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इंडो-नेपाल बॉर्डर पर भारतीय युवक को नेपाली पुलिस ने पीटा, ग्रामीणों ने किया विरोध-प्रदर्शन, काफी मशक्कत के बाद शांत हुआ मामला

इंडो-नेपाल बॉर्डर पर भारतीय युवक को नेपाली पुलिस ने पीटा, ग्रामीणों ने किया विरोध-प्रदर्शन, काफी मशक्कत के बाद शांत हुआ मामला

30-May-2021 05:16 PM

By ALOK KUMAR

BETTIAH: इंडो-नेपाल बॉर्डर स्थित भेड़िहरवा चेक पोस्ट पर तैनात नेपाली पुलिस और गांव के लोग आपस में उलझ गये। दर्जनों की संख्या में नेपाली नागरिक नाका पर पहुंचे और अपनी ही पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने लगे। नेपाली लोगों का विरोध प्रदर्शन देख मौके पर दर्जनों की संख्या में भारतीय लोग भी पहुंच गए। दोनों देशों के लोगों ने सामूहिक रूप से नेपाली पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन और नारेबाजी शुरू कर दी। इसकी सूचना के बाद मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने लोगों को समझा-बुझाकर मामले को शांत कराया।


आखिर क्या था पूरा मामला?

दरअसल नेपाल से भेड़िहरवा गांव में दूध लेकर भीम साह का पुत्र रवि रौशन आया था। ग्राहकों को दूध देकर जब वह वापस लौट रहा था तभी नेपाली नाका पर नेपाली पुलिस ने उसे रोककर पीटना शुरू कर दिया। किसी तरह वहां से भागकर वह अपने गांव आया और गांव वालों को अपनी आपबीती सुनायी। जिसके बाद दर्जनों की संख्या में नेपाली नागरिक नाका पर पहुंचे और अपनी ही पुलिस के खिलाफ विरोध करने लगे। नेपाली लोगों का विरोध प्रदर्शन देख मौके पर दर्जनों की संख्या में भारतीय लोग भी पहुंच गए। इस दौरान नेपाली पुलिस और गांव के लोग आपस में ही उलझ गये। भारत-नेपाल बॉर्डर पर आक्रोशित लोगों ने घंटों प्रदर्शन किया। इस दौरान अफरा-तफरी की स्थिति बनी रही। 



घंटो मशक्कत के बाद मामला हुआ शांत 

सूचना पर मौके पर पहुंचे नेपाल सशस्त्र प्रहरी मिर्जापुर के इंस्पेक्टर कृष्णा अधिकारी, भेडि़हरवा बीओपी 47 वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल के सब इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार, एस‌एसबी के अधिकारी चटोरिया मुरमुर, मुख्य आरक्षी विपिन कुमार चौकीदार मुस्लिम अंसारी, छिपहर माई नेपाल वार्ड नंबर 2 के गांवपालिका महेंद्र साह कलवार भी पहुंचे। जहां पहुंचकर भारत और नेपाल के लोगों से बातचीत की और उन्हें समझाने की कोशिश की। घंटों मशक्कत के बाद मामला शांत हुआ। 



ग्रामीणों ने किया सवाल

आक्रोशित लोगों का कहना था कि जब नेपाल से लोगों को भारतीय सीमा में प्रवेश करने के लिए पुलिस छुट दे रही है तो फिर किस परिस्थिति में वही लोग जब वापस लौट रहे हैं तो उनको पीटा जा रहा है। भारतीय क्षेत्र के लोगों का कहना था कि आटा चक्की नहीं होने के कारण लोग गेहूं और मसाला पिसवाने के लिए अपने बगल के गांव नेपाल ही जाते हैं। ऐसे में यदि स्थिति यही रही तो हम सभी को आए दिन इसी तरह से समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।



कानून को हाथ में ना लेने की अपील

वहीं भेड़िहरवा कैंप के इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार ने बताया कि भारत और नेपाल के नागरिकों को समझा-बुझाकर शांत कराया गया है। साथ ही उन्हें आपस में मिलजुल कर रहने की नसीहत भी दी गई है। लोगों से कानून को हाथ में ना लेने की बात कही गयी है। लोगों से अपील की गयी है कि वे कोई ऐसा काम नहीं करें जिससे भारत-नेपाल बॉर्डर पर तनाव की स्थिति बने। उन्होंने कहा कि इंडो-नेपाल बॉर्डर पर आज हुई इस घटना की सूचना उच्चाधिकारियों को भी दी गई है। साथ ही इन क्षेत्रों में गश्ती तेज कर दी गयी है। गौरतलब है कि दोनों गांव के बीच की दूरी महज दस मीटर से भी कम है। नेपाल से बेटी- रोटी का संबंध होने के कारण दोनों गांव के लोग आपसी भाईचारा और सौहार्द्र के साथ यहां रहते हैं।