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महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने पर अमित शाह ने कहा- विपक्ष को 2 दिन के बदले मिल गया 6 माह का समय, बना ले सरकार

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने पर अमित शाह ने कहा- विपक्ष को 2 दिन के बदले मिल गया 6 माह का समय, बना ले सरकार

13-Nov-2019 07:52 PM

DELHI: महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने  के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी दलों के उन आरोपों को निराधार बताया है जिसमें कहा गया है कि सरकार बनाने का समय कम दिया गया. शाह ने कहा कि शिवसेना को 2 दिन का समय मांग रही थी उनको तो 6 माह का समय दे दिया गया है. 

कांग्रेस पर भी साधा निशाना

शाह ने कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के आरोप पर कहा कि यह उनका बचकाना बयान है. 6 माह का समय है, जिसको भी महाराष्ट्र में सरकार बनाना है वह बना सकते है. सिब्बल जैसे विद्वान वकील बचकाना दलील देश के सामने रख रहे है कि उनको समय कम दिया गया. 

हम तैयार थे, लेकिन शिवसेना की शर्ते मंजूर नहीं

शाह ने कहा कि महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था. हर सभा में यही कहा गया था कि अगर महाराष्ट्र में बहुमत मिलेगा को फडणवीस सीएम बनेंगे. लेकिन उस समय तो किसी ने इसका विरोध नहीं किया. जो शिवसेना की शर्ते भी वह मुझे मंजूर नहीं थी.  राष्ट्रपति शासन लगने के बाद अब वहां पर जनता की सिंपैथी लेने की कोशिश नेता कर रहे हैं. बता दें कि राज्यपाल ने सरकार बनाने का पहले मौका बीजेपी को दिया था. लेकिन शिवसेना ने सीएम पद का दावा कर दिया जो बीजेपी को मंजूर नहीं था. अंत में भाजपा ने सरकार बनाने से इंकार कर दिया. फिर शिवसेना को मौका दिया गया, वह भी बहुमत नहीं जुटा पाई. फिर एनसीपी को मौका दिया गया. लेकिन किसी भी दल ने सरकार नहीं बना पाई. अंत में वहां पर राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया. 

हो रही राजनीति

इसको लेकर शाह ने ट्वीट भी किया और लिखा कि ''महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन पर विपक्ष की प्रतिक्रिया सिर्फ कोरी राजनीति है. राज्यपाल द्वारा कहीं भी संविधान को तोड़ा-मरोड़ा नहीं गया. दोपहर में NCP द्वारा पत्र लिखकर रात 8 बजे तक सरकार बनाने में असमर्थता जताने के बाद ही राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन लगाया है. महाराष्ट्र में राज्यपाल ने सभी को पूरा समय दिया. लगभग 18 दिन का समय दिया गया पर कोई भी बहुमत साबित नहीं कर पाया. राज्यपाल द्वारा न्योता तब दिया गया जब 09 नवंबर को विधानसभा की अवधी समाप्त हो गयी. आज भी अगर किसी के पास बहुमत है तो वो राज्यपाल से मिल कर दावा कर सकता है.''