मुजफ्फरपुर: ट्रेन में चोरी का खुलासा, 6 आरोपी गिरफ्तार; जेवरात बरामद मुंगेर में साइबर ठगों का खेल जारी, दो लोगों से 13 लाख रुपये की ठगी, साइबर थाने में केस दर्ज मुंगेर में शराब माफिया ने किया पुलिस टीम पर हमला, QRT के 3 जवान घायल, सरकारी राइफल छीने जाने की खबर मुंगेर में चलती कार में लगी भीषण आग, कूदकर दो भाईयों ने बचाई अपनी जान Bihar में शिक्षकों की नियुक्ति में हुआ बड़ा फर्जीवाड़ा: जाली दस्तावेज के सहारे नौकरी करने वाले 2912 टीचर पकड़े गये, अभी और मामले सामने आयेंगे छपरा में फ्लिपकार्ट के गोदाम से 2.36 लाख की चोरी, खिड़की का ग्रिल काटकर चोरों ने दिया घटना को अंजाम Success Story: कई बार असफल होने के बावजूद नहीं टूटे हौसले, जुनून ने बना दिया अधिकारी, दिलचस्प है IAS प्रियंका गोयल की सक्सेस स्टोरी Success Story: कई बार असफल होने के बावजूद नहीं टूटे हौसले, जुनून ने बना दिया अधिकारी, दिलचस्प है IAS प्रियंका गोयल की सक्सेस स्टोरी अरवल DM ने मधुश्रवां क्षेत्र का किया निरीक्षण, पर्यटन के विकास की संभावनाओं का किया आकलन CBSE KVS NVS Recruitment Exam 2026: CBSE ने जारी किया KVS–NVS भर्ती टियर-1 परीक्षा शेड्यूल, जानिए.. एग्जाम का डेट और टाइम
03-Mar-2024 06:30 PM
By VISHWAJIT ANAND
PATNA: पटना के गांधी मैदान आज महागठबंधन की जन विश्वास महारैली संपन्न हुई। इस महारैली में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, कांग्रेस के लोकसभा सांसद राहुल गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे, वाम दल के नेता डी राजा, माकपा के सीताराम येचुरी, दीपांकर भट्टाचार्य के अलावा उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव सहित कई अन्य बड़े चेहरे मंच पर मौजूद थे।
महागठबंधन की रैली के बाद बीजेपी ने पटना में प्रेस को संबोधित करते हुए इसे जन अविश्वास रैली करार दिया। बीजेपी की पीसी में राज्यसभा सांसद भीम सिंह, एमएलसी जनक राम सहित कई बीजेपी नेता मौजूद रहे। राज्यसभा सांसद भीम सिंह ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार की जनता को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने इस रैली को जन अविश्वास रैली करार दिया।
तेजस्वी और राहुल की जोड़ी विफल रही। उन्होंने बताया कि कल 2 मार्च को औरंगाबाद और बेगूसराय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली हुई थी जिसमें भारी संख्या में लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी थी। कल की रैली के मुताबिक आज महागठबंधन की महारैली में एक चौथाई भीड़ भी नहीं थी।
इस रैली का नाम जन विश्वास नहीं बल्कि बदहवास रैली होनी चाहिए थी। क्योंकि मंच पर बैठे तमाम नेता बदहवास थे। लालू यादव अपने बेटे के बारे में लोगों को बता रहे थे। मां जानकी के पिता का नाम दशरथ बता रहे थे। कम्युनिस्ट पार्टी का बयान भारतीय संस्कृति से अलग थे। यह रैली विरोधाभास से भरी थी। लालू भी अपने माथे को पीट रहे होंगे। लालू सोच रहे थे कि बीजेपी ने अपनी रैली में जो भीड़ इकट्ठा किया इसका एक चौथाई भी भीड़ तेजस्वी इकट्ठा नहीं कर पाए। विधायकों के संसाधन और भोज भात नाच गाने के बदौलत कुछ लोग पहुंचे थे।
ये रैली परिवारवादी, सत्ता लोभी पार्टियों का जमावड़ा था। वही बीजेपी एमएलसी जनक राम ने कहा कि जन विश्वास के नाम पर जनता को गुमराह करने का प्रयास किया गया। लालू ,तेजस्वी,राहुल गांधी, अखिलेश यादव मंच पर मौजूद थे। जनता को एकजुट दिखाने का प्रयास कर रहे थे जो विफल साबित हुआ। रैली पूरी तरह फ्लॉप थी। लालू के बयान पर जनक राम ने कहा कि बाथे और चेनारी नरसंहार का दौड़ चला गया। अब दलितों को कोई गुमराह नहीं कर सकता। 17 महीने तक सरकार में रहकर तेजस्वी यादव ने जो धन उगाही करने का काम किया उसे जनता जान चुकी है।