुपति पारस ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछिए जब 2005 में मुख्यमंत्री बने थे तो गांव-गांव में शराब की दुकान खुलवा दिया था। क्या उस समय दूसरा संविधान था और अभी दूसरा संविधान है। यह गलत बात है। उन्होंने कहा कि बिहार के जो नौजवान हैं उसे शराब पीने की आदत नीतीश कुमार ने लगाया है। अब नीतीश कुमार कह रहे हैं कि शराब पीना मौलिक अधिकार नहीं है। पशुपति पारस ने कहा कि नीतीश जी जनता सब देख रही है। आगामी लोकसभा और बिहार विधानसभा में जनता अपना फैसला सुनाएगी। जनता का फैसला सुनने के लिए तैयार रहिए।