‘घर से दो-दो मुट्ठी चावल लेकर ऑफिस आएं’ सरकारी अधिकारी ने कर्मियों को क्यों दिया ऐसा आदेश? ‘घर से दो-दो मुट्ठी चावल लेकर ऑफिस आएं’ सरकारी अधिकारी ने कर्मियों को क्यों दिया ऐसा आदेश? BIHAR: बच्चों में बढ़ रही टाइप-2 डायबिटीज की चिंता, स्कूलों में 'शुगर बोर्ड' लगाने का CBSE ने दिया निर्देश Bihar News: तेज रफ्तार वैन ने सड़क पार कर रहे शख्स को उड़ाया, मौत से नाराज लोगों ने किया भारी बवाल Bihar News: तेज रफ्तार वैन ने सड़क पार कर रहे शख्स को उड़ाया, मौत से नाराज लोगों ने किया भारी बवाल Success Story: चंबल के डाकू के पोते ने कर दिया कमाल, पहले IIT पास की; अब बना IAS अधिकारी Bihar Crime News: बिहार में वार्ड पार्षद ससुर की शर्मनाक करतूत, अश्लील वीडियो दिखाकर बहू के साथ जबरन किया गंदा काम; थाने पहुंचा मामला Bael juice side in summer: बेल का शरबत पीने से पहले जरूर जान लें ये 4 बातें, नहीं तो हो सकता है नुकसान? CM नीतीश ने 'करप्शन' को लेकर 'खनन-परिवहन' का भी नाम लिया...आखिर क्यों ? यहां 'भ्रष्टाचार' पर पर्दा डालने की होती है कोशिश, दो उदाहरण से खेल को समझिए... Life Style: गर्मी बढ़ने के साथ ही बढ़ी डिहाइड्रेशन के मरीजों की संख्या, बचने के लिए अपनाएं ये टिप्स
23-Nov-2021 01:32 PM
पटना : प्रसिद्ध जोड़ प्रत्यारोपण सर्जन व अनूप इंस्टीट्यूट ऑफ ऑर्थोपेडिक एंड रिहेबिलिटेशन के संचालक डॉ. आशीष सिंह को संजीवनी अवार्ड से नवाजा गया है. ग्लोबल ऑर्थोपेडिक फोरम ने उन्हें इस सम्मान से नवाजा है. उन्हें यह सम्मान देश-विदेश में जोड़ प्रत्यारोपण और हड्डी से संबंधित रोगों के इलाज और अपनी योग्यता से निस्वार्थ भाव से समाज के भले के लिए किए गए कार्यों के लिए दिया गया.
पटना के यारपुर स्थित अक्षत सेवा सदन में आयोजित एक कार्यक्रम में बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन सुमन सिन्हा ने उन्हें यह सम्मान दिया है. सम्मान मिलने पर डॉ. आशीष सिंह ने फोरम का आभार व्यक्त किया. पत्रकारों से बातचीत के दौरान डॉ. आशीष ने कहा कि मुझे एक्सीलेंस के लिए यह अवार्ड मिला है. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तो काम कर ही रहा हूं. यहां भी मुझे अपने कार्यों के लिए चिन्हित किया गया और फलस्वरूप यह सम्मान मिला. इसके लिए फोरम के अधिकारियों के प्रति आभार प्रकट करता हूं. उन्होंने मुझे इस काबिल समझा.
गौरतलब है कि डॉ. आशीष पूरे पूर्वोत्तर भारत के एक मात्र जोड़ प्रत्यारोपण विशेषज्ञ हैं जो रोबोट की मदद से ऑपरेशन करते हैं. ये हर रोज चार से पांच जोड़ प्रत्यारोपण करते हैं. अब तक पांच हजार से ज्यादा जोड़ प्रत्यारोपण कर चुके हैं. इनकी पढ़ाई और ट्रेनिंग भारत, अमेरिका, जर्मनी, स्कॉटलैंड, साउथ कोरिया, स्वीडन आदि देशों में हुई है. डॉ. आशीष के पिता डॉ. आरएन सिंह भी प्रसिद्ध ऑर्थोपेडिक सर्जन हैं. उन्हें पद्मश्री से भी नवाजा जा चुका है.