Bihar News: बिहार के इस विश्वविद्यालय में होगी वास्तु शास्त्र की पढ़ाई, वैदिक एस्ट्रोनॉमी समेत ये कोर्स भी होंगे उपलब्ध India-Pakistan Tension: भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच चारधाम यात्रा को लेकर बड़ा फैसला, जानिए.. India-Pakistan Tension: भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच चारधाम यात्रा को लेकर बड़ा फैसला, जानिए.. Civil Defence Volunteer: युवाओं को देशसेवा और रोजगार दोनों का अवसर,जानिए इतिहास Bihar Crime News: कुल्हाड़ी से गर्दन काट कर शख्स की बेरहमी से हत्या, गंगा किनारे शव मिलने से सनसनी Indian air strike defence: पहले ड्रोन हमले नाकाम किए, फिर पाकिस्तान को दी करारी जबाब! सेना ने दी जानकारी Bihar Crime News: फायरिंग के बाद बाल-बाल बचे राजद नेता, अपराधियों की तलाश में जुटी पुलिस Bihar crime: ऑर्केस्ट्रा डांसर पर हमला, आत्मरक्षा में चाकू से तीन युवकों पर किया वार Siddhivinayak temple : सिद्धिविनायक मंदिर में नारियल-प्रसाद बैन! आतंकी खतरे के बीच बड़ा फैसला India Pakistan War: भारत की सैन्य ताकत के आगे कब तक टिक पाएगा पाकिस्तान? पाक के रिटायर्ड अधिकारी ने खुद खोली पोल
04-May-2023 12:16 PM
By First Bihar
PATNA: लंबे समय तक एनडीए के साथ गठबंधन में रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पुराने दिनों को भूल नहीं पा रहे हैं। बीजेपी का साथ छोड़ महागठबंधन में जाने के बावजूद कई बार ऐसे मौके आए जब नीतीश पुराने दिनों को याद करते दिखे। आज एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश को पुराने दिनों की याद आ गई और उन्होंने बता दिया कि रेल मंत्री रहते हुए उन्होंने क्यों अपना इस्तीफा तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी को सौंप दिया था।
दरअसल, भले ही मुख्यमंत्री बीजेपी के खिलाफ कुछ भी बोल लें लेकिन उनके दिल में आज भी बीजेपी के पुराने नेताओं के लिए काफी सम्मान है। कई ऐसे मौके आए जब वे पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी की प्रशंसा करते दिखे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज फिर से पुराने दिनों की याद करते हुए कहा कि आज बीजेपी के लोग कुछ से कुछ बोलते रहते हैं लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि वे अटल बिहारी बाजपेयी के साथ काम कर चुके हैं और उनसे कितने मधुर संबंध थे।
सीएम नीतीश ने कहा कि आज बीजेपी के लोग अटल बिहारी बाजपेयी को याद तक नहीं करते हैं। अटल बिहारी बाजपेयी के कार्यकाल में कभी भी हिंदू-मुस्लिम की बात नहीं होती थी। सब लोग मिल जुलकर काम करते थे, विपक्ष के लोग भी कितने खुश रहते थे। कितना ज्यादा हम लोग को मानते थे। रेल मंत्री रहते हुए जब एक बार ट्रेन एक्सीडेंट हुआ था तो हमने रिजाइन कर दिया था लेकिन अटल बिहारी बाजपेयी इस्तीफा लेने के लिए तैयार ही नहीं थे लेकिन जब दूसरा बार जाकर हाथ जोड़कर बोले कि इस्तीफा ले लीजिए तब जाकर वे तैयार हुए थे।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में बहुत बड़ा ट्रेन एक्सीडेंट हुआ था। इस हादसे में 100 से अधिक लोग मारे गए थे, हमको देखकर इतना बुरा लगा था कि इस्तीफा दे दिए लेकिन बाद में फिर से रेलमंत्री बनाए तो हमने जो योजना बनाई, उससे रेलवे में बड़ा बदलाव हुआ। उसी योजना का नतीजा है कि रेल दुर्घटनाओं में कमी आई है और किताना अच्छा से रेलवे का काम हो रहा है लेकिन अटल बिहारी बाजपेयी के किए गए काम को, हमलोगों जो काम किया उसको आज कोई याद कर रहा है। आज तो कहता है कि सब काम वही लोग किया है।