पुलिस की चौकसी पर उठा सवाल: मुजफ्फरपुर में लग्जरी कार सवार बदमाशों का दुस्साहस देखिये, गैस कटर से SBI ATM काटकर 25 लाख उड़ाए तेजस राजधानी एक्सप्रेस में परोसा गया खराब खाना, यात्रियों का आरोप—शिकायत पर बोला स्टाफ “कंप्लेन कही भी कर लो कुछ नहीं होगा” अच्छी नौकरी करने वाली पत्नी को नहीं मिलेगा गुजारा भत्ता, इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला जानिये कौन है प्रमोद निषाद?..जिसने 19 हजार फर्जी आधार कार्ड का पूरा नेटवर्क खड़ा कर दिया जमुई में महादलित युवक को नंगा करके पीटा, वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर किया वायरल IndiGo Flight News: इंडिगो की उड़ानों का रद्द होने का सिलसिला जारी, पटना से 8 फ्लाइट कल कैंसिल आय से अधिक संपत्ति मामला: AIG प्रशांत कुमार के खिलाफ दर्ज FIR रद्द, हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी SVU आय से अधिक संपत्ति मामला: AIG प्रशांत कुमार के खिलाफ दर्ज FIR रद्द, हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी SVU अगुवानी–सुल्तानगंज पुल का मुख्य सचिव ने किया निरीक्षण, मई 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य Pawan Singh Threat Case: ‘हम जो करते हैं खुलेआम करते हैं, पवन सिंह को धमकी नहीं दी’, लॉरेंस बिश्नोई गैंग का ऑडियो आया सामने
27-Oct-2019 07:54 AM
DELHI : मेडिकल में दाखिला लेने वाले स्टूडेंट्स के लिए एक अच्छी खबर है। केंद्र सरकार ने देश के सभी प्राइवेट मेडिकल और डेंटल कॉलेजों को यह निर्देश दिया है कि स्टूडेंट्स के एडमिशन के वक्त वह केवल 1 साल की फीस लें। एमबीबीएस और बीडीएस कोर्स में एडमिशन लेने वाले सभी प्राइवेट कॉलेजों को स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से यह गाइडलाइन जारी किया गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी की गई इस गाइडलाइन के मुताबिक कोई भी प्राइवेट कॉलेज एडमिशन के बाद स्टूडेंट से 4 साल की फीस एक साथ नहीं ले सकता। सरकार ने कहा है कि किसी संस्थान के पास यह अधिकार नहीं है कि वह स्टूडेंट से एक साल की फीस के साथ 4 साल की फीस के बराबर बैंक गारंटी मांगे।
स्वास्थ विभाग की तरफ से यह गाइडलाइन स्टूडेंट्स की उस कंप्लेन के बाद जारी किया गया है जिसमें यह बताया गया था कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के वक्त स्टैंप पेपर पर 4 साल की फीस की गारंटी मांगी जा रही है। ऐसा नहीं करने वाले छात्रों को प्राइवेट कॉलेज एडमिशन नहीं दे रहे थे। आपको बता दें कि कई राज्यों में प्राइवेट मेडिकल कॉलेज मैनेजमेंट की इस मनमानी के कारण काउंसलिंग के दौरान सीटें खाली रह गई थीं।