ब्रेकिंग न्यूज़

DRDO Humanoid Robot: बॉर्डर के लिए तैयार किए जा रहे 'आयरन मैन', जवानों की सुरक्षा के साथ दुश्मनों की बर्बादी की पूरी तैयारी Bihar News: सरकारी सिस्टम में बड़ी लापरवाही? 15 अफसरों को मिला नोटिस, 7 दिन में देना होगा जवाब! Bihar News: राज्य के 15 इंजीनियरिंग कॉलेजों में विदेशी भाषा की पढ़ाई शुरू, वैश्विक नौकरी होगी अब और भी आसान Bihar job update : बिहार में जल्द होगी 22,089 नर्सों की बहाली, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का ऐलान Bihar News: रिश्वत में वाशिंग मशीन और कैश लेते गिरफ्तार हुए दारोगा साहेब, निगरानी ने कुछ ऐसे दबोचा Cooperative Banks loan in Bihar: बिहार के 15 जिलों में खुलेंगे सहकारी बैंक, एक लाख लोगों को मिलेगा लोन Boycott Turkish Products: भारत में शुरू हुआ तुर्की का आर्थिक बहिष्कार, 2023 में हमारी दरियादिली देखी, अब भुगतो नाराजगी बिहार में नहीं थम रहा भूमि विवाद का मामला: मुजफ्फरपुर में जमीन कारोबारी की हत्या, दूसरे की हालत गंभीर CBSE Board 12th Result 2025: गोल इंस्टीट्यूट के छात्र-छात्राओं ने लहराया परचम PATNA: बिहार के शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए अच्छी खबर, वेतन भुगतान के लिए 28 अरब से अधिक की राशि जारी

सत्ता वापसी के साथ बढ़ेगी लालू यादव की मुश्किलें, आईआरसीटीसी घोटाले में जल्द सुनवाई के लिए सीबीआई की अर्जी

सत्ता वापसी के साथ बढ़ेगी लालू यादव की मुश्किलें, आईआरसीटीसी घोटाले में जल्द सुनवाई के लिए सीबीआई की अर्जी

17-Aug-2022 06:58 AM

PATNA : आरजेडी ने भले ही बिहार में सत्ता वापसी कर ली हो, लालू प्रसाद यादव के कुनबे को सरकार में जगह मिल गई हो, लेकिन अब खुद लालू यादव और उनके परिवार के लोगों की मुश्किल एक बार फिर बढ़ सकती हैं. आईआरसीटीसी होटल घोटाले को लेकर सीबीआई ने उच्च न्यायालय में अर्जी दाखिल की है. इस घोटाले में लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के अलावे 11 अन्य आरोपी हैं. सीबीआई की तरफ से उच्च न्यायालय में अर्जी दाखिल करते हुए यह गुहार लगाई गई है कि मामले की जल्द सुनवाई की जाए और इसे फैसले तक ले जाया जाए.


सीबीआई की तरफ से पिछले हफ्ते दाखिल अर्जी में उच्च न्यायालय से मामले में सह आरोपी विनोद कुमार अस्थाना की याचिका पर जल्द सुनवाई करने और फैसला करने की मांग की गई है. उच्च न्यायालय ने फरवरी 2019 में अस्थाना की याचिका पर विचार करते हुए उसे विशेष अदालत में पेशी से छूट दे दी थी. इस मामले में सीबीआई ने तकरीबन 4 साल पहले चार्जशीट दाखिल किया था.


सीबीआई ने जुलाई 2017 में यह मामला दर्ज किया था. अप्रैल 2018 में आरोप पत्र दाखिल किया गया. मार्च 2020 में उच्च न्यायालय में रिपोर्ट पेश की गई तो इसमें कहा गया था कि जुलाई 2018 में एक आरोपी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सक्षम प्राधिकार से मंजूरी मांगी गई. रिपोर्ट में कहा गया था कि आरोप पत्र दाखिल करते समय आरोपी सेवा में नहीं थे. ऐसे में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी लेने की जरूरत नहीं थी. अब आईआरसीटीसी होटल घोटाला से संबंधित मामले में आरोपी विनोद कुमार अस्थाना ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर आरोप पत्र पर संज्ञान लेने से निचली अदालत के आदेश को रद्द करने की मांग की है. सीबीआई ने अपनी अर्जी में कहा है कि उच्च न्यायालय इस मामले में आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए आरोप तय किया जाए या नहीं इस बारे में आरोपपत्र पर बहस की अनुमति दे.