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18-Mar-2023 07:14 AM
By First Bihar
PATNA : बिहार के नये राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने अपने पूर्ववर्ती फागू चौहान के कार्यकाल में सूबे के विश्वविद्यालयों में फैले भ्रष्टाचार को साफ करने का सिलसिला तेज कर दिया है. राज्यपाल सह कुलाधिपति ने जय प्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के दागी कुलसचिव को पद से हटा दिया है. राजभवन की ओर से भेजे गये पत्र में कहा गया है कि छपरा विश्वविद्यालय के कुलसचिव रवि प्रकाश बबलू को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त किया जा रहा है.
राज्यपाल के प्रधान सचिव की ओर से भेजे गये पत्र में यूनिवर्सिटी के कुलपति को कहा गया है कि नये कुलसचिव की नियुक्ति होने तक वे अपने स्तर से वैकल्पिक व्यवस्था करें. राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल. चोंग्थू ने 17 मार्च को जय प्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के कुलपति को पत्र लिखा है.
फागू चौहान के खास थे रवि प्रकाश बबलू
भ्रष्टाचार के आरोपी कुलसचिव रवि प्रकाश बबलू बिहार के पूर्व राज्यपाल फागू चौहान के खास माने जाते थे. भ्रष्टाचार के मामले में चार्जशीटेड होने के बावजूद रवि प्रकाश बबलू को जयप्रकाश विवि छपरा का कुलसचिव बनाया गया था. बाद में रवि प्रकाश बबलू को मगध विवि के कुलसचिव पद का भी प्रभार सौंप दिया गया था. रवि प्रकाश बबलू के उत्तर पुस्तिका घोटाले के मुख्य आरोपी थे. निगरानी थाना में उनके खिलाफ कांड संख्या 10/15 दर्ज है. करोड़ों रूपए के उत्तर पुस्तिका खरीद घोटाले को लेकर डा बबलू पर 31 जनवरी 2015 को ही निगरानी ने विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया था. वे उस दौरान जेपी विवि के समायोजक महाविद्यालय विकास परिषद के पद पर थे. राजभवन से स्वीकृति मिलने के बाद 12 अक्टूबर 2015 को आरोप पत्र दायर किया गया था.
जमानत पर चल रहे रवि प्रकाश बबलू को सस्पेंड भी किया गया था. उनका सस्पेंशन 28 जुलाई 2016 को इस शर्त पर हटा था कि भविष्य में उन्हें प्रशासनिक पद नहीं मिलेगा और न ही किसी कमेटी में नामित होगें. इसके बावजूद उन्हें दो दफे उसे विश्वविद्यालय का दो बार कुलसचिव बनाया गया था, जहां उनके खिलाफ घोटाले का आरोप था. प्रभारी कुलसचिव रहते रवि प्रकाश बबलू पर घोटाले से संबंधित संचिका को गायब करने का भी आरोप लगा. इसके लिए विवि के कुलानुशासक ने प्राथमिकी भी दर्ज कराई थी. ऐसे गंभीर आरोपों के बावजूद वे कुलसचिव के पद पर बने रहे.
7 वि.वि. में कार्यकारी कुलसचिव बनाने का निर्देश
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने सात विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों के सभी प्रकार के काम पर रोक लगा दिया है. कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, मुंगेर विश्वविद्यालय, मगध विश्वविद्यालय, पटना विश्वविद्यालय, मौलाना मजहरूल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव के कामकाज पर राज्यपाल ने पिछले 11 मार्च को ही रोक लगायी थी. अब इन यूनिवर्सिटी के कुलपति को कहा गया है कि वे कुलसचिव का काम देखने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करें ताकि विश्वविद्यालय का प्रशासनिक और शैक्षणिक कार्य सुचारू रुप से चलता रहे. सभी कुलपतियों को कहा गया है कि वे प्रभारी कुलसचिव के पद पर ऐसे व्यक्ति को तैनात करें जो ऐसोसिएट प्रोफेसर से कम ना हों और उनके विरूद्ध कोई विभागीय कार्रवाई संचालित या गंभीर आरोप नहीं हों.
बता दें कि, 11 मार्च को राजभवन ने सात कुलसचिवों के कार्यों पर रोक लगायी थी। तब राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने बिहार में नए राज्यपाल व कुलाधिपति का पदभार संभालने के बाद पहली बड़ी कार्यवाही की थी. ये वैसे कुलसचिव थे जिनकी पोस्टिंग पूर्व राज्यपाल फागू चौहान ने बिहार से अपना ट्रांसफर होने के बाद किया था.