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10-Aug-2021 07:20 PM
PATNA: जातीय जनगणना की मांग को लेकर लोकसभा में पार्टी संसदीय दल के नेता ललन सिंह ने आज अपनी बातें रखी। लोकसभा में संविधान के 127वें संशोधन के पक्ष में ललन सिंह बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि बिना जातीय जनगणना के देश की OBC आबादी के साथ इंसाफ नहीं हो सकता।
लोकसभा में ललन सिंह ने अपनी बातें रखी। इस दौरान उन्होंने कहा कि जेडीयू और हमारे नेता नीतीश कुमार खुद जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं यह बहुत जरूरी भी है। 1931 के बाद किसी जनगणना में जातियों की गणना नहीं की गई। इस दौरान सभी की आबादी बढ़ी है। समाज के विभिन्न तबके के लोग जातियों का जो आंकड़ा दे रहे हैं उसे जोड़ दें तो देश की आबादी तीन गुना बढ़ जाएगी।
उन्होंने कहा कि यह भ्रम है कि जातीय जनगणना से समाज में भेदभाव बढ़ेगा। लेकिन सच्चाई यह है कि हर व्यक्ति जातीय जनगणना के पक्ष में हैं। जातीय गणना सबके हक में है इसलिए एक बार यह हो ही जाए तो बढ़िया है। जातीय जनगणना होने से विभिन्न जातियों की संख्या और उनकी स्थिति का आंकड़ा मिलेगा।
ललन सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी इस संशोधन का इसलिए समर्थन कर रही है क्योंकि ओबीसी के विकास के मामले में केंद्र सरकार की नीयत साफ है। इससे पहले नेशनल बैकवर्ड क्लास कमीशन को संविधानिक दर्जा देने के लिए संविधान संशोधन किया गया था। वह 102वां संशोधन था। कांग्रेस पर हमला बोलते हुए ललन सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने अपने शासन काल में नेशनल बैकवर्ड क्लास कमीशन को संविधानिक दर्जा ही नहीं दिया।
गौरतलब है कि जातीय जनगणना की मांग को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते 4 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा था। लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय से पत्र का जवाब अबतक नहीं आया है। बिना केंद्र की मदद के भी राज्य की विभिन्न जातियों की गणना कराने के विकल्प पर विचार राज्य सरकार कर रही है।
जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के दौरान सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी जातीय जनगणना को जरूरी बताया था और आज मंगलवार को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और लोकसभा में पार्टी संसदीय दल के नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने इसे जरूरी बताया। ललन सिंह लोकसभा में संविधान के 127वें संशोधन के पक्ष में बोल रहे थे। ललन सिंह ने जातीय जनगणना को जरूरी बताते हुए कहा कि बिना इसके ओबीसी के साथ इंसाफ नहीं हो सकता।