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25-Jan-2022 03:01 PM
MUZAFFARPUR : साल 2018 में बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर के एक बालिका गृह में यौन शोषण का मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को बिहार सरकार द्वारा सूचित किया गया है कि सरकार ने यौन शोषण के शिकार 49 पीड़ितों को 3 से 9 लाख तक का मुआवजा दिया गया. साथ ही 20 आरोपियों के खिलाफ चार्टशीट दायर कर दी गई है.
बता दें आयोग ने 29 नवंबर 2018 के मामले में एक शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था. आयोग के अलावा, ट्रायल कोर्ट साकेत, नई दिल्ली ने भी पीड़ितों को गुण-दोष के आधार पर मुआवजे की सिफारिश की थी. आयोग को यह भी सूचित किया गया है कि एनजीओ का पंजीकरण, जो मुजफ्फरपुर बालिका गृह चलाता था उसे रद्द कर दिया गया और जिस परिसर में वह स्थित था उसे भी अदालत के आदेश के अनुपालन में ध्वस्त कर दिया गया. यह मामला सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में मामले की पूरी जांच और ट्रायल सुनवाई एक निर्धारित अवधि के भीतर संपन्न हुई.
मालूम हो कि अदालत ने मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामले में 20 जनवरी को ब्रजेश ठाकुर और 18 अन्य को कई लड़कियों के यौन शोषण एवं शारीरिक उत्पीड़न का दोषी करार दिया था. इन आरोपों में अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है.