सीवान में मनचलों ने छेड़खानी के दौरान दो लड़कियों पर चाकू से किया हमला, हालत गंभीर गया में सिंदूर महायज्ञ ने रचा इतिहास: अब तक 8 करोड़ आहुतियाँ, विकास और सनातन पर जोर आरा में संत सम्मेलन का भव्य आयोजन, अजय सिंह ने धर्म-संस्कृति पर दिया जागरूकता का संदेश नीतीश की योजनाओं का क्रेडिट ले रहे तेजस्वी यादव, बोले मंगल पांडेय..लालू परिवार ने किसी का भला नहीं किया 26 जून के छात्र-युवा संवाद को लेकर भोजपुर से जागरूकता रथ रवाना, रथयात्रा से गांव-गांव तक जागरूकता अभियान की शुरुआत नीतीश के गृह क्षेत्र में मुकेश सहनी ने किया वादा, कहा..हमारी सरकार बनी तो निषाद के खाते में 3 महीने तक दिया जाएगा ₹5000 बम की धमकी से मचा हड़कंप: यूके से दिल्ली आ रही एयर इंडिया फ्लाइट की सऊदी अरब में इमरजेंसी लैंडिंग Life Style: जब उम्मीद बाकी हो, तो कोशिशें चमत्कार कर सकती हैं; जानिए... राजा की कहानी परमानंदपुर पंचायत में VIP नेता संजीव मिश्रा का जनसंपर्क अभियान, बोले..अब गांव की सरकार गांव के लोगों के हाथ में होनी चाहिए Road Accident: आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे सड़क हादसे में बिहार के युवक की मौत, बिजनेस के सिलसिले में गए थे दिल्ली
20-Jan-2022 07:00 AM
PATNA : बिहार में शराबबंदी कानून को जमीन पर उतारने में हो रही परेशानी और इसे लेकर न्यायालयों में हो रही फजीहत के बीच राज्य सरकार अब सख्त कदम उठा रही है। शराबबंदी से जुड़े मामलों में लापरवाही बरतने वाले विशेष लोक अभियोजकों पर अब कार्रवाई करने की तैयारी है। मामला कटिहार और सुपौल के विशेष लोक अभियोजकों से जुड़ा हुआ है। यहां शराबबंदी से जुड़े केसों के निपटारे में लापरवाही को देखते हुए मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने लोक अभियोजकों के खिलाफ ही कार्रवाई का फैसला किया है।
मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने इस संबंध में आदेश दिए हैं। बुधवार को केके पाठक के पूर्णिया और कोसी प्रमंडल के सभी लोक अभियोजकों के साथ शराबबंदी से जुड़े केसों की समीक्षा की। कटिहार और सुपौल में केसों की सुनवाई को लेकर उदासीनता बरते जाने के मामले में उन्होंने नाराजगी जताते हुए दोनों जिलों के विशेष लोक अभियोजको पर कड़ी कार्रवाई की अनुशंसा की है।
ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि शराबबंदी के केस में सुस्त रवैया अपनाने वाले विशेष लोक अभियोजको पर ही एक्शन लिया जाए। अपर मुख्य सचिव ने इसके साथ ही सभी लोग अभियोजकों को निर्देश दिया है कि जिन मामलों में अब तक के आगे एक्शन या फैसला नहीं हो पाया है उनमें तत्काल पहल करें और इसके रिपोर्ट मुख्यालय को भी भेजें। आपको बता दें कि बिहार में शराबबंदी कानून के तहत तीन लाख से ज्यादा केस दर्ज हैं। इनमें से सवा लाख से अधिक के केसों का संज्ञान तक के नहीं लिया जा सका है। अब तक केवल 1636 केस का ही ट्रायल पूरा किया जा सका है। शराबबंदी कानून के तहत लंबित मामलों को लेकर सीजेआई तक अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं।