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नीतीश कुमार ने जघन्य अपराध से किया समझौता, बोले सुशील मोदी..दलित विरोधी हुई सरकार

नीतीश कुमार ने जघन्य अपराध से किया समझौता, बोले सुशील मोदी..दलित विरोधी हुई सरकार

26-Apr-2023 06:21 PM

By First Bihar

PATNA: बीते 24 अप्रैल को बिहार सरकार ने जेल में सजा काट रहे आनंद मोहन समेत कुल 27 कैदियों की रिहाई का आदेश जारी किया। इसे लेकर विपक्ष बीजेपी लगातार नीतीश सरकार पर हमलावर है। बीजेपी के वरीय नेता सुशील मोदी ने एक बार फिर नीतीश कुमार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने जघन्य अपराध से भी समझौता किया है। बिहार में दलित विरोधी सरकार है।


सुशील मोदी ने कहा कि-कृष्णैया हत्याकांड में जिसे सुप्रीम कोर्ट तक ने आनंद मोहन को दोषी माना था। नीतीश कुमार ने उसकी रिहाई के लिए कानून ही बदल दिया। सुशील मोदी आगे कहते हैं कि एक पूर्व सांसद के बहाने एम-वाई समीकरण के 13 दुर्दांत अपराधी छूटेंगे। राहुल गांधी, ममता बनर्जी और अखिलेश सिंह को अब दलित समाज को जवाब देना होगा।


बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने सत्ता में बने रहने के लिए लालू-राबड़ी परिवार के भ्रष्टाचार और एम-वाई समीकरण के अपराध के आगे घुटने टेक कर समझौता कर लिया है। उन्होंने कहा कि दलित समाज से आने वाले आइएएस जी कृष्णैया की हत्या के मामले में जिसकी सजा को सुप्रीम कोर्ट तक ने बहाल रखा, उसे रिहा करने के लिए कानून से छेड़छाड़ करना क्या कानून का राज है? इस  फैसले से सरकार का दलित-विरोधी चेहरा सामने आ गया है। 


उन्होंने कहा कि राहुल गांधी, ममता बनर्जी और अखिलेश यादव क्या कृष्णैया हत्याकांड के दोषसिद्ध अपराधी की इस तरह हुई रिहाई को सही ठहरायेंगे?  राहुल गांधी ने भ्रष्टचार और अपराध के गंभीर मामलों में दंडित लालू प्रसाद जैसे नेताओं को राहत देने वाला विधेयक फाड़ डाला था, लेकिन जब एक दलित अधिकारी की हत्या के मामले में बिहार सरकार कानून को कमजोर कर रही है, तब वे क्यों चुप्पी साध गए? 


सुशील मोदी ने कहा कि यदि मारा जाने वाला अधिकारी दलित नहीं होता, तो क्या अपराधियों को ऐसे छोड़ा गया होता ? उन्होंने कहा कि इस मामले में यदि आइएएस एसोसिएशन की बिहार इकाई सरकार के डर से चुप रहती है, तो प्रशासनिक सेवा का इतिहास उसे माफ नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि जघन्य अपराध के मामलों में सजायफ्ता जिन 27 बंदियों को छोड़ा जा रहा है, उनमें  13 राजद के एम-वाई वोट बैंक वाले समुदाय से हैं। क्या ऐसे फैसलों से प्रशासन का मनोबल नहीं तोड़ा जा रहा है ? नीतीश कुमार अपना जनाधार और सुशासन की यूएसपी, दोनों खो चुके हैं।