BIHAR CRIME: स्वर्ण व्यवसायी हत्याकांड का खुलासा, पति-पत्नी और साली गिरफ्तार, अवैध संबंध बना घटना का कारण BIHAR CRIME: बीवी ने आशिक के साथ मिलकर कर दी पति की हत्या, 20 लाख कैश और जमीन की लालच में रच दिया खौफनाक साजिश Bihar Crime News: शराबबंदी कानून के तहत बिहार में पहली बार किसी महिला को सजा, इतने साल जेल और एक लाख जुर्माना Bihar Crime News: शराबबंदी कानून के तहत बिहार में पहली बार किसी महिला को सजा, इतने साल जेल और एक लाख जुर्माना फरहदा में कौशल युवा प्रोग्राम प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम, समाजसेवी अजय सिंह ने युवाओं को दिखाई सफलता की राह Purnea News: शिक्षाविद् रमेश चंद्र मिश्रा की प्रथम पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा, विद्या विहार समूह की सभी संस्थाओं में हुआ आयोजन Purnea News: शिक्षाविद् रमेश चंद्र मिश्रा की प्रथम पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा, विद्या विहार समूह की सभी संस्थाओं में हुआ आयोजन Hate Speech Case: हेट स्पीच केस में मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को बड़ा झटका, सजा के खिलाफ अपील खारिज Hate Speech Case: हेट स्पीच केस में मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को बड़ा झटका, सजा के खिलाफ अपील खारिज अवैध कोयला खनन के दौरान चाल धंसने से 4 ग्रामीणों की मौत, आधा दर्जन लोग घायल, मुआवजे की मांग को लेकर हंगामा
20-Jun-2021 09:30 PM
PATNA : बिहार में कौन एसपी या फिर कौन सा थानेदार कितना बेहतर काम कर रहा है ये शराब तय करेगी. शराब के हिसाब से एसपी और थानेदारों का परफार्मेंस का हिसाब किताब होगा. सरकार शराब की बरामदगी से लेकर शराबबंदी के लिए की गयी कार्रवाई के हिसाब से जिलों और थानों की रैकिंग करेगी. जो जितना ज्यादा शराब पकड़ेगा उसे उतना ज्यादा मार्क्स मिलेंगे. बिहार सरकार की मद्यनिषेध इकाई ने इसके लिए फार्मूला तय किया है. शराब से जुडे मामलों में कुल 100 मार्क्स दिये जायेंगे. जिसे जितना ज्यादा नंबर आया वह उतना सक्षम माना जायेगा.
सरकारी सूत्रों के मुताबिक मद्यनिषेध इकाई ने शराबबंदी को लेकर सात बिंदु तय किये हैं. इसके लिए मार्क्स यानि अंक तय किये गये हैं. शराबबंदी के लिए जो जितना काम करेगा उसे उतने अंक दिये जायेंगे. उसी आधार पर एसपी से लेकर थानेदारों की कार्यकुशलता तय की जायेगी.
जितना शराब पकड़ा उतना अंक मिलेगा
बिहार पुलिस की मद्यनिषेध इकाई ने जो फार्मूला तय किया है उसमें जिलों के एसपी को सबसे ज्यादा मार्क्स शराब पकड़ने पर मिलेगा. शराब पकड़ने पर कुल 25 अंक निर्धारित किये गये हैं. एक जिले में शराब पकड़ने का एक महीने का कोटा 15 हजार लीटर का रखा गया है. यदि किसी जिले में पुलिस एक महीने में 15 हजार लीटर शराब की बरामदगी करती है तो उस जिले को पूरे 25 अंक मिलेंगे. जिलों की जनसंख्या के आधार पर शराब की बरामदगी का लक्ष्य रखा गया है औऱ उसी हिसाब से नंबर मिलेगा. यदि किसी छोटे जिले में 200 लीटर शराब की बरामदगी होती है तो उसे एक अंक मिलेगा. वहीं बड़े जिले में 500 लीटर शराब बरामद होने पर एक अंक दिया जायेगा.
होम डिलेवरी को पकड़ा तो खास अंक
ऐसा नहीं है कि सिर्फ शराब की बरामदगी पर ही मार्क्स दिये जायेंगे. अगर होम डिलेवरी को पकड़ा तो उसके लिए खास तौर पर मार्क्स दिये जायेंगे. शराब का धंधा करने वालों की संपत्ति जब्त की तो उसके लिए भी अंक मिलेंगे. जब्त शराब को नष्ट करने पर भी मार्क्स दिये जायेंगे. धंधेबाजों को सजा दिलाने पर भी अच्छा खासा अंक मिलेगा.
सरकार ने शराब कारोबारियों को सजा दिलाने के मामले में 15 अंक देने का फार्मूला तय किया है. कारोबारियों को जितनी ज्यादा सजा मिलेगी उतने ज्यादा ही अंक मिलेंगे. शराब कारोबार के किसी अभियुक्त को आजीवन कारावास औऱ मौत की सजा मिली तो सबसे ज्यादा मार्क्स मिलेंगे. सजा 10 साल की हुई तो उससे कम अंक और पांच साल की सजा पर सबसे कम अंक.
थानों को भी ऐसे ही मिलेंगे अंक
बिहार सरकार की मद्यनिषेध इकाई ने जिलों के लिए ये फार्मूला तय किया है. अब जिलों के एसपी इसी आधार पर थानों के लिए मार्किंग तय करेंगे. एसपी को ये छूट दी गयी है कि वे फार्मूला में स्थानीय परिस्थियों के हिसाब से कुछ फेर बदल भी कर सकते हैं. लेकिन थानेदारों की भी रैंकिंग होगी औऱ उसी आधार पर उन्हें काम मिलेगा.