Bihar News: 32 साल पुराने मामले में पूर्व आयकर इंस्पेक्टर भगोड़ा घोषित, कोर्ट ने जारी किया स्थायी लाल वारंट Bihar Monsoon 2025: राज्य में मानसून की दस्तक जल्द, IMD की नई अपडेट जारी Bihar crime : मुजफ्फरपुर में व्यवसायी से 15 लाख की लूट, CCTV में कैद हुई वारदात MIvsDC: दिल्ली को रौंद मुंबई ने हासिल किया प्लेऑफ टिकट, यह खिलाड़ी रहा जीत का असली हीरो Bihar News: बिहार के विभिन्न जिलों में खुलेंगी 644 फैक्ट्रियां, 37 हजार करोड़ होंगे खर्च, 55 हजार लोगों को रोजगार Bihar Police: बिहार में अब थानाध्यक्ष नहीं बन सकेंगे ऐसे पुलिस अफसर, मुख्यालय ने जारी किया नया फरमान Bihar Teacher: महीनों से ऑनलाइन हाजिरी में जारी भारी फर्जीवाड़ा, राज्य के इन जिलों के गुरु जी सबसे आगे BPSC पेपर लीक मामला: DSP रंजीत रजक को मिली बड़ी राहत मुंडेश्वरी कॉलेज फॉर टीचर एजुकेशन में एल्युमिनी मीट का आयोजन, पूर्व छात्रों ने छात्र जीवन को किया याद Bihar Crime News: पत्नी को चूहे मारने वाली दवा खिला मारना चाहता था शख्स, पिछले 4 साल से दूसरी महिला के साथ हैं नाजायज संबंध
05-Aug-2021 05:08 PM
PATNA : जातीय जनगणना के मसले पर बीजेपी को घेरने में लगे नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेज दिया है. पत्र में उनसे समय देने को कहा गया है ताकि बिहार का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल उनसे मुलाकात कर सके. सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मिलकर जाति के आधार पर जनगणना कराने की मांग करेगा.
पटना में आज पत्रकारों से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र भेज दिया है. जब समय मिलेगा तब प्रधानमंत्री से मिलने जायेंगे. गौरतलब है कि तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार से मिलकर कहा था कि वे प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगे ताकि बिहार का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलकर जातीय जनगणना कराने की मांग कर सके. नीतीश कुमार ने तत्काल तेजस्वी यादव की मांग को मानते हुए कहा था कि वे नरेंद्र मोदी को पत्र लिखेंगे. आज नीतीश कुमार ने पत्र भेज दिया.
क्या नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार में नहीं हो रही बात
वैसे सियासी हलके में ये भी चर्चा हो रही है कि क्या डबल इंजन वाली सरकार के दोनों इंजनों में संपर्क भंग हो गया है. नरेंद्र मोदी औऱ नीतीश कुमार एक ही गठबंधन में हैं. फिर भी दोनों के बीच बात नहीं हो रही है क्या. तभी नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री से मिलने के लिए पत्र भेजना पड़ रहा है. वे प्रधानमंत्री से टेलीफोन पर बात कर भी मिलने का समय मांग सकते थे.लेकिन उन्होंने पत्र भेजने का रास्ता चुना.
बीजेपी को फंसाने में लगे नीतीश कुमार
जातीय जनगणना के मामले में शुरू से ही नीतीश कुमार बीजेपी को फंसाने में लगे हैं. नीतीश कुमार बिहार से लेकर दिल्ली की सरकार में बीजेपी के साथ हैं. फिर भी जातीय जनगणना के मसले पर वे बीजेपी से डायरेक्ट बात करने के बजाय ऐसे रास्ते अपना रहे हैं जिससे मीडिया में खबर बने. पहले खुद नीतीश कुमार ने मीडिया के जरिये जातीय जनगणना कराने की मांग की. फिर उनके सांसदों ने केंद्र सरकार को पत्र लिख कर मीडिया में जारी किया. फिर नीतीश कुमार के सांसदों ने गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर जातीय जनगणना कराने की मांग की. उसे भी मीडिया में जारी किया गया. लेकिन खुद नीतीश कुमार ने एक दफे भी न प्रधानमंत्री और ना ही गृह मंत्री अमित शाह से बात की.
दिलचस्प बात ये भी है कि नीतीश कुमार उसी लाइन पर हैं जो राजद यानि लालू-तेजस्वी की लाइन है. सियासी जानकार समझ रहे हैं कि नीतीश क्या करना चाहते हैं. वे बीजेपी को फंसाना चाह रहे हैं. खासकर उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले वे बीजेपी को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं. उधर बीजेपी नीतीश की चाल को समझने के बावजूद कुछ कर पाने की स्थिति में नहीं है. बीजेपी के तमाम नेताओं ने चुप्पी साध ली है. उपर से फरमान आया है कि जातीय जनगणना के मसले पर कुछ भी नहीं बोलना है.