ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar election 2025 : पवन सिंह और खेसारी लाल यादव में कौन है ज्यादा अमीर? जानिए दोनों की संपत्ति और राजनीतिक जुड़ाव Train Accident: बिहार में मिलिट्री गुड्स ट्रेन के दो खाली डिब्बे पटरी से उतरे, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी पटना में जिम के गेट पर झोले में मिली नवजात: मच्छरों से सूजा चेहरा देखकर जिम ऑनर ने गोद लिया, नाम रखा ‘एंजल’ Bihar Assembly Election : दूसरे चरण के मतदान के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम, 20 जिलों में तैनात 1650 कंपनियां और 4 लाख जवान UPSC IFS Mains 2025: IFS मेन्स परीक्षा 2025: UPSC ने एडमिट कार्ड जारी किया, पूरी जानकारी यहां Bihar election : बिहार चुनाव में अचानक घनबेरिया का पेड़ा बना चर्चा का स्वाद, अमित शाह ने भी की जमुई की मिठास की तारीफ; जानिए क्या है इसकी पूरी कहानी Success Story: जानिए कौन हैं एनकाउंटर स्पेशलिस्ट तदाशा मिश्रा? आखिर क्यों झारखंड में मिली इतनी बड़ी जिम्मेदारी Bihar election 2025 : मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट न देने पर बीजेपी का बड़ा बयान,कहा - हम इस तरह के प्रत्याशी ... Bihar Election 2025: चुनावी ड्यूटी से लौटते समय ITBP जवानों की बस धू-धू कर जली, बड़ा हादसा होते-होते टला Bihar Crime News: बिहार के इस जिले में युवक की बेरहमी से हत्या, मंदिर के पास मिला शव

किसान आंदोलन का डर ? नीतीश सरकार ने धान खरीद के लिए SFC को 6 हजार करोड़ रूपये दिये, सहकारी बैंक को 3 हजार करोड़

किसान आंदोलन का डर ? नीतीश सरकार ने धान खरीद के लिए SFC को 6 हजार करोड़ रूपये दिये, सहकारी बैंक को 3 हजार करोड़

22-Dec-2020 06:47 PM

PATNA : देश भर में किसानों के आंदोलन का बिहार में असर हुआ है. नीतीश सरकार ने किसानों से धान खरीद के लिए अपनी एजेंसी स्टेट फूट कॉरपोरेशन को 6 हजार करोड़ रूपये देने का फैसला लिया है. सरकार कह रही है कि इस पैसे से किसानों का धान खरीदने के बाद तत्काल भुगतान कर दिया जायेगा.


कैबिनेट की बैठक में फैसला
नीतीश कैबिनेट की मंगलवार को हुई बैठक में ये फैसला लिया गया. सरकार ने फैसला लिया कि स्टेट फूड कॉरपोरेशन यानि SFC को 6 हजार करोड़ रूपये उपलब्ध कराये जाये. SFC ये पैसे बैंकों से कर्ज लेगी. लेकिन बैंकों को कर्ज वापसी की गारंटी बिहार सरकार लेगी. लिहाजा SFC को आसानी कर्ज मिल सकेगा. सरकार का मानना है कि SFC के पास 6 हजार करोड़ रूपये आने के बाद किसानों को उनकी फसल का भुगतान तत्काल हो सकेगा. सरकार ने बिहार राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड को भी ढ़ाई हजार करोड़ रूपये लोन लेने के लिए गारंटी दी है. ये पैसा भी किसानों से फसल खरीद में खर्च होगा.


दरअसल बिहार में अभी धान खरीद की जो सरकारी व्यवस्था है, उसके मुताबिक किसान पैक्सों को अपनी फसल बेचते हैं. पैक्स उन्हें एसएफसी को देते हैं. एसएफसी उसे केंद्र सरकार की एजेंसी FCI को सौंपती है. सरकारी नियमों के मुताबिक पैक्सों को धान खरीद के 48 घंटे के अंदर किसानों को पैसे का भुगतान करना होता है. पैक्सों को बिहार राज्य सहकारी बैंक से लोन मिलता है.  अब सहकारी बैंक पैक्सों को पैसा देगा जिससे वे किसानों को तत्काल भुगतान कर सकें. बाद में पैक्स अपना धान SFC को देकर सहकारी बैंक का कर्ज चुकायेंगे.


लचर है बिहार में धान खरीद 
हालांकि अब तक बिहार में धान खरीद की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरायी हुई है. सरकार ने पंचायत स्तर पर धान खरीद की व्यवस्था करने का दावा किया है लेकिन जमीनी रिपोर्ट यही है कि सूबे के अधिकतर पंचायतों में धान खरीद हो ही नहीं रही. कागज पर क्रय केंद्र खुलने का आरोप लगातार लग रहा है. किसान अपना धान औने पौने दाम पर बिचौलियों को बेचने पर मजबूर हैं.


हालांकि सरकार ने तीन दिन पहले धान खरीद के लिए नियमों में बदलाव किया है. इसके तहत अब किसानों को धान बेचने के लिए  भू-स्वामित्व प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं होगी. इसके बाद धान खरीद में कुछ तेजी आयी लेकिन अभी भी लक्ष्य का 25 फीसदी धान खरीद नहीं हो पायी है.