Bihar Crime News: लूटपाट के दौरान युवक को अपराधियों ने मारी गोली, मौत के बाद आक्रोशित परिजनों का पुलिस पर हमला Bihar News: दुकानदार की हत्या के बाद इलाके में हड़कंप, कहीं पड़ोसी की काली दृष्टि आपकी कमाई पर भी तो नहीं? बेतिया में बड़ा भाई बना हैवान: मानसिक विक्षिप्त युवक ने सगे भाई की चाकू से की हत्या, पुलिस ने किया गिरफ्तार सुकृष्णा कॉमर्स अकेडमी ने कंकड़बाग में शुरू की नई शाखा, नामांकन पर मिलेगी 50 प्रतिशत तक की छूट Bihar News: RCD में 26 करोड़ का घोटाला...मगर कार्रवाई 'शून्य', एक्शन वाली फाइल डंप कर दी गई ? डिप्टी CM विजय सिन्हा कह रहे- हमने तेजस्वी काल की खोली पोल Bihar News: घरेलू विवाद के बाद महिला ने उठाया खौफनाक कदम, बेवजह तानों ने बर्बाद कर दी कई जिंदगियां Rapid Metro Time Table: बिहार की पहली रैपिड मैट्रो का आ गया टाइम टेबल, 24 अप्रैल को पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन Pope Francis Passes Away: 88 साल की उम्र में ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का निधन, फेफड़ों और किडनी में था गंभीर संक्रमण Bihar News: रेलवे ट्रैक पर जा फंसा बेलगाम ट्रक, तीन घंटे तक कई महत्वपूर्ण ट्रेनें बाधित IAS Ananya Singh: कौन हैं IAS अफसर 'अनन्या सिंह' जो बंगाल से बिहार आई हैं ? पहले प्रयास में ही UPSC में मिली थी सफलता
21-Aug-2022 10:02 PM
ARARIA : अररिया सांसद प्रदीप कुमार सिंह आज एक अलग ही रूप देखने को मिला। पिपरा बिजवार से रतवा नदी को पार करने के दौरान उन्होंने नाव की पतवार खुद थाम ली और नदी पार कर गए। दरअसल, सांसद प्रदीप कुमार सिंह पलासी के छपनिया गांव में एक शोक संतप्त परिवार से मिलने के लिए जा रहे थे। सांसद को रतवा नदी पार कर छपनिया गांव पहुंचना था। नदी के किनारे नाव तो मौजूद थी लेकिन नाविक नहीं था। नाविक पहुंचा ही था कि सांसद ने खुद अपने हाथ में पतवार लेकर नाव खेना शुरू कर दिया।
इस दौरान बांस का पतवार सांसद ने खुद थाम लिया और नाव को नदी पार कराने की जुगत में लग गये। बार-बार नाविक सांसद से नाव को उसे खेने देने की मांग कर रहे थे, लेकिन सांसद ने उसे बैठा दिया और खुद ही नाव को खेते हुए नदी को पार कर गए। सांसद के साथ नाव पर उसके अंगरक्षक समेत अन्य लोग मौजूद थे। एक सांसद को नाव खेता देख लोग हैरान हो गए।
उन्होंने बताया कि उनका बचपन नदी के किनारे गांव में बिता है। जहां वे बचपन मे खेल-खेल में नाव को पतवार के मदद के खेने का काम करते थे लेकिन समय के परिवर्तन के साथ गांव की वह अल्हड़ता और बालपन छीन से गया और जब उन्होंने आज नदी के तट पर नाव देखा तो अपने उनदिनों को याद करते हुए नाव को खेने में लग गये।