ब्रेकिंग न्यूज़

Government Schools: बिहार के स्कूलों में बदल गया यह नियम, इस दिन से होगा लागू; जानें पूरी खबर Bihar Election 2025: चुनाव ड्यूटी में तैनात कर्नाटक पुलिस के कांस्टेबल की मौत, सीने में तेज दर्द हुआ और चली गई जान Bihar Election 2025: चुनाव ड्यूटी में तैनात कर्नाटक पुलिस के कांस्टेबल की मौत, सीने में तेज दर्द हुआ और चली गई जान Bihar crime news : नालंदा में जमीन विवाद में भतीजे ने चाचा की गोली मारकर कर दी हत्या, गांव में दहशत; जांच में लगी पुलिस बिहार विधानसभा चुनाव का साइड इफेक्ट: चुनावी रंजिश में घर में घुसकर की मारपीट; दल विशेष के लिए काम करने का आरोप बिहार विधानसभा चुनाव का साइड इफेक्ट: चुनावी रंजिश में घर में घुसकर की मारपीट; दल विशेष के लिए काम करने का आरोप New Aadhaar App: मोबाइल पर आधार कार्ड दिखाना अब हुआ आसान, आ गया यह नया APP, जानें पूरी डिटेल Bihar Election 2025: दूसरे चरण के चुनाव में 10 मंत्री, दो पूर्व डिप्टी सीएम और तीन दलों के प्रदेश अध्यक्ष की दांव पर प्रतिष्ठा, मिलेगा जनता का आशीर्वाद? Bihar Election 2025: दूसरे चरण के चुनाव में 10 मंत्री, दो पूर्व डिप्टी सीएम और तीन दलों के प्रदेश अध्यक्ष की दांव पर प्रतिष्ठा, मिलेगा जनता का आशीर्वाद? Mokama NDA Event : गजब का कॉन्फिडेंस दिखा रहे हैं अनंत सिंह, 14 तारीख के दिन बड़े भोज की तैयारी; कार्यकर्ताओं को भेजा जा रहा न्योता

कायस्थ समाज को राजनीतिक तौर पर कमजोर होना नुकसान पहुंचा रहा, जेपी के अनुयायियों ने दिखायी है बेरुखी

कायस्थ समाज को राजनीतिक तौर पर कमजोर होना नुकसान पहुंचा रहा, जेपी के अनुयायियों ने दिखायी है बेरुखी

07-Sep-2021 12:51 PM

PATNA : राजनीति में कायस्थ समाज को मजबूत करने के लिए ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने आवाज़ बुलंद की. उन्होंने कहा कि कायस्थ समाज राजनीतिक अस्पृश्यता का शिकार है. हम राजनीतिक रूप से अल्पसंख्यक की श्रेणी में आ गए हैं. राजनीति में कमजोर होने के कारण यह समाज प्रशासन सहित अन्य क्षेत्रों में पिछड़ता चला जा रहा है. समाज के सभी क्षेत्रों में कायस्थ समाज की जो धमकदार उपस्थिति थी वर्तमान परिदृश्य में उससे निरंतर गिरावट देखी जा रही है. 


राजीव रंजन ने कहा कि हम सभी को यह स्वीकार करना होगा कि राजनीति असमानता का सबसे बड़ा शिकार कायस्थ समाज ही हुआ है. कायस्थ समाज का भारत के 5000 सालों के इतिहास में अतुलनीय योगदान रहा है. चाहे प्राचीन भारत हो, मध्यकालीन भारत हो या फिर आधुनिक भारत के नवनिर्माण में कायस्थों की बड़ी भूमिका निभाई है. 


उन्होंने कहा कि महाराजा प्रतापादित्य, महाराजा ललितादित्य, पुलकेशिन द्वितीय, गौतमीपुत्र सातकर्णि, महाराजा कृष्णदेव राय, चोल, चालुक्य, पाल एवं सेन वंशों सहित अनेक प्रतापी कायस्थ राजाओं के शौर्य और पराक्रम की गूंज आज देश सहित दुनिया के अनेक मुल्कों में भी सुनी जा सकती है. इन प्रतापी राजाओं ने दुनिया को यह दिखा दिया कि भगवान चित्रगुप्त के वंशज अगर कलम चला सकते हैं तो तलवार भी चला सकते हैं. 


राजीव रंजन ने बताया कि स्वाधीनता आंदोलन में भी कायस्थ समाज ने आगे बढ़कर देश को आजाद कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. डॉ. राजेंद्र प्रसाद, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, चितरंजन दास, लाल बहादुर शास्त्री,रासबिहारी बोस, सूर्यसेन ने देश की आजादी के लिए अंग्रेजों से लोहा लिया. खुदीराम बोस, बटुकेश्वर दत्त, जगतपति कुमार, कनकलता बरुआ समेत अनेक कायस्थ क्रांतिकारियों ने अल्पायु में ही स्वाधीनता के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी. संविधान निर्माण से लेकर आधुनिक भारत के नवनिर्माण में हमारे महापुरुषों का योगदान अविस्मरणीय है. यह अलग बात है कि इस समाज के इतिहास के साथ इतिहासकारों ने दोयम दर्जे का व्यवहार किया है. 


उन्होंने कहा कि जेपी आंदोलन की गर्भ से निकले राजनेता आज देश के कई प्रांतों में महत्वपूर्ण पदों पर आसीन हैं फिर भी कायस्थ समाज के साथ उनकी बेरुखी अचंभित करती है. अगर कायस्थ समाज अब नहीं चेता तो बहुत देर हो जाएगी. हमें राजनीतिक दलों का पिछलग्गू बनने के बजाय एकजुट होकर एक ऐसी आवाज बनना है जिसे कोई अनसुना ना कर सके.