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24-Nov-2019 11:41 AM
MUMBAI : महाराष्ट्र में मची सियासी उथल-पुथल के बीच इस वक्त की बड़ी खबर दिल्ली से सामने आ रही है. जहां सुप्रीम कोर्ट ने कल तक के लिए सुनवाई टाल दी है. कोर्ट में कल 10:30 बजे सुनवाई होगी. जस्टिस एनवी रमना, अशोक भूषण और संजीव खन्ना की बेंच ने यह मामला कल तक के लिए टाला है. साथ ही कोर्ट ने दस्तावेज के लिए राज्यपाल को तलब किया है. सभी पक्षों को भी नोटिस जारी की गई है. इस रिट पेटिशन के सभी सातों पक्षों को नोटिस भेजा गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र मामले पर आज कोई फैसला नहीं सुनाया. कोर्ट अब इस मामले की कल 10.30 बजे करेगा सुनवाई. कोर्ट ने गवर्नर का आदेश और समर्थन पत्र कल सुबह तक तलब किया.शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को नोटिसा जारी किया है.तुषार मेहता को सोमवार सुबह 10:30 बजे तक फडणवीस और अजित पवार का समर्थन पत्र दिखाने को कहा है. साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार से राज्यपाल के आदेश को भी मांगा है.
महाराष्ट्र पिछले कुछ दिनों से सियासत का महा ड्रामा चल रहा है. शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. शनिवार को देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद विपक्षी दल शिवसेना, NCP और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट में आज सुबह 11:30 बजे सुनवाई शुरू हुई. जहां अभिषेक मनु सिंघवी ने तीनों पार्टी की ओर से दलीलें रखीं. उन्होंने कोर्ट से कहा कि असंवैधानिक तरीके से देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ राज भवन में दिलाई गई.
सिब्बल ने राज्यपाल की नियत पर उठाये सवाल
कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि 22 नवंबर को 7 बजे तीन पार्टियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके गठबंधन का एलान किया. उनकी ओर से सरकार बनाने की बात कही गई. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शासन हटाने का फैसला दुर्भावना भरा और मनमाना मालूम पड़ता है. कुछ नहीं पता कि कब क्या हुआ. अचानक राष्ट्रपति शासन हटा और शपथ हो गई. देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार ने विचित्र तरीके से शपथ ली. राज्यपाल दिल्ली के प्रत्यक्ष निर्देशों के तहत काम कर रहे थे. कपिल सिब्बल ने जजों से कहा कि अगर बहुमत है उन्हें तो फिर आज ही परीक्षण हो जाए.
पलट सकती है बाजी
वहीं, दूसरी ओर भी अब बाजी पलटती हुई दिखाई दे रही है. 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत के लिए 145 विधायकों के समर्थन की जरूरत है. लेकिन शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन ने अपने साथ 154 विधायकों के समर्थन का दावा किया है. ऐसे में देवेंद्र फडणवीस के लिए बहुमत साबित करना एक बहुत बड़ी चुनौती है. इतना ही नहीं, तीनों विपक्षी दलों ने अनुरोध किया कि विशेष सत्र बुलाकर फ्लोर टेस्ट का निर्देश दे.