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16-Dec-2024 10:16 PM
By First Bihar
बोर्ड परीक्षा का समय बच्चों के साथ-साथ पेरेंट्स के लिए भी तनावपूर्ण होता है। बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए, पेरेंट्स को यह समझना जरूरी है कि उनकी भूमिका सिर्फ मॉनिटरिंग करने तक सीमित नहीं है, बल्कि बच्चों को सहारा देने और उनकी हिम्मत बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण है।
1. बच्चों को कैसे दें नैतिक सहारा?
बच्चों को भावनात्मक सपोर्ट देना सबसे जरूरी है। अगर बच्चे का कोई पेपर खराब हो गया है तो उन्हें दोष देने की बजाय उनके साथ बैठकर आगे की रणनीति बनाएं। यह जरूरी है कि बच्चे को समझाया जाए कि गलतियां सामान्य हैं और उनसे सीखकर ही आगे बढ़ा जा सकता है।
टिप्स:
बार-बार सवाल न करें कि पेपर क्यों खराब हुआ।
बच्चे को सुनें और उनकी भावनाओं का सम्मान करें।
उन्हें पॉजिटिव एनकरेजमेंट दें।
2. व्यस्त शेड्यूल में बच्चों के लिए समय कैसे निकालें?
वर्किंग पेरेंट्स के लिए बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन यह परीक्षा के समय बेहद जरूरी है।
टिप्स:
रोजाना कम से कम आधा घंटा बच्चों के साथ बिताएं।
वीकेंड पर बच्चों के साथ समय बिताने के लिए एक्टिविटीज प्लान करें।
जब बच्चे के साथ हों, तो मोबाइल या लैपटॉप का इस्तेमाल न करें।
अपने काम और जिम्मेदारियां बांट लें ताकि बच्चों पर ध्यान दे सकें।
3. बच्चों के मन से परीक्षा का डर कैसे दूर करें?
परीक्षा का डर बच्चों की परफॉर्मेंस को प्रभावित कर सकता है। पेरेंट्स का फर्ज है कि वे इस डर को खत्म करने में बच्चों की मदद करें।
टिप्स:
घर का माहौल शांत और सकारात्मक रखें।
बच्चों को समझाएं कि बोर्ड परीक्षा उनके पूरे जीवन का फैसला नहीं है।
गलतियों को सीखने का अवसर मानें।
बच्चों को टाइम मैनेजमेंट और स्टडी प्लान बनाने में मदद करें।
4. बच्चों को चीटिंग से कैसे रोकें?
अगर बच्चा परीक्षा में चीटिंग करते हुए पकड़ा गया हो, तो सख्त रुख अपनाने के बजाय स्थिति को समझने की कोशिश करें।
टिप्स:
बच्चे को ईमानदारी का महत्व समझाएं।
उससे पूछें कि उसे चीटिंग की जरूरत क्यों पड़ी।
पढ़ाई में अगर कोई दिक्कत हो रही है, तो उसकी मदद करें।
सजा के बजाय बच्चे को सही रास्ता दिखाएं।
5. फिजिकल एक्टिविटी पर ध्यान दें
पढ़ाई के दबाव में बच्चे फिजिकल एक्टिविटी से दूर हो जाते हैं, जिससे उनका वजन बढ़ने और बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।
टिप्स:
बच्चों के लिए छोटे ब्रेक्स तय करें, जिसमें वे शारीरिक गतिविधियां कर सकें।
उनके साथ बैडमिंटन खेलें, वॉक पर जाएं या घर पर स्ट्रेचिंग करें।
बच्चों को पढ़ाई और खेल-कूद में संतुलन बनाए रखने के लिए प्रेरित करें।
6. करियर को लेकर बच्चों की उलझन कैसे सुलझाएं?
बोर्ड परीक्षा के बाद का रास्ता चुनने में बच्चों को अक्सर दुविधा होती है।
टिप्स:
बच्चों के साथ बैठकर उनके इंटरेस्ट और पैशन पर चर्चा करें।
अलग-अलग करियर ऑप्शंस के बारे में जानकारी इकट्ठा करें।
बच्चों को समझाएं कि सफलता के कई रास्ते होते हैं।
उनके निर्णय में उनका साथ दें और उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करें।
7. टीचर्स और पीयर प्रेशर को कैसे संभालें?
टीचर्स और दोस्तों से मिलने वाले दबाव को संभालने में भी पेरेंट्स को बच्चों की मदद करनी चाहिए।
टिप्स:
टीचर्स से खुलकर बात करें और बच्चों के लिए स्ट्रेस मैनेजमेंट पर गाइडेंस मांगें।
बच्चों को समझाएं कि दूसरों की हर बात मानने की जरूरत नहीं है।
उन्हें आत्मविश्वास और अपनी क्षमताओं पर भरोसा करना सिखाएं।
उनके लिए सपोर्टिव और खुला माहौल बनाएं।
बोर्ड परीक्षा का समय बच्चों के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन पेरेंट्स की भूमिका इसे आसान बनाने में अहम होती है। एक अच्छा माहौल, सकारात्मक समर्थन और बच्चों के साथ संवाद से न केवल परीक्षा का तनाव कम होगा, बल्कि वे आत्मविश्वास के साथ बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे।