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27-Jul-2023 08:05 AM
By First Bihar
PATNA : बिहार पिछले कुछ दिनों से जमीन विवाद के मामले तेजी से आ रहे हैं। राज्य के अंदर शायद ही कोई ऐसा दिन गुजरता हो जिस दिन जमीन विभाग का मामला निकल कर सामने नहीं आता। ऐसे में जमीन विवाद निपटारे में कौन सा जिला सबसे आगे है और कौन सा जिला सबसे पीछे है इसका एक आंकड़ा जारी किया गया है।
दरअसल, भूमि विवाद के मामले सुलझाने में बिहार का सबसे बड़ा जिला और उसका अंचल काफी सुस्त नजर आता है। पटना, मुजफ्फरपुर सहरसा, मधेपुरा, खगड़िया और गया का प्रदर्शन काफी खराब बताया गया है। इन जिलों के अंचलों का प्रदर्शन भी संतोषजनक नहीं है। इन जिलों में जमीन विवाद, दाखिल-खारिज, जमीन सेटलमेंट समेत अन्य जरूरी मामलों के निपटारे की रफ्तार बहुत धीमी है।
वहीं, जमीन विवाद, दाखिल-खारिज, जमीन सेटलमेंट समेत अन्य जरूरी मामलों के निपटारा तेजी से करने वाले जिले की बात करें तो बांका जिला का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है। राज्य में जमीन विवाद के मामले सबसे ज्यादा हैं। करीब 65 फीसदी अपराध के पीछे की वजह जमीन विवाद ही हैं। इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने अंचल स्तर पर सीओ (अंचलाधिकारी), अनुमंडल स्तर पर डीसीएलआर और जिला स्तर पर अपर समाहर्ता (राजस्व) को जमीन से जुड़े विवाद के निपटारे की अहम जिम्मेदारी सौंपी है। इसके आधार पर इनकी रैंकिंग की जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार राज्य के सभी 534 अंचलों के अंचाधिकारी (सीओ) के कार्यों से संबंधित जून महीने की मूल्यांकन रिपोर्ट विभाग ने जारी की है। इसमें रोहतास जिले का दावथ अंचल अव्वल है। जबकि गया जिले का टिकारी सबसे फीसड्डी या सबसे निचले पायदान पर है। दावथ अंचल के सीओ को 100 में 89 अंक प्राप्त हुए थे। जबकि टिकारी सीओ को महज 28.63 अंक प्राप्त हुए हैं।
बाताया जा रहा है कि टॉप-5 अंचल को क्रमवार देखें तो दूसरे नंबर पर सुपौल का पिपरिया, तीसरे पर बांका का अमरपुर, चौथे पर रोहतास का नौहट्टा और पांचवें पर औरंगाबाद का हसपुरा है। टॉप-10 में सबसे ज्यादा बांका जिला के तीन अंचल अमरपुर, धौरइया और रजौन शामिल हैं। वहीं, इसके विपरित सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले 5 अंचलों में टिकारी के बाद पश्चिम चंपारण का जोगापट्टी, पटना का दुल्हिन बाजार, गया का आमस और पटना का बिक्रम है। सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले 10 अंचलों में गया के सबसे ज्यादा चार अंचल टिकारी, आमस, बोधगया एवं बथनाही शामिल हैं। पटना के तीन दुल्हिन बाजार, बिक्रम और बिहटा अंचल हैं।
आपको बताते चलें कि, समीक्षा के दौरान अपर समाहर्ताओं के कार्यों 11 मानकों पर परखा जाता है। सभी मानकों पर पटना फिसड्डी साबित हुआ। खराब प्रदर्शन करने वाले अन्य 5 जिलों में मुजफ्फरपुर, सहरसा, मधुबनी, खगड़िया, पश्चिम चंपारण शामिल हैं। जबकि, बांका सबसे अव्वल रहा। सुपौल दूसरे और पूर्णिया तीसरे स्थान पर रहा। सीतामढ़ी, कैमूर और पूर्वी चंपारण का भी प्रदर्शन बेहतर रहा।