यह चुनाव मात्र सरकार बदलने का नहीं, धोखा देने वालों से बदला लेने का भी समय है: मुकेश सहनी जमुई में आचार संहिता उल्लंघन: जदयू प्रत्याशी सुमित सिंह के स्वागत में जुटे 50 लोगों पर केस दर्ज, दो नामजद श्री लंगटा बाबा स्टील प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निकाली गई भव्य शोभायात्रा, श्रद्धालुओं की सेवा के लिए किए गए विशेष प्रबंध श्री लंगटा बाबा स्टील प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निकाली गई भव्य शोभायात्रा, श्रद्धालुओं की सेवा के लिए किए गए विशेष प्रबंध Bihar Election 2025: ‘बिहार में तीन-चौथाई सीटें जीतेगी NDA और बनाएगी सरकार’ राजनाथ सिंह का बड़ा दावा Bihar Election 2025: पवन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता कुशवाहा के लिए किया रोड शो, आरजेडी कार्यकर्ताओं से भिड़ंत होने से बचा Bihar Election 2025: सासाराम में सीएम योगी की ललकार, महागठबंधन पर जमकर बरसे; उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता कुशवाहा के लिए मांगे वोट Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में नहीं चलेगा ‘लाल पानी’ का खेल, वोटिंग से पहले शराब स्मगलर्स के खिलाफ बड़ा अभियान, ड्रोन और स्कैनर से हो रही निगरानी Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में नहीं चलेगा ‘लाल पानी’ का खेल, वोटिंग से पहले शराब स्मगलर्स के खिलाफ बड़ा अभियान, ड्रोन और स्कैनर से हो रही निगरानी Bihar News: पटना में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का दो दिवसीय ट्रेनिंग कार्यक्रम संपन्न, सेवाओं के विस्तार की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम
21-Apr-2023 08:40 AM
By First Bihar
PATNA : बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के खिलाफ पटना हाईकोर्ट से वारंट जारी होने के बाद सरकार में हड़कंप मचा है. लिहाजा अब नया फरमान जारी कर दिया गया है. अब अगर मुख्य सचिव या अपर मुख्य सचिव को कोर्ट में हाजिर होना पड़ा तो छोटे अधिकारी नाप दिये जायेंगे. सरकार उन्हें निलंबित कर देगी.
शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश
बिहार सरकार का शिक्षा विभाग सबसे ज्यादा कानूनी पचड़े में फंसा हुआ विभाग है. लिहाजा कोर्ट की नाराजगी का सबसे ज्यादा डर इसी विभाग को सता रहा है. शिक्षा विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशक बी. कार्तिकेय धनजी ने अपने विभाग के निचले अधिकारियों को पत्र जारी किया है. बिहार के सभी क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक, जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को भेजे गये पत्र में उन्हें कठोर चेतावनी दी गयी है. प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने अपने पत्र में लिखा है-अब अगर किसी निचले अधिकारी के कारण विभाग के अपर मुख्य सचिव या बिहार सरकार के मुख्य सचिव को हाईकोर्ट में हाजिर होना पड़ा तो इसके लिए जिम्मेवार अधिकारी को निलंबित कर दिया जाएगा. उनका न सिर्फ निलंबन होगा बल्कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी.
बता दें कि शिक्षा विभाग ने ये फरमान पटना हाईकोर्ट द्वारा स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के खिलाफ वारंट जारी करने के बाद किया है. कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किये जाने से नाराज पटना हाइकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव के खिलाफ गिरफ्तारी का जमानती वारंट जारी किया है. पटना हाईकोर्ट में डॉ. राकेश रंजन ने शिक्षा विभाग के खिलाफ अवमानना की याचिका दायर की थी. इस मामले में पटना हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को 5 अप्रैल को कोर्ट में हाजिर होकर केस से संबंधित सारे रिकार्ड और कागजात पेश करने को कहा था. लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव कोर्ट में हाजिर नहीं हुए. इसके बाद याचिका दायर करने वाले के वकील ने कोर्ट से कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव कोर्ट के आदेश को भी नजरअंदाज कर रहे हैं. नाराज कोर्ट ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के खिलाफ जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया था.
हाईकोर्ट के सख्त आदेश के बाद हरकत में आये शिक्षा विभाग ने अपने सारे भी अधिकारियों को कोर्ट से संबंधित मामलों का हर हाल में समय पर सही तरीके से निष्पादन सुनिश्चित करने को कहा है. शिक्षा विभाग के निदेशक की ओर से भेजे गये पत्र में कहा है कि अगर कोर्ट से जुडे मामले में ढिलाई हुई तो इसे बेहद गंभीरता से लिया जायेगा. दरअसल, पिछले कुछ महीनों में शिक्षा विभाग के आलाधिकारियों को कोर्ट में काफी फजीहत का सामना करना पडा है. पिछले दिनों ही शिक्षा विभाग के मामले में मुख्य सचिव की फजीहत हुई थी. वहीं विभाग के अपर मुख्य सचिव के साथ भी ऐसा ही वाकया हुआ था.
शिक्षा विभाग ने कोर्ट में हो रही अपनी फजीहत के कारणों की समीक्षा की तो पता चला कि क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक, जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्तर के कुछ अधिकारियों की गलती के कारण आलाधिकारियों को फजीहत झेलना पड़ रहा है. इसके बाद नाराज अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने पत्र जारी करने का निर्देश दिया. अब शिक्षा विभाग के निदेशक ने अपने पत्र में कहा है कि मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव और निदेशक के स्तर से निचले अधिकारियों को बार-बार कानूनी मामलों का समय पर गंभीरता से निष्पादन करने का निर्देश दिया जाता रहा है. निचले अधिकारियों को हाईकोर्ट के मामले में समय पर कागजात जमा करने का भी निर्देश दिया जाता रहा है. लेकिन फिर भी ये पाया गया कि उनके स्तर पर सही तथ्य नहीं रखे गए और कई मामलों में देर भी की गयी. इसके कारण मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव को कोर्ट में पेश होना पड़ा. यह खेदजनक है और यदि भविष्य में उनकी गलती से ऐसा हुआ तो जिम्मेवार अधिकारी का निलंबन होगा. अलग से अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जायेगी.