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केके पाठक से भी आगे निकले एस. सिद्धार्थ: बीच सड़क पर चेक करने लगे स्कूली बच्चों की कॉपी, पूछा-पढ़ाई कैसी हो रही है?

केके पाठक से भी आगे निकले एस. सिद्धार्थ: बीच सड़क पर चेक करने लगे स्कूली बच्चों की कॉपी, पूछा-पढ़ाई कैसी हो रही है?

28-Jun-2024 08:46 PM

By FIRST BIHAR EXCLUSIVE

PATNA: शिक्षा विभाग के पूर्व अपर मुख्य सचिव केके पाठक की विभाग से विदाई के बाद राहत की सांस ले रहे सरकारी स्कूलों की शिक्षकों के लिए खबर अच्छी नहीं है. शिक्षा विभाग के नये अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ भी औचक निरीक्षण करने लगे हैं, लेकिन उनका अंदाज अलग है. 


सड़क पर बच्चों से करने लगे बात

वाकया शुक्रवार का है. पटना सचिवालय के पास से सरकारी स्कूलों के बच्चे छुट्टी होने के बाद घर लौट रहे थे. तभी एक कार उनके पास आ कर रूकी. कार में सवार अधिकारी गाड़ी से उतर कर बच्चों के पास पहुंच गये और उनसे स्कूलों में हो रही पढाई के बारे में पूछताछ करने लगे. बच्चे अधिकारी को देखकर हैरान थे, वे उन्हें नहीं पहचान पा रहे थे. आस पास के लोगों ने बताया कि ये एस. सिद्धार्थ हैं, शिक्षा विभाग के नये अपर मुख्य सचिव. 


दरअसल, कई विभागों का जिम्मा संभाल रहे डॉ. सिद्धार्थ उस समय शिक्षा विभाग जा रहे थे. राज्य सचिवालय के विकास भवन स्थित शिक्षा विभाग के परिसर में घुसने से पहले उनकी नजर सामने से आते बच्चों पर पड़ी. सरकारी स्कूलों में आज 12.10 बजे छुट्टी हुई थी औऱ बच्चे वापस घर लौट रहे थे. 


डॉ. सिद्धार्थ ने बच्चों से उनके नाम और स्कूल के बारे में पूछा. उनमें एक बच्चे ने अपना नाम अक्षय बताया, तो दूसरे ने सुभाष. दोनों ही बच्चे प्रारंभिक विद्यालय के थे औऱ स्कूल ड्रेस में थे. उन्हें स्कूल ड्रेस में ही देख कर डॉ. सिद्धार्थ ने अपनी गाड़ी रुकवायी थी, ताकि उनसे स्कूल में हो रही पढ़ाई-लिखाई की जानकारी ले सके. बडे अधिकारी को प्यार से बात करते देख बच्चे भी सहज हो गये. 


डॉ. सिद्धार्थ ने बच्चों से स्कूल में होने वाली पढ़ाई की जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि अभी अच्छे से पढ़ाई हो रही है. डा. सिद्धार्थ ने एक बच्चे से होमवर्क की कापी मांगी. वे कॉपी के पन्ने उलट कर देखने लगे. कॉपी अंग्रेजी की थी. बच्चों ने बताया कि अंग्रेजी की पढ़ाई कल हुई थी, आज मैथ्स और हिन्दी की पढाई हुई है. 


शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने देखा कि शिक्षक ने होमवर्क कैसे चेक किया है. कॉपी देख कर उन्होंने बच्चों से पूछा कि इसमें डेट क्यों नहीं लिखा है.  दोनों बच्चों से कई और जानकारी लेने के बाद उन्होंने बच्चों की पीठ थपथपाई और अच्छे से पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया. इसके बाद डॉ. एस. सिद्धार्थ अपनी गाड़ी में बैठ शिक्षा विभाग की ओर निकल गए.