बिहार का दूसरा 'टारजन' दिलबर खान: 1 किलो दाल, 5 लीटर दूध और 50 रोटियों की खुराक से कर रहा हैरान करने वाले स्टंट बिहार पंचायत चुनाव 2026: आरक्षण और निर्वाचन प्रक्रिया पर निर्वाचन आयोग ने दी स्पष्ट जानकारी एक सिपाही ऐसा भी: घायल को कंधे पर उठाकर अस्पताल पहुंचाया, लोगों के साथ-साथ पुलिस कप्तान ने भी की तारीफ Indian Railways New Rule : रेलवे ने बदला रिजर्वेशन चार्ट का नियम, अब टिकट स्टेटस मिलेगा 10 घंटे पहले IAS Removal Process: कैसे पद से हटाए जाते है IAS अधिकारी, संतोष वर्मा मामले से जानिए पूरी डिटेल Bihar News: अदना सा JE के पास आय से 1.46 करोड़ की अधिक संपत्ति, निगरानी टीम भ्रष्ट अभियंता के ठिकानों पर कर रही छापेमारी vigilance bureau bihar : 5,000 रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार हुआ ASI, निगरानी ब्यूरो की बड़ी कार्रवाई Oscar Shortlist Homebound: ऑस्कर 2026 के लिए शॉर्टलिस्ट हुआ 'होमबाउंड', करण जौहर के लिए गर्व का पल Bihar IPL Cricketers: बिहार के क्रिकेटरों की धाक! IPL में ईशान किशन से लेकर वैभव सूर्यवंशी तक; यहां देखें पूरी लिस्ट IIMC Vacancy: भारतीय जन संचार संस्थान में नौकरी पाने का मिल रहा सुनहरा अवसर, योग्य अभ्यर्थी समय रहते करें आवेदन..
28-Jun-2024 08:46 PM
By FIRST BIHAR EXCLUSIVE
PATNA: शिक्षा विभाग के पूर्व अपर मुख्य सचिव केके पाठक की विभाग से विदाई के बाद राहत की सांस ले रहे सरकारी स्कूलों की शिक्षकों के लिए खबर अच्छी नहीं है. शिक्षा विभाग के नये अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ भी औचक निरीक्षण करने लगे हैं, लेकिन उनका अंदाज अलग है.
सड़क पर बच्चों से करने लगे बात
वाकया शुक्रवार का है. पटना सचिवालय के पास से सरकारी स्कूलों के बच्चे छुट्टी होने के बाद घर लौट रहे थे. तभी एक कार उनके पास आ कर रूकी. कार में सवार अधिकारी गाड़ी से उतर कर बच्चों के पास पहुंच गये और उनसे स्कूलों में हो रही पढाई के बारे में पूछताछ करने लगे. बच्चे अधिकारी को देखकर हैरान थे, वे उन्हें नहीं पहचान पा रहे थे. आस पास के लोगों ने बताया कि ये एस. सिद्धार्थ हैं, शिक्षा विभाग के नये अपर मुख्य सचिव.
दरअसल, कई विभागों का जिम्मा संभाल रहे डॉ. सिद्धार्थ उस समय शिक्षा विभाग जा रहे थे. राज्य सचिवालय के विकास भवन स्थित शिक्षा विभाग के परिसर में घुसने से पहले उनकी नजर सामने से आते बच्चों पर पड़ी. सरकारी स्कूलों में आज 12.10 बजे छुट्टी हुई थी औऱ बच्चे वापस घर लौट रहे थे.
डॉ. सिद्धार्थ ने बच्चों से उनके नाम और स्कूल के बारे में पूछा. उनमें एक बच्चे ने अपना नाम अक्षय बताया, तो दूसरे ने सुभाष. दोनों ही बच्चे प्रारंभिक विद्यालय के थे औऱ स्कूल ड्रेस में थे. उन्हें स्कूल ड्रेस में ही देख कर डॉ. सिद्धार्थ ने अपनी गाड़ी रुकवायी थी, ताकि उनसे स्कूल में हो रही पढ़ाई-लिखाई की जानकारी ले सके. बडे अधिकारी को प्यार से बात करते देख बच्चे भी सहज हो गये.
डॉ. सिद्धार्थ ने बच्चों से स्कूल में होने वाली पढ़ाई की जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि अभी अच्छे से पढ़ाई हो रही है. डा. सिद्धार्थ ने एक बच्चे से होमवर्क की कापी मांगी. वे कॉपी के पन्ने उलट कर देखने लगे. कॉपी अंग्रेजी की थी. बच्चों ने बताया कि अंग्रेजी की पढ़ाई कल हुई थी, आज मैथ्स और हिन्दी की पढाई हुई है.
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने देखा कि शिक्षक ने होमवर्क कैसे चेक किया है. कॉपी देख कर उन्होंने बच्चों से पूछा कि इसमें डेट क्यों नहीं लिखा है. दोनों बच्चों से कई और जानकारी लेने के बाद उन्होंने बच्चों की पीठ थपथपाई और अच्छे से पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया. इसके बाद डॉ. एस. सिद्धार्थ अपनी गाड़ी में बैठ शिक्षा विभाग की ओर निकल गए.