India-Pakistan Tension: टेरिटोरियल आर्मी को लेकर रक्षा मंत्रालय ने जारी किया आदेश, जरूरत पड़ी तो जंग के मैदान में जाएंगे लेफ्टिनेंट कर्नल धोनी? India-Pakistan Tension: टेरिटोरियल आर्मी को लेकर रक्षा मंत्रालय ने जारी किया आदेश, जरूरत पड़ी तो जंग के मैदान में जाएंगे लेफ्टिनेंट कर्नल धोनी? Bihar Crime News: बिहार में ATM कैश वैन से 70 लाख की चोरी, पलक झपकते ही पैसे उड़ा ले गए शातिर Bihar Crime News: बिहार में ATM कैश वैन से 70 लाख की चोरी, पलक झपकते ही पैसे उड़ा ले गए शातिर India-Pakistan Tension: सीमा पर पाक आर्मी की तरफ से भीषण गोलीबारी, भारतीय सेना दे रही मुंहतोड़ जवाब; अमृतसर-पठानकोट-जम्मू में ब्लैकआउट India-Pakistan Tension: सीमा पर पाक आर्मी की तरफ से भीषण गोलीबारी, भारतीय सेना दे रही मुंहतोड़ जवाब; अमृतसर-पठानकोट-जम्मू में ब्लैकआउट Bihar Politics: सीएम नीतीश कुमार का बेगूसराय दौरा, मुख्यमंत्री ने करोड़ों की योजनाओं की दी सौगात Bihar News: VTR के जंगलों में लगी भीषण आग, वन्यजीवों की जान पर मंडराया खतरा Bihar News: बिहार में भीषण सड़क हादसा, चार साल के मासूम की मौत, पांच लोग घायल Bihar Crime News: बिहार में यूरिया लदे ट्रक को ले भागे बदमाश, CCTV में कैद हुई चोरी की वारदात
12-Nov-2019 01:57 PM
PATNA: महाराष्ट्र में शिवसेना के पलटने से परेशान भाजपा पर नीतीश कुमार ने दबाव बढ़ा दिया है. नीतीश की पार्टी जदयू ने शिवसेना के NDA से अलग होने को अफसोसजनक करार देते हुए NDA में को-ऑर्डिनेश कमिटी बनाने की मांग कर दी है.
दिल्ली में बोले के सी त्यागी
दिल्ली में आज जदयू के प्रधान महासचिव के सी त्यागी ने कहा कि शिवसेना एनडीए के सबसे पुराने घटक दलों में से एक रही है. उसका एनडीए छोड़ कर जाना बेहद अफसोसजनक है. जदयू नेता ने कहा कि एनडीए में संवादहीनता की स्थिति हो गया है. गठबंधन के सभी घटक दलों को अपनी बात कहने के लिए कोई फोरम नहीं है. ऐसे में तत्काल को-ऑर्डिनेशन कमिटी बनायी जानी चाहिये, जहां एनडीए की सभी पार्टियां अपनी बात रख सके. त्यागी ने कहा कि पहले भी एनडीए की कमिटी रही है. वाजपेयी जी के दौर में जार्ज फर्नांडिस एनडीए के संयोजक हुआ करते थे. लेकिन इन दिनों ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है.
भाजपा पर दबाव बनाना चाहते हैं नीतीश
त्यागी का ये बयान भाजपा पर दबाव बनाने की नीतीश कुमार की रणनीति नजर आ रही है. दरअसल अगले साल बिहार में चुनाव होने वाले हैं. हालांकि बीजेपी ने कह दिया है कि नीतीश ही मुख्यमंत्री पद के दावेदार होंगे लेकिन सीटों के बंटवारे को लेकर पेंच फंस सकता है. भाजपा का इरादा ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का है. लिहाजा नीतीश मुश्किल में पड़ सकते हैं. अपना भविष्य सुरक्षित करने में लगे नीतीश को ये सही मौका लग रहा है. लिहाजा भाजपा पर प्रेशऱ बनाने की रणनीति पर काम शुरू हो गया है.