ब्रेकिंग न्यूज़

Vastu Tips: घर में यहां रखें मोर के पंख, कभी नहीं होगी पैसे की कमी Bihar News: क्राइम पर बिहार DGP का तगड़ा प्रहार, 2 दिन में धराए 1196 अपराधी; वसूला गया लाखों का जुर्माना Bihar Election 2025: चुनाव आयोग ने जारी की 2003 की वोटर लिस्ट, वेरिफिकेशन के लिए इन लोगों को नहीं देने होंगे कोई दस्तावेज Bihar Election 2025: चुनाव आयोग ने जारी की 2003 की वोटर लिस्ट, वेरिफिकेशन के लिए इन लोगों को नहीं देने होंगे कोई दस्तावेज महाराष्ट्र में फिर गरमाया भाषा विवाद:मराठी नहीं बोलने पर MNS कार्यकर्ताओं ने दुकानदार को पीटा,कहा..यहां रहना है तो मराठी बोलनी होगी Sawan Somwar Date 2025: कब है सावन की पहली सोमवारी? जानिए... शुभ मुहूर्त और पूजन विधि Bihar Crime News: रात के अंधेरे में गर्लफ्रेंड से मिलने जाना युवक को पड़ा भारी, लोगों ने जानवरों की तरह बांधकर पीटा Bihar Crime News: रात के अंधेरे में गर्लफ्रेंड से मिलने जाना युवक को पड़ा भारी, लोगों ने जानवरों की तरह बांधकर पीटा Bihar Tourism: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में 30 सितंबर तक जंगल सफारी बंद, लेकिन क्यों? Bihar Teacher News: पुरूष शिक्षकों का ट्रांसफर कब होगा ? पारस्परिक स्थानांतरण विकल्प को लेकल भी शिक्षा विभाग ने साफ की तस्वीर,जानें...

SC पहुंचा नेमप्लेट विवाद, योगी सरकार के आदेश को मिली चुनौती; आज होगी सुनवाई

SC पहुंचा नेमप्लेट विवाद, योगी सरकार के आदेश को मिली चुनौती; आज होगी सुनवाई

22-Jul-2024 09:52 AM

By First Bihar

DESK : सावन में कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार से दिल्ली के बीच पड़ने वाले यात्रा मार्ग पर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार के खाद्य सामग्री बेचने वालों को अपनी पहचान घोषित करने के आदेश जारी किया है। इसके बाद अब इस आदेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। जिसके बाद अब आज इस यचिका पर सुनवाई होनी है। इस मुद्दे पर अब तक टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, प्रोफेसर अपूर्वानंद और आकार पटेल के साथ-साथ एक एनजीओ ने भी अर्जी दाखिल की है। 


सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में यह बातें बताई गई है कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों द्वारा जारी निर्देश संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 17 के तहत नागरिकों को दिए बुनियादी अधिकारों को प्रभावित करते हैं। इसके साथ ही यह मुस्लिम पुरुषों के अधिकारों को भी प्रभावित करता है जो अनुच्छेद 19(1)(जी) का उल्लंघन है। इस याचिका में यह कहा गया है कि राज्य सरकार के इस आदेश का असर मुस्लिम समाज के  रोजी रोटी पर भी पड़ेगा। "यह आदेश 'अस्पृश्यता' की प्रथा का समर्थन करता है जो भारत के संविधान के अनुच्छेद 17 के तहत स्पष्ट रूप से "किसी भी रूप में" वर्जित है। 


वहीं, इस फैसले को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया है कि कांवड़ यात्रियों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए ये कदम उठाया गया है। यूपी के बाद 20 जुलाई को उज्जैन के मेयर ने भी दुकान के मालिकों को अपने नाम और फोन नंबर वाली नेमप्लेट लगाने के लिए कह दिया। इसके बाद अब जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस SVN भट्टी की बेंच इस मामले पर सुनवाई करेगी।