Amrit Bharat Train: त्योहारी सीजन में यात्रियों को बड़ी राहत, रेलवे चलाएगा शेखपुरा से दिल्ली तक विशेष अमृत भारत ट्रेन Liquor Cashless Policy : शराब को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, अब केवल ऑनलाइन पेमेंट से ही मिलेगी बोतल BSSC CGL 4 Vacancy: BSSC CGL 4 और ऑफिस अटेंडेंट के पदों पर बंपर वैकेंसी, आवेदन शुरू; जानिए... पूरी खबर PATNA NEWS : केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान का विरोध, NUSI के मेंबर ने दिखाए काले झंडे फिर जमकर हुई हाथापाई और गाली-गलौज आपदा में फोटो खिंचाने का अवसर: बाढ़ पीड़ितों के दुःख से दुःखी नहीं...तस्वीर खिंचवाने/छपवाने का मौका मिलने से खुश हैं जेडीयू नेता ! DM से मिलने के दौरान खिलखिला कर हंसते रहे 'छोटू सिंह'..तस्वीरें दे रहीं गवाही GST Reforms 2025: इन वस्तुओं पर कम होगा GST दर, जानिए... संभावित बदलाव की पूरी डिटेल Bihar News: पाकिस्तान के शातिरों से मिल रहा बिहार के साइबर ठगों को प्रशिक्षण, इस जिले में बड़े गिरोह का हुआ भंडाफोड़ Ganesh Chaturthi 2025: इस गणेश चतुर्थी पर किस रंग के गणपति करें स्थापित? जानिए... शुभ संयोग और महत्व ANANT SINGH : मोकामा से पटना तक गूंजेगी सियासी आवाज, अनंत सिंह संग दिखेंगे ललन सिंह; जेल से बाहर आने के बाद पहली बार बड़ा कार्यक्रम Bihar News: बिहार में जारी राजस्व महा-अभियान शिविरों में सभी आवेदन किए जाएंगे स्वीकार, सरकार ने सभी CO को जारी किया आदेश
30-Apr-2023 04:21 PM
By First Bihar
PATNA: पटना पुलिस के लोक सूचना पदाधिकारी पर कार्रवाई का आदेश बिहार राज्य सूचना आयोग ने दिया है। इस संबंध में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को मामले में संज्ञान लेने को कहा गया है।
दरअसल वादी देव ज्योति ने पटना पुलिस से सूचना मांगी थी लेकिन 9 महीने बीत जाने के बाद भी सूचना प्रदान नहीं की गयी। जिस पर बिहार राज्य सूचना आयोग ने नाराजगी जताई और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को दोषी लोक सूचना पदाधिकारी पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
बता दें कि 30 मई 2022 को वादी देव ज्योति ने पटना पुलिस के लोक सूचना पदाधिकारी से वैसे महानुभावों की सूची मांगी थी, जिन्हें नि:शुल्क बॉडीगार्ड मुहैया कराया गया है। लेकिन नियमों का हवाला देकर पटना पुलिस ने सूची उपलब्ध नहीं करायी। जिसके बाद वादी देव ज्योति 21 जून 2022 को द्वितीय अपील में गए।
जहां बिहार सूचना आयोग ने मुफ्त में अंगरक्षक रखने वालों की संख्या उपलब्ध कराने का आदेश दिया। बावजूद इसके 9 महीने बाद भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराया गयी। इसके बाद आयोग ने इस कार्यशैली पर गहरी नाराजगी जताई। अपने आदेश में आयोग ने इस मामले को अपर मुख्य सचिव, गृह विभाग, बिहार को संज्ञान में लाकर विलंब के लिए दोषी लोक सूचना पदाधिकारी पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।