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27-Feb-2023 01:20 PM
GAYA: बिहार की सियासत में इन दिनों विवादित बयान देने का सिलसिला शुरू हो गया है। सरकार के मंत्री हों या सत्ताधारी दल के विधायक और नेता एक के बाद एक विवादित बयान देकर राजनीति को गरमा रहे हैं। आरजेडी कोटे के मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को लेकर विवाद बयान क्या दिया, उसके बाद विवादित बयान देने का जैसे सिलसिला ही शुरू हो गया। चंद्रशेखर के बाद, मंत्री आलोक मेहता, मंत्री सुरेंद्र यादव समेत अन्य नेताओं ने अपने बयानों से सरकार की फजीहत कराई। अब ताजा विवादित बयान सरकार में सहयोगी बनी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी का आया है।
दरअसल, महज चार विधायकों की बदौलत महागठबंधन की सरकार में सत्ता की मलाई चाट रही हम के नेता जीतनराम मांझी का विवादित बयानों से पुराना नाता रहा है। बिहार में शराबबंदी को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले जीतनराम मांझी ने पिछले दिनों अपने बेटे संतोष सुमन को डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से ज्यादा पढ़ा लिखा और काबिल बताते हुए सीएम पद का उम्मीदवार बता दिया था। अब मांझी का जो ताजा बयान आया है वह नीतीश सरकार की फजीहत कराने के लिए काफी है।
गरीब संपर्क यात्रा के समापन समारोह में शामिल होने गया पहुंचे हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी ने एक बार फिर विवादित बयान दे दिया है। इस बार मांझी ने शराब को लेकर नहीं बल्कि जनसंख्या को लेकर बयान दिया है। मांझी ने गया में खुले मंच से अमीरों के कम बच्चे होने और गरीबों के अधिक बच्चे होने का कारण बता दिया। मांझी ने कहा कि गरीब लोग अपनी पत्नी के साथ रहते हैं इसलिए अधिक बच्चे पैदा हो जाते हैं और अमीर लोग पत्नी से दूर रहते हैं इसलिए उनके बच्चे कम होते हैं हालांकि मांझी ने ये बातें उन दिनों को याद करते हुए कहीं जब तत्कालीन मुख्यमंत्री केबी सहाय के समय विधानसभा में जनसंख्या को लेकर बहस हुई थी।
जीतनराम मांझी ने आरक्षण पर बोलते हुए कहा कि विधानसभा में कामख्या नारायण और केबी सहाय में जनसंख्या की बात पर विवाद हुआ था। बहस के दौरान कामख्या नारायण ने कहा था कि ये मुख्यमंत्री राज्य में क्या जनसंख्या नियंत्रण करेंगे, इनके तो खुद 7 बच्चे हैं। इसपर केबी सहाय ने कहा था कि वे तो अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहते हैं, इसलिए संबंध बन जाता है और बच्चे पैदा हो जाते हैं। लेकिन बड़े लोग रहते हैं दिल्ली में और पत्नी रहती है शिमला में और पोस्टकार्ड पर आप लोगों को बाल-बच्चा पैदा हो जाता है। कहने का मतलब यह है कि अमीरों के मुकाबले गरीबों की जनसंख्या ज्यादा तेजी से बढ़ती है। अमीरों की जनसंख्या ढाई प्रतिशत के हिसाब से बढ़ती है तो गरीबों की पांच प्रतिशत की रफ्तार से जनसंख्या बढ़ती है।