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15-Nov-2022 07:05 PM
PATNA: बिहार में जातीय जनगणना में हो रही देरी पर पूर्व डिप्टी सीएम और बजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने महागठबंधन की सरकार पर जोरदार हमला बोला है। सुशील मोदी ने कहा है कि बिहार सरकार जातीय जनगणना को टालने का बहाना खोज रही है। जातीय जनगणना को टालने के लिए सरकार ने निर्णय लिया है कि अब फरवरी के बजाए उसको मई महीने में पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि सरकार ने जिस तरह से निकाय चुनाव को टाला ठीक उसी तरह से जातीय जनगणना को भी टालना चाह रही है। सुशील मोदी ने कहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव तक बिहार की सरकार किसी न किसी बहाने जातीय जनगणना को टालती रहेगी।
सुशील मोदी ने सरकार से पूछा है कि क्या सरकार को मालूम नहीं है कि बिहाह में मैट्रिक और इंटर की परीक्षा कब होती है। या सरकार को यह पता नहीं है कि चुनाव आयोग मतदाता सूची का पुनरिक्षण कब करता है, इससे लगता है कि सरकार जातीय जनगणना को टालने का बहाना खोज रही है। बिहार में जिस तरह से निकाय चुनाव को टाल दिया गया उसी तरह से अब जातीय जनगणना को टाला जा रहा है। सुशील मोदी ने कहा कि जब दो जून को कैबिनेट की बैठक में जातीय जनगणना कराने का निर्णय ले लिया गया।
उन्होंने कहा कि 7 महीने बीत जाने के बावजूद आजतक परामर्शी की नियुक्ति क्यों नहीं की गई। अभी तक पदाधिकारियों के प्रशिक्षण का काम भी पूरा नहीं हो सका है। सरकार की मंशा नहीं है कि वह बिहार में जातीय गणना कराए। सुशील मोदी ने कहा है कि नीतीश-तेजस्वी की सरकार किसी न किसी बहाने 2024 के लोकसभा चुनाव तक जातीय जनगणना को टालती रहेगी। अगर तेलंगाना की सरकार एक दिन में जातीय गणना करा सकती है तो बिहार सरकार क्यों नहीं करा सकती है। सरकार को अविलंब बिहार में जातीय जनगणना कराने का निर्णय लेना चाहिए।