शराबबंदी वाले बिहार में शराब की बड़ी खेप बरामद, शराब तस्कर महेश राय गिरफ्तार वैशाली से बड़ी खबर: दलान से घर लौट रहे बुजुर्ग को मारी गोली SAHARSA: ई-रिक्शा को ट्रक ने मारी टक्कर, पलटने से महिला की मौत; शादी समारोह में शामिल होने जा रही थी मृतका ARRAH: कोइलवर में डेंगू-मलेरिया से बचाव के लिए अनोखी पहल, उद्योगपति अजय सिंह और देवनारायण ब्रह्मचारी जी महाराज रहे मौजूद जब नीतीश के गांव में जाने की नहीं मिली इजाजत, तब बिहारशरीफ में गरजे प्रशांत किशोर, कहा..आज भ्रष्टाचार की कलई खुल जाती Ara News: बीरमपुर क्रिकेट टूर्नामेंट (सीजन 7) का भव्य समापन, बीजेपी नेता अजय सिंह ने विजेता टीम को किया सम्मानित Ara News: बीरमपुर क्रिकेट टूर्नामेंट (सीजन 7) का भव्य समापन, बीजेपी नेता अजय सिंह ने विजेता टीम को किया सम्मानित BIHAR: कार साइड लगाने को लेकर बारात में बवाल, दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट-फायरिंग Life Style: पिंक सॉल्ट सफेद नमक से कैसे है अलग, शरीर के लिए कौन है अधिक फायदेमंद? Bihar School News: कैसे पढ़-लिखकर होशियार बनेंगे बिहार के बच्चे? हेडमास्टर ने नदी में फेंक दी किताबें
16-Sep-2021 08:12 AM
PATNA : बिहार में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया जारी है। पंचायत चुनाव भले ही दलीय आधार पर नहीं हो रहा है लेकिन इसके बावजूद सभी राजनीतिक दलों की दिलचस्पी इसमें बनी हुई है। खासतौर पर ऐसे नेता जो स्थानीय निकाय कोटे से जीतकर विधान परिषद पहुंचते हैं। वह पंचायत चुनाव में खूब दिलचस्पी ले रहे हैं। दरअसल यह मामला 24 विधान परिषद सीटों से जुड़ा हुआ है। स्थानीय निकाय कोटे से विधान परिषद पहुंचने वाले 24 चेहरों के लिए यह जरूरी है कि वह पंचायत प्रतिनिधियों के ऊपर अपनी पकड़ रखें। यही वजह है कि हर राजनीतिक दल पंचायत चुनाव में अंदर ही अंदर अपने समर्थक उम्मीदवारों की जीत की प्लानिंग में जुटा हुआ है।
पंचायत चुनाव होने के बाद विधान परिषद की 24 सीटों पर चुनाव होना तय है। हालांकि पंचायत चुनाव टलने की वजह से स्थानीय निकाय कोटे से आने वाले उम्मीदवारों का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी अब तक उनकी चुनावी प्रक्रिया नहीं हो सकी है। आपको बता दें कि स्थानीय निकाय कोटे से विधान परिषद के जो सदस्य जीतकर सदन में पहुंचते हैं उनके वोट पंचायती राज के प्रतिनिधि ही होते हैं। ऐसे में पंचायत चुनाव पर राजनीतिक दलों और नेताओं की नजर होना स्वभाविक है। विधान परिषद का चुनाव प्रतिष्ठा से जुड़ा होता है। इसलिए सभी राजनीतिक दल चाहते हैं कि विधान परिषद में उनके सदस्यों की संख्या ज्यादा हो। विधानसभा के गणित के हिसाब से परिषद में दलीय प्रतिनिधित्व तो मिलता है लेकिन स्थानीय कोटे से आने वाले चेहरों के बूते संख्या बल को बढ़ाया जा सकता है।
बिहार में स्थानीय निकाय कोटे से आने वाली सीटों की संख्या 24 है। फिलहाल स्थानीय निकाय कोटे की यह सीटें खाली हैं। पटना, भोजपुर, गया-जहानाबाद-अरवल, नालंदा, रोहतास-कैमूर, नवादा, औरंगाबाद, सारण, सीवान, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, वैशाली, समस्तीपुर, पश्चिम चंपारण, सीतामढ़ी-शिवहर, पूर्णिया- अररिया-किशनगंज, भागलपुर-बांका, मुंगेर-जमुई-लखीसराय-शेखपुरा, कटिहार, सहरसा मधेपुरा सुपौल, मधुबनी, गोपालगंज, बेगूसराय-खगड़िया।