ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election 2025: बिहार में वोटिंग से पहले RJD उम्मीदवार का समर्थक 3 लाख कैश के साथ अरेस्ट, मतदाताओं को पैसे बांटने का आरोप Bihar Election 2025: बिहार में वोटिंग से पहले RJD उम्मीदवार का समर्थक 3 लाख कैश के साथ अरेस्ट, मतदाताओं को पैसे बांटने का आरोप Bihar Crime News: बिहार में दूसरे चरण की वोटिंग से पहले बड़ा एक्शन, नकली नोट और हेरोइन के साथ पकड़ा गया नाबालिग Bihar Crime News: बिहार में दूसरे चरण की वोटिंग से पहले बड़ा एक्शन, नकली नोट और हेरोइन के साथ पकड़ा गया नाबालिग सिवान में सड़क किनारे मिलीं VVPAT पर्चियां, मनोज झा बोले..दिल बहलाने को ही सही...एक स्पष्टीकरण तो बनता है ना? बिहार चुनाव 2025: दूसरे चरण की वोटिंग कल, अभिनेत्री नीतू चंद्रा ने की ज्यादा से ज्यादा मतदान की अपील झारखंड के Netaji Subhash Medical College Adityapur में शुरू हुई मेडिकल की पढ़ाई, सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पीटल में कम खर्च में बेहतर इलाज Dharmendra Health Update: एक्टर धर्मेंद्र की हालत नाजुक, ICU में वेंटिलेटर पर शिफ्ट किए गए; पूरा परिवार अस्पताल में मौजूद Dharmendra Health Update: एक्टर धर्मेंद्र की हालत नाजुक, ICU में वेंटिलेटर पर शिफ्ट किए गए; पूरा परिवार अस्पताल में मौजूद Bihar Traffic News : ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर सख्त हुआ परिवहन विभाग, तीन चालान बकाया रखने पर रद्द होगा वाहन रजिस्ट्रेशन

कल तेजस्वी भाई थे आज नीतीश बन गये राजनीतिक पिता: पूर्व विधायक मंजीत सिंह के यू-टर्न की दिलचस्प कहानी

कल तेजस्वी भाई थे आज नीतीश बन गये राजनीतिक पिता: पूर्व विधायक मंजीत सिंह के यू-टर्न की दिलचस्प कहानी

01-Jul-2021 09:34 PM

PATNA : लंबे समय तक जेडीयू के नेता औऱ गोपालगंज जिले के बैकुंठपुर से विधायक रहे मंजीत सिंह ने बुधवार को अपने फेसबुक अकाउंट पर तेजस्वी यादव के साथ तस्वीर लगायी थी. लिखा-तेजस्वी भाई से मुलाकात औऱ बात हो गयी है, अब तीन जुलाई को राजद में शामिल हो जाना है. अगले दिन यानि गुरूवार की शाम मंजीत सिंह ने पटना में बयान दिया-नीतीश कुमार मेरे राजनीतिक पिता है. उनकी क्षत्रछाया से अलग होकर मैं कहां जा सकता हूं. ये मंजीत सिंह के यू-टर्न की पटकथा है जिसकी सारी कहानी पहले ही रची जा चुकी थी. जानिये क्या है इनसाइड स्टोरी 


मंजीत का यू टर्न
मंजीत सिंह लंबे समय तक जेडीयू के नेता रहे हैं. गोपालगंज के बैकुंठरपुर विधानक्षेत्र से विधायक रहे हैं. 2015 में बीजेपी से चुनाव हार गये. 2020 में बीजेपी की सीटिंग सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार बन कर खड़े हो गये. मंजीत इतना वोट लाने में सफल रहे जिससे बीजेपी के विधायक मिथलेश तिवारी की हार हो गयी औऱ सीट राजद के झोली में चली गयी. 


ये कहानी पुरानी हो गयी है. नयी कहानी ये है कि विधानसभा चुनाव के बाद जेडीयू का दरवाजा बंद हो गया था. लिहाजा सरकार के विरोध में राजनीति कर रहे थे. 30 जून को मंजीत सिंह ने अचानक से फेसबुक के जरिये एलान किया कि वे तेजस्वी प्रसाद यादव से मिल चुके हैं औऱ 3 जुलाई को राजद में शामिल होने जा रहे हैं. लेकिन एक जुलाई को उनका बयान पलट गया. अपना क्षेत्र छोड़ कर पटना पहुंचे मंजीत सिंह ने नीतीश कुमार से मुलाकात की. फिर क्या था-अति उत्साह में नीतीश कुमार को अपना सियासी पिता करार दिया. कहा-पिता को छोड़ कर जाने का सवाल कहां उठता है.


एक दिन मान-मनौव्वल के नाम
वैसे इससे पहले गुरूवार को मंजीत सिंह के मान मनौव्वला का पॉलिटिकल ड्रामा हुआ. राज्य सरकार में मंत्री लेसी सिंह औऱ पूर्व मंत्री जय कुमार सिंह नीतीश कुमार के दूत बनकर मंजीत सिंह के घऱ गये औऱ उन्हें पार्टी में वापस आने का न्योता दिया. मंजीत सिंह उनके साथ पटना चले आये औऱ फिर नीतीश कुमार से मुलाकात कर ली. मंजीत के मुताबिक नीतीश कुमार ने उन्हें समझाया कि किस परिस्थिति में जेडीयू ने उन्हें 2020 के चुनाव में टिकट नहीं दिया था. आगे उनका ख्याल रखा जायेगा. नीतीश ने जब ये कहा तो वे घर वापसी को तैयार हो गये.


क्या मंजीत ने प्लानिंग के तहत किया काम
सियासी जानकार कह रहे हैं कि ये सारा खेल प्लानिंग के तहत हुआ. तेजस्वी यादव मंजीत सिंह को पार्टी में शामिल कराने को लेकर बहुत उत्सुक नहीं थे और ना ही कोई पहल की. मंजीत सिंह ने खुद राजद दरबार में दस्तक दी थी. पूर्वी चंपारण के एक स्वजातीय नेता के जरिये उन्होंने राजद के एमएलसी सुनील कुमार सिंह से संपर्क साधा था. फिर सुनील सिंह के जरिये ही तेजस्वी से मुलाकात की. तेजस्वी खुद पेशोपेश में थे क्योंकि मंजीत सिंह जिस क्षेत्र में राजनीति करते रहे हैं वहां का जातीय समीकरण ठीक विपरीत है. लिहाजा मंजीत सिंह को राजद में एडजस्ट करने में परेशानी थी. लेकिन सुनील सिंह ने जब ए टू जेड की राजनीति का हवाला दिया तो तेजस्वी मंजीत को राजद में शामिल कराने पर राजी हुए.


सियासी जानकारों के मुताबिक मंजीत राजद का यूज कर रहे थे. सूत्रों के मुताबिक जेडीयू नेतृत्व से उनका पहले से संपर्क बना हुआ था. लेकिन विधानसभा चुनाव में उनके कारण बीजेपी के सीटिंग विधायक की हार हो गयी थी. लिहाजा बीजेपी के आपत्ति जताने की संभावना है. ऐसे में रास्ता ये निकाला गया कि मंजीत सिंह राजद में जाने का एलान करें. फिर जेडीयू के नेता बीचबचाव करायेंगे और फिर उनकी घऱ वापसी हो जायेगी. लिहाजा पूरी प्लानिंग के तहत काम हुआ. मंजीत सिंह कई दिन पहले ही तेजस्वी यादव से मिल चुके थे. लेकिन मुलाकात की तस्वीर उन्होंने 30 जून को सार्वजनिक की. दरअसल 30 जून से पहले नीतीश कुमार दिल्ली में आंखों का ऑपरेशन करा रहे थे औऱ ये तय नहीं था कि वे कब वापस पटना लौट पायेंगे. नीतीश के पटना वापस लौटने पर ही जेडीयू में घर वापसी का सियासी ड्रामा रचा जा सकता था. लिहाजा मंजीत सिंह ने तेजस्वी यादव से मुलाकात की तस्वीर तब जारी की जब नीतीश कुमार दिल्ली से बिहार लौट गये. फिर जो कुछ हुआ वो सबके सामने हैं.