बिहार चुनाव 2025: दूसरे चरण की वोटिंग कल, अभिनेत्री नीतू चंद्रा ने की ज्यादा से ज्यादा मतदान की अपील झारखंड के Netaji Subhash Medical College Adityapur में शुरू हुई मेडिकल की पढ़ाई, सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पीटल में कम खर्च में बेहतर इलाज Dharmendra Health Update: एक्टर धर्मेंद्र की हालत नाजुक, ICU में वेंटिलेटर पर शिफ्ट किए गए; पूरा परिवार अस्पताल में मौजूद Dharmendra Health Update: एक्टर धर्मेंद्र की हालत नाजुक, ICU में वेंटिलेटर पर शिफ्ट किए गए; पूरा परिवार अस्पताल में मौजूद Bihar Traffic News : ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर सख्त हुआ परिवहन विभाग, तीन चालान बकाया रखने पर रद्द होगा वाहन रजिस्ट्रेशन 7 आतंकवादियों को पुलिस ने दबोचा, 2900 KG विस्फोटक-हथियार और गोला-बारूद बरामद Patna Crime News: हत्या या आत्महत्या? पटना के ANM ट्रेनिंग स्कूल में संदिग्ध हालत में मिला शिक्षिका का शव Patna Crime News: हत्या या आत्महत्या? पटना के ANM ट्रेनिंग स्कूल में संदिग्ध हालत में मिला शिक्षिका का शव Economic Offences Unit Bihar : म्यांमार के KK पार्क से साइबर गुलामी में फंसे 8 बिहारी मुक्त, आर्थिक अपराध इकाई ने शुरू की एजेंटों की जांच Patna News: नवजातों में इस वजह से बढ़ रहा बिमारियों का खतरा, PMCH में लगातार आ रहे मामले
20-Jun-2021 09:30 PM
PATNA : बिहार में कौन एसपी या फिर कौन सा थानेदार कितना बेहतर काम कर रहा है ये शराब तय करेगी. शराब के हिसाब से एसपी और थानेदारों का परफार्मेंस का हिसाब किताब होगा. सरकार शराब की बरामदगी से लेकर शराबबंदी के लिए की गयी कार्रवाई के हिसाब से जिलों और थानों की रैकिंग करेगी. जो जितना ज्यादा शराब पकड़ेगा उसे उतना ज्यादा मार्क्स मिलेंगे. बिहार सरकार की मद्यनिषेध इकाई ने इसके लिए फार्मूला तय किया है. शराब से जुडे मामलों में कुल 100 मार्क्स दिये जायेंगे. जिसे जितना ज्यादा नंबर आया वह उतना सक्षम माना जायेगा.
सरकारी सूत्रों के मुताबिक मद्यनिषेध इकाई ने शराबबंदी को लेकर सात बिंदु तय किये हैं. इसके लिए मार्क्स यानि अंक तय किये गये हैं. शराबबंदी के लिए जो जितना काम करेगा उसे उतने अंक दिये जायेंगे. उसी आधार पर एसपी से लेकर थानेदारों की कार्यकुशलता तय की जायेगी.
जितना शराब पकड़ा उतना अंक मिलेगा
बिहार पुलिस की मद्यनिषेध इकाई ने जो फार्मूला तय किया है उसमें जिलों के एसपी को सबसे ज्यादा मार्क्स शराब पकड़ने पर मिलेगा. शराब पकड़ने पर कुल 25 अंक निर्धारित किये गये हैं. एक जिले में शराब पकड़ने का एक महीने का कोटा 15 हजार लीटर का रखा गया है. यदि किसी जिले में पुलिस एक महीने में 15 हजार लीटर शराब की बरामदगी करती है तो उस जिले को पूरे 25 अंक मिलेंगे. जिलों की जनसंख्या के आधार पर शराब की बरामदगी का लक्ष्य रखा गया है औऱ उसी हिसाब से नंबर मिलेगा. यदि किसी छोटे जिले में 200 लीटर शराब की बरामदगी होती है तो उसे एक अंक मिलेगा. वहीं बड़े जिले में 500 लीटर शराब बरामद होने पर एक अंक दिया जायेगा.
होम डिलेवरी को पकड़ा तो खास अंक
ऐसा नहीं है कि सिर्फ शराब की बरामदगी पर ही मार्क्स दिये जायेंगे. अगर होम डिलेवरी को पकड़ा तो उसके लिए खास तौर पर मार्क्स दिये जायेंगे. शराब का धंधा करने वालों की संपत्ति जब्त की तो उसके लिए भी अंक मिलेंगे. जब्त शराब को नष्ट करने पर भी मार्क्स दिये जायेंगे. धंधेबाजों को सजा दिलाने पर भी अच्छा खासा अंक मिलेगा.
सरकार ने शराब कारोबारियों को सजा दिलाने के मामले में 15 अंक देने का फार्मूला तय किया है. कारोबारियों को जितनी ज्यादा सजा मिलेगी उतने ज्यादा ही अंक मिलेंगे. शराब कारोबार के किसी अभियुक्त को आजीवन कारावास औऱ मौत की सजा मिली तो सबसे ज्यादा मार्क्स मिलेंगे. सजा 10 साल की हुई तो उससे कम अंक और पांच साल की सजा पर सबसे कम अंक.
थानों को भी ऐसे ही मिलेंगे अंक
बिहार सरकार की मद्यनिषेध इकाई ने जिलों के लिए ये फार्मूला तय किया है. अब जिलों के एसपी इसी आधार पर थानों के लिए मार्किंग तय करेंगे. एसपी को ये छूट दी गयी है कि वे फार्मूला में स्थानीय परिस्थियों के हिसाब से कुछ फेर बदल भी कर सकते हैं. लेकिन थानेदारों की भी रैंकिंग होगी औऱ उसी आधार पर उन्हें काम मिलेगा.