Chanakya Niti: इन 4 जगहों पर भूलकर भी न खोलें अपना मुंह, वरना टूट सकता है मुसीबतों का पहाड़ Bihar News: तेज रफ्तार पिकअप वैन ने पांच लोगों को रौंदा, एक व्यक्ति की मौत; गुस्साए लोगों ने गाड़ी में लगाई आग Nitin Gadkari: जो करेगा जाति की बात, उसको मारूंगा लात...नितिन गडकरी का पुराना बयान अब वायरल Funny Wedding Card Bihar Police : शादी के कार्ड पर लिखा "बिहार पुलिस फिजिकल क्वालिफाइड" सोशल मीडिया पर वायरल हुआ कार्ड Bihar Crime News: बच्चों के विवाद में व्यक्ति की बेरहमी से हत्या, पड़ोसियों ने ही चाकू से गोद डाला New Income Tax Bill: नया आयकर विधेयक अगले हफ्ते संसद में पेश होगा, आज कैबिनेट की मंजूरी की उम्मीद Labour Day 2025: जानिए क्यों मनाया जाता है 1 मई को मजदूर दिवस, क्या है इसका इतिहास और महत्व? Supreme Court: थाने में फरियादी को मिले उचित सम्मान, सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला Pakistani Nationals Sent Back: 18 साल भारत में बिताए, फिर भी रियाज को पत्नी-बच्चों को छोड़ पाकिस्तान भेजा गया , जानिए क्यों! India Pakistan border: भारत सरकार के आदेश के बाद पाक वापसी से पहले 69 साल के पाक नागरिक की हार्ट अटैक से मौत
05-Jul-2021 03:54 PM
By Tahsin Ali
PURNEA: महानंदा नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से कई गांवों में कटाव जारी है। 15 दिनों से लगातार महानंदा नदी अपना कहर बरपा रही है। इसे लेकर लोगों में दहशत का माहौल है। बायसी के बंगामा पंचायत स्थित मड़वा महादलित टोला के कई मकान महानंदा नदी में समा चुके हैं और जो मकान बचे है उन्हे लोग खुद तोड़ने को मजबुर हैं। वही विस्थापित हुए लोगों की सुध लेने वाला तक कोई नहीं है।
जिन लोगों का घर कटाव के कारण नदीं में समा गये वे बायसी के मड़वा मध्य विद्यालय में शरण लिए हुए है लेकिन सरकार की ओर से यहां किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है। जिसे लेकर लोगों में असंतोष देखा जा रहा है। पीड़ितों कहना है कि कई जनप्रतिधि और अधिकारी आए जरूर लेकिन आश्वासन के सिवाय उन्हें अब तक कुछ भी नसीब नहीं हुआ।
पीड़ितोंं ने बताया कि सरकार की ओर से कटाव निरोधी कार्य चलाए जाने की बात कही गयी लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी। कई घर कटाव के कारण नदीं में समां चुके है और जो बचे हैं वे भी आज ना कल महानंदा नदीं के आगोश में समां जाएंगे।
कटाव से अपना घर द्वार खो चुके महादलित परिवार 30 जून से मध्य विद्यालय मड़वा में शरण लिए हुए हैं लेकिन जिला प्रशासन के लोग अब तक झांकने तक नहीं पहुंचे। भूखे पेट लोग यहां सोने को मजबुर हैं। पानी नसीब है लेकिन चावल नहीं और जलावन है लेकिन चूल्हा नहीं । सरकार की तरफ से मध्य विद्यालय मड़वा में अबतक भोजन की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है। विस्थापितों की सुध लेना भी किसी ने मुनासिब नहीं समझा। जिसके कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।