ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election 2025: खेसारी लाल यादव के रोड शो की शोर में दब गई मरीज की चीख, 45 मिनट तक एंबुलेंस में तड़पती रही महिला Bihar Election 2025: खेसारी लाल यादव के रोड शो की शोर में दब गई मरीज की चीख, 45 मिनट तक एंबुलेंस में तड़पती रही महिला US Visa Rules 2025: अमेरिका ने वीज़ा नियमों में किया सख्त बदलाव, अगर ये बीमारियां हैं तो US में नहीं मिलेगी एंट्री US Visa Rules 2025: अमेरिका ने वीज़ा नियमों में किया सख्त बदलाव, अगर ये बीमारियां हैं तो US में नहीं मिलेगी एंट्री Government Office New Time Table: क्यों बदल गई सरकारी दफ्तरों की टाइमिंग? जानिए.. अब कितने बजे खुलेंगे गवर्मेंट ऑफिस Government Office New Time Table: क्यों बदल गई सरकारी दफ्तरों की टाइमिंग? जानिए.. अब कितने बजे खुलेंगे गवर्मेंट ऑफिस Bihar Election 2025: ‘बिहार में पहले चरण की वोटिंग के दौरान नहीं हुई कोई गड़बड़ी’, चुनाव आयोग का दावा Bihar Election 2025: ‘बिहार में पहले चरण की वोटिंग के दौरान नहीं हुई कोई गड़बड़ी’, चुनाव आयोग का दावा Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच बसपा का बड़ा एक्शन, पार्टी उम्मीदवार को 6 साल के लिए निकाला Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच बसपा का बड़ा एक्शन, पार्टी उम्मीदवार को 6 साल के लिए निकाला

शिक्षा विभाग में बड़ा घोटाला, पटना डीईओ ने असिस्टेंट टीचर्स को अवैध तरीके से दिया प्रमोशन

शिक्षा विभाग में बड़ा घोटाला, पटना डीईओ ने असिस्टेंट टीचर्स को अवैध तरीके से दिया प्रमोशन

25-Feb-2021 07:30 AM

PATNA : बिहार में सरकारी राशि के बंदरबांट का एक नया मामला सामने आया है, मामला शिक्षा विभाग से जुड़ा है। पटना के डीईओ ने जिले के 600 से अधिक के असिस्टेंट टीचर्स को अवैध तरीके से प्रमोशन देकर उनका वेतन बढ़ा दिया। सभी असिस्टेंट टीचर को इस वजह से एकमुश्त 6 से 7 लाख का फायदा पहुंचा और इस तरह राज्य सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लग गया। जी हां, मामला सामने आने के बाद अब हर माह शिक्षकों के वेतन से कटौती का आदेश जारी कर दिया गया है। पटना जिले में दिसंबर 1995 के बाद नियुक्त 600 से अधिक के सहायक शिक्षकों के वेतन में कटौती करने का आदेश जिला शिक्षा पदाधिकारी ज्योति कुमार ने जारी किया है। इन शिक्षकों के वेतन से 40 फीसदी वेतन के कटौती होगी

यह पूरा मामला शिक्षा विभाग के नियमों की अनदेखी कर शिक्षकों को प्रमोशन देने और उन्हें बढ़ा हुआ वेतन का लाभ देने से जुड़ा है। पटना जिले में इस मामले की जांच के लिए एक सामाजिक कार्यकर्ता गायत्री देवी ने जुलाई 2020 में प्रमंडलीय आयुक्त को आवेदन दिया था। आवेदन में आरोप था कि डीईओ ज्योति कुमार जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना केशव कुमार और लिपिक शंभू कुमार ने 31 दिसंबर 1995 के बाद नियुक्त शिक्षकों को गलत तरीके से वरीय वेतनमान का निर्धारण कर करोड़ों रुपए की सरकारी राशि का बंदरबांट किया है। जिले के छह सौ से ज्यादा शिक्षकों को प्रथम उन्नयन ग्रेड पे 4600 देते हुए नियुक्ति से प्रशिक्षित मानकर वेतन का निर्धारण किया गया। जिसके कारण उन्हें सातवें वेतन वृद्धि का फायदा मिला और प्रत्येक शिक्षक को दो से तीन वार्षिक वेतन वृद्धि हो गई। इसके कारण इन टीचर्स की ना केवल हर महीने 7 से 8 हजार वेतन वृद्धि हुई बल्कि एक मुश्त 6 से 7 लाख का बकाया भी मिल गया। 


हैरत की बात यह है कि सामाजिक कार्यकर्ता की शिकायत पर प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक को जांच का आदेश दिया लेकिन आरोपी होने के बावजूद जांच रिपोर्ट भी डीईओ ने ही तैयार कर दी. क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक को डीईओ की तरफ से बताया गया कि वेतन पुनरीक्षण में कोई गड़बड़ी नहीं की गई। इसके बाद शिकायतकर्ता ने फिर आयुक्त कार्यालय का दरवाजा खटखटाया। आयुक्त ने आरडीडीई को पत्र लिखकर उनसे खुद जांच करने को कहा और जांच के बाद अब तक 85 ऐसे शिक्षकों का मामला सामने आया है जिन्हें गलत तरीके से फायदा पहुंचाया गया। एक हिंदी दैनिक में छपी खबर के मुताबिक यह संख्या तकरीबन 600 के पार जा सकती है। अब डीईओ ने ऐसे शिक्षकों के वेतन से 40 फ़ीसदी कटौती का आदेश जारी किया है। डीईओ ज्योति कुमार ने बताया है कि कितने शिक्षकों का वेतन बढ़ा है इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं इसकी जानकारी स्थापना शाखा को होगी।