ब्रेकिंग न्यूज़

पटना में नगर निगम की लापरवाही से खुला मेनहोल बना जानलेवा, नाले में गिरा बच्चा पहली उड़ान बनी आखिरी सफर, सऊदी नौकरी पर निकले युवक ने फ्लाइट में दम तोड़ा, विदेश में नौकरी का सपना रह गया अधूरा जमुई में नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम, जंगल से 24 सिलेंडर बम बरामद भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग पर भीषण सड़क हादसा, महिला की मौत, 6 की हालत गंभीर Patna News: पटना एयरपोर्ट के लिए जारी हुआ नया आदेश, उल्लंघन किया तो होगी कड़ी कार्रवाई बेगूसराय में टला बड़ा हादसा: चलती ट्रेन के इंजन में लगी आग, यात्रियों ने कूदकर बचायी अपनी जान गांधी सेतु पर ट्रक और पिलर के बीच फंसा बाइक सवार, ट्रैफिक पुलिस ने किया रेस्क्यू AI in election: AI की चालबाज़ी से उलझे बिहार के वोटर! फर्जी कॉल्स-Deepfake से फैला भ्रम, अब चुनाव आयोग कसेगा शिकंजा! प्यार के लिए लड़का बना लड़की, अब पति किन्नर से शादी की जिद पर अड़ा Bihar politics : तेजस्वी ने किया 'महिला संवाद' पर हमला, जदयू का पलटवार...क्या महिलाओं की तरक्की से डरते हैं नेता प्रतिपक्ष?

रिटायर्ड DSP समेत 4 पुलिसवालों को उम्रकैद, मर्डर कर डेड बॉडी जलाने के जुर्म में मिली सजा

रिटायर्ड DSP समेत 4 पुलिसवालों को उम्रकैद, मर्डर कर डेड बॉडी जलाने के जुर्म में मिली सजा

20-Dec-2019 04:25 PM

By PANKAJ KUMAR

GAYA : इस वक्त एक एक बड़ी खबर सामने आ रही है गया से जहां कोर्ट ने डीएसपी समेत चार पुलिसकर्मियों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. एक युवक के हत्या के मामले में कोर्ट ने ANMCH के एक कर्मी को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. 23 साल पुराने मामले में पांच दोषियों को एफटीसी-1 दिग्विजय सिंह की कोर्ट ने सजा सुनाई है.


4 पुलिसवालों और एक ANMCH के कर्मी को सजा
गया जिले में कोतवाली थाना इलाके के मिरचईया गली के रहने वाले एक युवक का मर्डर कर दोषियों ने उसकी डेड बॉडी जला दी थी. पांच दोषियों में तत्कालीन कोतवाली थानाध्यक्ष और रिटायर्ड डीएसपी मुद्रिका प्रसाद यादव, तत्कालीन टास्कफोर्स के सदस्य शंभु सिंह और समीर सिंह, नई गोदाम टोओपी के कान्स्टेबल नंदु पासवान और एएनएमसीएच के कर्मचारी विजय प्रकाश को सजा सुनाई गई. 


23 साल पहले हुआ था मर्डर
23 साल पहले 26 अगस्त 1996 को दोषियों ने कोतवाली थाना के मिरचईया गली के रहने वाले आपराधिक छवि के मुन्ना कुमार को बुला कर उसकी हत्या कर दी थी. हत्या के बाद पुलिसवालों ने अज्ञात शव के रूप में पोस्टमार्टम कराकर उसे जला दिया था. अभियोजक अम्बस्टा योगानंद मुताबिक उस दिन मृतक मुन्ना के परिजन जब कोतलवाली थाना गये तो पुलिस ने उन्हें भगा दिया था. परिजनों को यह खबर मिली कि विषणुपद शमशान घाट पर अज्ञात शव को रहा है. जब परिजन वहां पहुंचे तो उन्होंने मुन्ना के रूप में डेड बॉडी की पहचान की. परिजन शव को उठाकर 27 अगस्त को गया सिविल कोर्ट में केस करने के लिए लाये. जब इसकी भनक तत्कालीन कोतवाली थानाध्यक्ष मुद्रिका प्रसाद यादव दल बल के साथ कोर्ट परिसर पहुंचे और वहां से जबरदस्ती शव का उठाकर अंतिम संस्कार करवा दिया. इस बीच 28 अगस्त को सीएजेम कोर्ट में मृतक मुन्ना के भाई सत्येन्द्र की शिकायत पर केस दर्ज किया गया और करीब 23 साल के बाद इस केस में सुनवाई के बाद चार पुलिसकर्मी समेत पांच को हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा सुनाई गई.