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18-Feb-2020 07:15 PM
PATNA: प्रशांत किशोर पर बिहार के डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता सुशील मोदी ने पलटवार किया. कहा कि इंवेट मैनेजमेंट करने वालों की अपनी कोई विचारधारा नहीं होती. लेकिन वे अपने प्रायोजक की विचारधारा और भाषा तुरंत अपनाने में माहिर होते हैं. जनता देख रही है कि चुनाव करीब आने पर किसको अचानक किसमें गोडसे के विचारों की छाया दिखने लगी और कौन दूध का धुला सेक्युलर गांधीवादी लगने लगा.
पाखंडी हैं प्रशांत किशोर
मोदी ने कहा कि अजीब पाखंड है कि कोई किसी को पितातुल्य बताये और पिता के लिए 'पिछलग्गू' जैसा घटिया शब्द चुने. जो व्यक्ति 2014 में नरेंद्र मोदी की जीत के लिए काम करने का डंका पीट चुका हो, उसे बताना चाहिए तब मोदी और भाजपा उसे गोडसेवादी क्यों नहीं लगे? पिछले ढाई साल से नीतीश कुमार भाजपा के साथ हैं, लेकिन चुनाव से आठ महीने पहले वे गोडसेवादी क्यों लगने लगे?
नया ठेका लेने की कोशिश में
मोदी ने कहा कि बिहार में चंद महीनों बाद चुनाव होने को है. इसलिए हर कोई अभी से अपनी तैयारी कर रहा है और अधिकतम लाभ या सफलता को ध्यान में रख कर बयान दे रहा है. सरकार अपने पांच साल के काम जनता के सामने रख रही है. जो बेरोजगार रहे वे रथ यात्रा निकाल कर अपनी नाकामी पर पर्दा डालना चाहते हैं और जो इवेंट मैनेजमेंट और स्लोगन राइटिंग का काम करते थे वे नया ठेका पाने में लग गए हैं. जनता मालिक है और वह केवल काम पर आशीर्वाद देने वाली है.