Patna Crime News: पटना पुलिस की गिरफ्त में आया शातिर बदमाश, Top10 अपराधियों में है शुमार; हथियार और गोलियां बरामद Patna Crime News: पटना पुलिस की गिरफ्त में आया शातिर बदमाश, Top10 अपराधियों में है शुमार; हथियार और गोलियां बरामद Kalpavas Rituals: कल्पवास कब से कब तक, जानिए संगम पर आध्यात्मिक साधना और स्नान की पूरी जानकारी Bihar STET Result 2025: खत्म होने वाला 4 लाख अभ्यर्थियों का इंतजार, जल्द आएगा परिणाम; बोर्ड ने बताई संभावित तारीख PM-JANMAN Mission: बिहार में आदिवासी छात्रों के लिए इतने नए आवासीय छात्रावास, जानिए कब और कौन-कौन से जिले हैं शामिल? Bihar crime news : बिहार में बेख़ौफ़ हुए अपराधी ! महिला की संदिग्ध मौत, पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा Heart Attack: सर्दियों में क्यों बढ़ जाता है हार्ट अटैक, जानिए शुरुआती लक्षण Industry Hub Bihar: इंडस्ट्री हब बनने जा रहा पटना का यह इलाका, जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू Industry Hub Bihar: इंडस्ट्री हब बनने जा रहा पटना का यह इलाका, जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana : बिहार की महिलाओं के खाते में इस तारीख को आएंगे 10000 रुपये, आवेदन का लास्ट डेट भी नजदीक
22-Jul-2024 09:52 AM
By First Bihar
DESK : सावन में कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार से दिल्ली के बीच पड़ने वाले यात्रा मार्ग पर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार के खाद्य सामग्री बेचने वालों को अपनी पहचान घोषित करने के आदेश जारी किया है। इसके बाद अब इस आदेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। जिसके बाद अब आज इस यचिका पर सुनवाई होनी है। इस मुद्दे पर अब तक टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, प्रोफेसर अपूर्वानंद और आकार पटेल के साथ-साथ एक एनजीओ ने भी अर्जी दाखिल की है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में यह बातें बताई गई है कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों द्वारा जारी निर्देश संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 17 के तहत नागरिकों को दिए बुनियादी अधिकारों को प्रभावित करते हैं। इसके साथ ही यह मुस्लिम पुरुषों के अधिकारों को भी प्रभावित करता है जो अनुच्छेद 19(1)(जी) का उल्लंघन है। इस याचिका में यह कहा गया है कि राज्य सरकार के इस आदेश का असर मुस्लिम समाज के रोजी रोटी पर भी पड़ेगा। "यह आदेश 'अस्पृश्यता' की प्रथा का समर्थन करता है जो भारत के संविधान के अनुच्छेद 17 के तहत स्पष्ट रूप से "किसी भी रूप में" वर्जित है।
वहीं, इस फैसले को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया है कि कांवड़ यात्रियों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए ये कदम उठाया गया है। यूपी के बाद 20 जुलाई को उज्जैन के मेयर ने भी दुकान के मालिकों को अपने नाम और फोन नंबर वाली नेमप्लेट लगाने के लिए कह दिया। इसके बाद अब जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस SVN भट्टी की बेंच इस मामले पर सुनवाई करेगी।