ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: बारात में अवैध हथियार लहरा हीरो बनना पड़ा भारी, वीडियो वायरल होने पर अब होगी तगड़ी खातिरदारी Vigilance Report on corruption in Bihar: दागी अफसरों पर बड़ी कार्रवाई! अब नहीं मिलेगा प्रमोशन, सबसे ज्यादा फंसे इस विभाग के कर्मचारी Bihar News: गया में पुलिस की गुंडागर्दी, आर्मी जवान को पीटा.. कमर में गमछा बांध लाए थाने DRDO Humanoid Robot: बॉर्डर के लिए तैयार किए जा रहे 'आयरन मैन', जवानों की सुरक्षा के साथ दुश्मनों की बर्बादी की पूरी तैयारी Bihar News: सरकारी सिस्टम में बड़ी लापरवाही? 15 अफसरों को मिला नोटिस, 7 दिन में देना होगा जवाब! Bihar News: राज्य के 15 इंजीनियरिंग कॉलेजों में विदेशी भाषा की पढ़ाई शुरू, वैश्विक नौकरी होगी अब और भी आसान Bihar job update : बिहार में जल्द होगी 22,089 नर्सों की बहाली, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का ऐलान Bihar News: रिश्वत में वाशिंग मशीन और कैश लेते गिरफ्तार हुए दारोगा साहेब, निगरानी ने कुछ ऐसे दबोचा Cooperative Banks loan in Bihar: बिहार के 15 जिलों में खुलेंगे सहकारी बैंक, एक लाख लोगों को मिलेगा लोन Boycott Turkish Products: भारत में शुरू हुआ तुर्की का आर्थिक बहिष्कार, 2023 में हमारी दरियादिली देखी, अब भुगतो नाराजगी

लालू के घर रेड और JDU में सन्नाटा: नीतीश के बयानवीरों की ज़ुबान क्यों बंद है?

लालू के घर रेड और JDU में सन्नाटा: नीतीश के बयानवीरों की ज़ुबान क्यों बंद है?

20-May-2022 12:33 PM

PATNA: CBI ने आज लालू प्रसाद यादव और उनके परिजनों के लगभग डेढ़ दर्जन ठिकानों पर एक साथ छापे मारे हैं. अगले सुबह से सीबीआई की रेड चल रही है. पटना में राजद के कार्यकर्ता सड़क पर उतरे हैं. बीजेपी के नेता कह रहे हैं-लालू की जैसी करनी वैसी भरनी. लेकिन सबसे दिलचस्प हालत नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू की है. जेडीयू के बयानवीर नेताओं की ज़ुबान बंद है. सवाल ये है कि लालू-तेजस्वी के ख़िलाफ़ आग उगलने वाले जेडीयू के नेताओं की ज़ुबान पर ताला क्यों लग गया है? 


जेडीयू ऑफिस का नजारा जानिये

लालू के घर छापेमारी सुबह के 7 बजे से ही शुरू हो गयी थी. रेड शुरू होने के लगभग 4 घंटे बाद फ़र्स्ट बिहार की टीम जेडीयू ऑफिस पहुँची. कोई प्रमुख नेता मौजूद नहीं था. कुछ कार्यकर्ता ज़रूर मौजूद थे लेकिन उनके चेहरे का भाव अलग था. फ़र्स्ट बिहार की टीम ने उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन कोई कैमरे पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं था. बता दें कि नीतीश कुमार वाली जेडीयू का जन्म हरी लालू यादव के विरोध की बुनियाद पर हुआ था. 1994 में नीतीश कुमार लालू यादव से अलग हुए थे और 28 साल के इस दौर में 2015 से 2017 के समय को छोड़ दें तो बाक़ी समय नीतीश और उनकी पार्टी की सियासत लालू यादव के विरोध की ही रही है. आज भी जब चुनाव आते हैं तो जेडीयू के नेता जंगलराज की ही याद दिलाते हैं. आज लालू के ठिकानों पर रेड के बाद जेडीयू के पटना ऑफिस में नेताओं-कार्यकर्ताओं का जैसा हाव-भाव था उससे आप ये अंदाज़ा नहीं लगा सकते थे कि ये जंगलराज का विरोध करने वाली पार्टी के लोग हैं. 


क़ैदी नंबर-369 वाले ख़ामोश 

ज़्यादा पुरानी बात नहीं है जब जेडीयू के सबसे मुखर प्रवक्ता नीरज कुमार अपने हर बयान में लालू यादव को राँची के होटवार जेल का कैदी नंबर-369 कह कर ही बुलाते थे. हमारी टीम ने आज सुबह से ही लालू के ठिकानों पर रेड को लेकर नीरज कुमार की प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की. वे ख़ामोश हैं. उनका ट्विटर, फ़ेसबुक सब थमा हुआ है. जेडीयू के दूसरे प्रवक्ता भी देश भर की घटनाओं पर प्रतिक्रिया देने की होड़ में लगे रहते हैं. लालू के घर रेड के बाद वे सब भी चुप बैठे हैं. 


हमने जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के सोशल मीडिया अकाउंट को देखा. पता चला वे कवि सुमित्रा नंदन पंत की जयंती पर उन्हें याद कर रहे हैं. लालू के घर रेड के बाद उनका यही ट्वीट था. बता दें कि 1996 में चारा घोटाले के मामले में लालू यादव पर क़ानूनी शिकंजा कसवाने में ललन सिंह ने सबसे अहम रोल निभाया था. बाद में जब कोर्ट में केस का ट्रायल धीमी गति से हो रहा था तो ललन सिंह उसके ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट चले गये थे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही चारा घोटाले के मामलों  की स्पीडी ट्रायल हुई. दिलचस्प ये भी है कि ललन सिंह ने सबसे पहले लालू यादव पर ये आरोप लगाया था कि वे ज़मीन लेकर रेलवे में नौकरी दे रहे हैं. आज जब इसी मामले में सीबीआई की रेड हुई तो ललन सिंह ही चुप हैं. 


जेडीयू नेता सच्चाई नहीं जानते

वैसे लालू के घर रेड के बाद मीडियाकर्मियों ने नीतीश के किचन कैबिनेट के मेंबर माने जाने वाले मंत्री अशोक चौधरी को पकड़ा. अशोक चौधरी बोले-लालू जी जब रेल मंत्री थे तो उन पर नौकरी देने में गड़बड़ी का आरोप लगा था. लेकिन मैं नहीं जानता सच्चाई क्या है. उनसे सवाल पूछा गया कि राजद नेता कह रहे हैं कि नीतीश को जातीय जनगणना से रोकने के लिए सीबीआई रेड हुई है. अशोक चौधरी बोले-ये बकवास है. राजद नेता जातीय जनगणना का श्रेय लेने की कोशिश न करें ये नीतीश जी का 25 साल पुराना एजेंडा है. 


क्यों सकते में है जेडीयू

कुल मिलाकर कहें तो नजारा ये है कि लालू के ठिकानों पर रेड के बाद जेडीयू सकते में है. अब सवाल ये है कि क्या जेडीयू के नेताओं को लग रहा है कि सीबीआई की रेड ने उनका नया सियासी खेल बिगाड़ दिया है. या फिर उन्हें ये लग रहा है कि नीतीश कुमार ने बीजेपी को हद से ज़्यादा परेशान किया तो फिर अगला रेड कहीं और भी हो सकता है. क्या जेडीयू नेताओं को ये महसूस हो रहा है कि तीसरे नंबर की पार्टी के नेता होने के बावजूद मुख्यमंत्री बनकर बीजेपी को आँखें दिखा रहे नीतीश कुमार अब डर के साये में रहेंगे. ऐसे कई सवाल है जिनका जवाब मिलना बाक़ी है.