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निलंबन से मुक्त होने के बाद स्कूल में योगदान देने गये प्रधानाध्यापक को ग्रामीणों ने भगाया, 3 माह पहले ही डीएम ने किया था सस्पेंड

निलंबन से मुक्त होने के बाद स्कूल में योगदान देने गये प्रधानाध्यापक को ग्रामीणों ने भगाया, 3 माह पहले ही डीएम ने किया था सस्पेंड

19-Dec-2022 01:20 PM

By HARERAM DAS

BEGUSARAI: बेगूसराय में निलंबित प्रधानाध्यापक संजय कुमार को आक्रोशित ग्रामीणों ने स्कूल में योगदान करने नहीं दिया। इस दौरान ग्रामीणों ने जमकर हंगामा भी मचाया। इस संबंध में प्रधानाध्यापक का कहना था कि विभागीय आदेश के बाद वे विद्यालय में योगदान करने पहुंचे थे लेकिन उन्हें ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। लोगों ने उन्हें विद्यालय में योगदान करने नहीं दिया।


मामला मटिहानी प्रखंड के सफापुर मध्य विद्यालय का है जहां प्रधानाध्यापक संजय कुमार को 3 माह पूर्व डीएम रोशन कुशवाहा ने जांच के दौरान निलंबित कर दिया था। लेकिन निलंबन से मुक्त होने के बाद वे आज विद्यालय में योगदान देने पहुंचे थे। लेकिन इस बात की जानकारी ग्रामीणों को हो गयी। स्कूल में पहुंचे आक्रोशित ग्रामीणों ने उन्हें योगदान तक करने नहीं दिया और स्कूल से उन्हे बाहर कर दिया। 


ग्रामीणों का कहना था कि संजय कुमार मध्य विद्यालय सफापुर के प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत थे। इनके कार्यकाल में विद्यालय की व्यवस्था चौपट हो गई थी। इनके कार्यकाल में विद्यालय में मध्याह्न भोजन का चावल भी चोरी कर लिया जाता था। ग्रामीणों ने इनके खिलाफ विभाग में शिकायत भी की थी। प्रधानाध्यापक की कार्यशैली से ग्रामीण काफी नाराज हैं। 


ग्रामीणों का कहना था कि संजय कुमार ग्रामीणों को केस करने की धमकी दिया करते थे। कहते थे कि हम सरकारी आदमी है हमारे खिलाफ बोलोंगे तो अंजाम बुरा होगा। इनके समय में स्कूल की हालत काफी खराब थी। जब भी इसकी शिकायत ग्रामीण करते थे तो प्रधानाध्यापक गाली देते थे। इनके रवैय्ये से गांव का हर व्यक्ति परेशान था। 


ग्रामीणों का आरोप है कि प्रधानाध्यापक अपनी पहुंच के बदौलत निलंबन से मुक्त होकर सफापुर मध्य विद्यालय में योगदान करने पहुंचे थे। जब इस बात की जानकारी ग्रामीणों को हुई तो वे स्कूल पहुंच गये और भ्रष्ट प्रधानाध्यापक का घेराव कर हाथ पकड़कर उन्हें स्कूल से बाहर कर दिये। आक्रोशित ग्रामीणों ने उन्हें स्कूल में योगदान नहीं करने दिया। वहीं प्रधानाध्यापक संजय कुमार ने बताया कि विभागीय आदेश के बाद वे स्कूल में योगदान देने पहुंचे थे लेकिन उन्हें स्कूल से भगा दिया गया।