ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: बिहार में यहां 2 बच्चों की डूबने से मौत, मातम में तब्दील हुई मुंडन की खुशियां Bihar Election 2025: मतदान से पहले डिस्पैच सेंटर से बूथ तक EVM की कैसे होती है निगरानी? जानें पूरी डिटेल Bihar Election : लखीसराय में विजय सिन्हा के काफिले पर हमला, DGP को CEC का कड़ा निर्देश ,कहा - तत्काल लें इस मामले में एक्शन रातों-रात सब्जीवाला बन गया करोड़पति: 11 करोड़ की लगी लॉटरी, एक हजार रुपये उधार देने वाले दोस्त को अब देगा एक करोड़ रुपये Bihar Election 2025: वोटिंग के दौरान छपरा में सीपीएम विधायक सत्येंद्र यादव की गाड़ी पर हमला, बाल-बाल बचे Bihar Election 2025: वोटिंग के दौरान छपरा में सीपीएम विधायक सत्येंद्र यादव की गाड़ी पर हमला, बाल-बाल बचे Bihar Election 2025: PM मोदी की जनसभा में उमड़ी भीड़,कहा - तेजस्वी और लालू को इससे ही मिल गया संकेत; जंगलराज वाले का रिपोर्ट जीरो Bihar Election : विजय सिन्हा के काफिले पर हमला,कहा -RJD के गुंडे ने किया है ऐसा काम, SP हैं कायर; अब होगा बुलडोजर एक्शन Bihar Election 2025: बिहार में वोटिंग के बीच धरना पर बैठ गए प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार, क्या है वजह? Bihar Election 2025: बिहार में वोटिंग के बीच धरना पर बैठ गए प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार, क्या है वजह?

लिपि सिंह के मुंगेर गोलीकांड में सरकार का स्टैंड देखिये: हाईकोर्ट के फैसले के बावजूद मृतक के परिजनों को मुआवजा नहीं दिया, कहा-सुप्रीम कोर्ट जायेंगे

लिपि सिंह के मुंगेर गोलीकांड में सरकार का स्टैंड देखिये: हाईकोर्ट के फैसले के बावजूद मृतक के परिजनों को मुआवजा नहीं दिया, कहा-सुप्रीम कोर्ट जायेंगे

18-May-2021 07:59 AM

PATNA : बिहार की नीतीश सरकार ने आईपीएस लिपि सिंह के एसपी रहते मुंगेर में दुर्गा पूजा के मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए गोलीकांड में पटना हाईकोर्ट के फैसले को मानने से इंकार कर दिया है. सरकार ने हाईकोर्ट के निर्देश के मुताबिक मुंगेर गोलीकांड में म़ारे गये युवक के परिजनों को मुआवजा नहीं दिया है. पटना हाईकोर्ट ने जब पूछा तो सरकार ने कहा कि वह फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जायेगी. पटना हाईकोर्ट मंगलवार को इस मामले में फिर से सुनवाई कर ये देखेगा कि बिहार सरकार कितना सही बोल रही है औऱ कितना गलत.

नहीं दिया 10 लाख रूपये का मुआवजा

गौरतलब है कि बिहार के मुंगेर में पिछले साल दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए गोलीकांड को लेकर पटना हाईकोर्ट ने पिछले 7 अप्रैल को ही अपना फैसला सुनाया था. हाइकोर्ट ने मुंगेर के तत्कालीन एसपी सहित इस घटना से जुडे सभी पुलिसकर्मियों के फौरन तबादले का आदेश देते हुए पूरे मामले की जांच का जिम्मा सीआइडी को सौंपा था. कोर्ट मे कहा था कि CID की विशेष जांच टीम इस पूरे मामले का अनुसंधान हाइकोर्ट की मॉनीटरिंग में करेगी औऱ चार सप्ताह में अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेगी. पटना हाईकोर्ट ने फायरिंग में मारे गये युवके के परिजनों को फौरन 10 लाख रुपये बतौर मुआवजा देने का भी निर्देश दिया था. 

अब सरकार बोली-सुप्रीम कोर्ट जायेंगे

लेकिन हाईकोर्ट द्वारा तय समयसीमा बीत जाने के बावजूद राज्य सरकार ने पीडित परिवार को मुआवजा नहीं दिया. इसके बाद गोलीकांड में मारे गये युवक के पिता ने पटना हाईकोर्ट में रिट दायर की थी. सोमवार को इसस मामले पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की. हाईकोर्ट में सरकार ने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जायेगी. हालांकि सरकार ने ये नहीं बताया कि उसने अब तक सुप्रीम कोर्ट में अपील दाय़र की है या नहीं.

मंगलवार को फिर से सुनवाई

मंगलवार यानि आज इस मामले पर हाईकोर्ट में फिर से सुनवाई होगी. हाईकोर्ट देखेगी कि सरकार ने अब तक सुप्रीम कोर्ट में कोई याचिका दायक की है या नहीं. अगर याचिका दायर नहीं हुई है तो फिर क्यों नहीं हाईकोर्ट के फैसले का पालन किया गया. हालांकि हाईकोर्ट के फैसले के बाद सरकार ने मुंगेर के एसपी समेत दूसरे पुलिसकर्मियों का तबादला कर दिया था.लेकिन पीडित परिवार को मुआवजा नहीं दिया.


लिपि सिंह के लिए सरकार ने ताकत झोंकी?

गौरतलब है कि पिछले साल दुर्गा पूजा के मूर्ति विसर्जन के दौरान मुंगेर में पुलिस फायरिंग हुई थी. तब मुंगेर की एसपी बहुचर्चित लिपि सिंह हुआ करती थीं. दुर्गा पूजा मूर्ति विसर्जन के दौरान पुलिस बर्बरता के कई वीडियो वायरल हुए थे. चुनाव का समय था, लिहाज प्रशासन की कमान चुनाव आयोग के जिम्मे था. चुनाव आयोग ने लिपि सिंह का तबादला कर दिया था. मामले की प्रशासनिक जांच के आदेश भी दिये गये थे. लेकिन लिपि सिंह पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. बाद में सरकार ने उन्हें सहरसा का एसपी बना दिया.

उधर इस मामले में मारे गये अनुराग पोद्दार के पिता अमरनाथ पोद्दार ने पटना हाइकोर्ट में आपराधिक रिट याचिका दायर कर मुंगेर गोलीकांड की सीबीआइ जांच की गुहार लगायी थी. हाईकोर्ट ने पिछले 8 जनवरी को इस केस की तत्काल सुनवाई करने से इंकार कर दिया था. इसके बाद अमरनाथ पोद्दार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पटना हाइकोर्ट इस मामले पर दो महीने में सुनवाई कर फैसला ले लेगा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में ही पटना हाईकोर्ट ने 7 अप्रैल को फैसला सुनाया था.