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26-Jul-2021 03:07 PM
By RANJAN
KAIMUR: लोग अपने घरों से ज्यादा बैंकों में पैसे रखना सुरक्षित मानते हैं। इसलिए ज्यादात्तर लोग बैंकों में पैसे रखते हैं। लेकिन अब बैंकों में भी पैसे सुरक्षित नहीं हैं। कैमूर के कुदरा प्रखंड मुख्यालय स्थित पंजाब नेशनल बैंक में एक हैरतअंगेज मामला सामने आया है जिसे जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे।

कुदरा स्थित पंजाब नेशनल बैंक के कर्मचारियों ने दो फर्जी चेक का RTGS कर एक व्यवसायी को 20 लाख रुपये का चूना लगा दिया। पीड़ित व्यवसायी ने पैसे की बरामदगी और दोषी बैंक मैनेजर पर कार्रवाई की मांग को लेकर कुदरा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है। पीड़ित व्यवसायी ने पुलिस से मामले की जांच की मांग की है। व्यवसायी न्याय की गुहार के लिए थाने का चक्कर लगा रहे हैं।

पीड़ित व्यवसायी ने बताया कि जिस चेक के जरीये पीएनबी के कर्मियों ने आरटीजीएस कर पैसे दूसरे बैंक में ट्रांसफर किए वह चेक उनके पास ही है। पीएनबी के कर्मचारियों ने एक ही व्यक्ति को एक ही तिथि में दो अलग-अलग चेक से करीब 20 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिया और इस संबंध में किसी भी प्रकार की जांच नहीं की।

नियम यह है कि एक लाख से ऊपर का यदि ट्रांजेक्शन होता है तो पहले बैंक के द्वारा वेरिफिकेशन किया जाता है। लेकिन इस मामले में पैसे ट्रांसफर करने से पहले वेरिफिकेशन तक नहीं किया गया। ऐसे में बैंक के अधिकारी भी सवालों के घेरे में हैं। हालांकि वे इस मामले में कैमरे पर कुछ भी बोलने से परहेज करते दिखे।

दरअसल कैमूर जिले के कुदरा प्रखंड मुख्यालय स्थित श्री विश्वकर्मा मॉडर्न उद्योग प्राइवेट लिमिटेड नामक एक कंपनी को दो लोग मिलकर चलाते हैं। 2017 में पंजाब नेशनल बैंक कुदरा में एक सीसी अकाउंट इनके द्वारा खुलवाया गया। और फर्म चलाने के लिए बैंक के द्वारा लोन भी उपलब्ध कराया गया। सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था।

लेकिन 17 जुलाई को पून्नू कुमार नामक एक व्यक्ति के जहानाबाद के घोसी स्थित एसबीआई शाखा में नौ लाख पचहतर हजार रुपये और नौ लाख पच्चासी हजार रुपए के दो चेक का भुगतान इसी फर्म के चेक नंबर 747240 और 747245 से आरटीजीएस कर दिया गया।

अमाउंट अकाउंट से डेबिट होने का मैसेज फर्म के प्रोपराइटर की मोबाइल पर भी नहीं आया। फिर जब 22 जुलाई को फर्म के प्रोपराइटर ने डेढ़ लाख रुपए का चेक दूसरे पार्टी को पेमेंट करने के लिए भेजा तो डेढ़ लाख रुपए डेबिट होने का मैसेज मोबाइल पर आया। जिसमें पहले डेबिट हुए करीब 20 लाख रुपए का भी बैलेंस बताया गया।
बैंक से आए मैसेज को देख व्यवसायी परेशान हो गये और आनन-फानन में वे बैंक पहुंचे जहां बैंक प्रबंधक को इसकी सूचना दी। लेकिन बैंक प्रबंधक ने यह कह कर पल्ला झाड़ दिया कि जिस चेक संख्या का बात कर रहे हैं वह चेक बैंक में मौजूद है। वही चेक नम्बर व्यवसायी ने भी शाखा प्रबंधक को दिखाया और बताया कि मैंने ना तो उस चेक नंबर का प्रयोग किया है और ना ही उस चेक सीरीज का किसी भी चेक का अभी तक प्रयोग किया है।
अभी भी पुराने चेक का ही उपयोग कर रहा हूं। इतना सुनते ही बैंक मैनेजर ने मेरे साथ बुरा बर्ताव किया। जिसके बाद कुदरा थाने में बैंक मैनेजर की संलिप्तता का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई गयी।
पीड़ित व्यवसायी ने बताया कि उद्योग को चलाने के लिए करीब डेढ़ करोड़ रुपये का लोन उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक से लिया था। लॉकडाउन में व्यवसाय में नुकसान सहना पड़ा। मुश्किल में फिर से मंदी से उबरने का हम प्रयास कर रहे हैं। लेकिन तभी फर्जी तरीके से 20 लाख रुपये मेरे अकाउंट से ट्रांसफर कर लिया गया। ऐसे में अब लिए गये लोन को कैसे चुकाएंगे इसे लेकर परेशान हैं।
पीड़ित व्यवसायी ने पैसे की रिकवरी और दोषी बैंक मैनेजर पर कार्रवाई की मांग को लेकर कुदरा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है। पीड़ित व्यवसायी ने पुलिस से इस मामले की जांच की मांग की है। व्यवसायी न्याय की गुहार के लिए थाने का चक्कर लगा रहे हैं।
इस मामले पर मोहनियां DSP रघुनाथ सिंह ने बताया कि व्यवसायी के द्वारा पीएनबी के शाखा प्रबंधक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। फिलहाल पुलिस 20 लाख रुपए के फर्जी ट्रांसफर मामले की जांच कर रही है। इस मामले में जो भी दोषी होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।