पटना में नगर निगम की लापरवाही से खुला मेनहोल बना जानलेवा, नाले में गिरा बच्चा पहली उड़ान बनी आखिरी सफर, सऊदी नौकरी पर निकले युवक ने फ्लाइट में दम तोड़ा, विदेश में नौकरी का सपना रह गया अधूरा जमुई में नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम, जंगल से 24 सिलेंडर बम बरामद भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग पर भीषण सड़क हादसा, महिला की मौत, 6 की हालत गंभीर Patna News: पटना एयरपोर्ट के लिए जारी हुआ नया आदेश, उल्लंघन किया तो होगी कड़ी कार्रवाई बेगूसराय में टला बड़ा हादसा: चलती ट्रेन के इंजन में लगी आग, यात्रियों ने कूदकर बचायी अपनी जान गांधी सेतु पर ट्रक और पिलर के बीच फंसा बाइक सवार, ट्रैफिक पुलिस ने किया रेस्क्यू AI in election: AI की चालबाज़ी से उलझे बिहार के वोटर! फर्जी कॉल्स-Deepfake से फैला भ्रम, अब चुनाव आयोग कसेगा शिकंजा! प्यार के लिए लड़का बना लड़की, अब पति किन्नर से शादी की जिद पर अड़ा Bihar politics : तेजस्वी ने किया 'महिला संवाद' पर हमला, जदयू का पलटवार...क्या महिलाओं की तरक्की से डरते हैं नेता प्रतिपक्ष?
26-Apr-2020 01:39 PM
By Pankaj Kumar
GAYA : पूरा विश्व कोरोना के खिलाफ महाजंग लड़ रहा है. हमारे देश में भी कोरोना के संक्रमण के चेन को तोड़ने के लिए 3 मई तक लॉकडाउन है. लॉकडाउन के दौरान गया में भी तीर्थयात्रियों और यजमानों के आने का सिलसिला बन्द होने के बाद शास्त्रों में वर्णित परंपरा को निभाने के लिए पंडा समाज के लोग खुद पिंडदान कर रहे है.
वायु पुराण,गरुड़ पुराण सहित कई धार्मिक शास्त्रों में हर दिन गया धाम में एक पिंड और एक मुंड जरूरी बताया गया है. इसका मतलब यह है कि गया में हर रोज एक पिंड पड़ना और मोक्ष धाम में एक शव का जलना जरुरी है. लेकिन लॉकडाउन के कारण यात्रियों का आना बंद हो चुका है.
ऐसे में पंडा समाज खुद पिंडदान कर वर्षो की परंपरा को निभा रहे है. बताया गया कि पिंडदान का समय और स्थान निर्धारित नहीं होता है. पूरे 5 कोस में फैले गया धाम के विभिन्न पिंडवेदी व विष्णुपद में ही कर लिया जाता है. चुकी विष्णुपद मन्दिर भी बन्द है. सिर्फ प्रतिदिन गर्भगृह में पूजा की जाती है औऱ फिर इसे बंद कर दिया जाता है. यहां सिर्फ पंड़ा समाज के लोग ही जा सकते हैं.