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10-Jun-2023 07:40 AM
By First Bihar
PATNA : पटना हाईकोर्ट में केस दायर करना आसान नहीं होने वाला है। हाई कोर्ट के जज के नाराजगी के बाद अब नियम सख्त कर दिया गया है। पटना हाई कोर्ट के सभी ओथ कमिश्नर को निर्देश दिया गया है कि वह हलफनामे पर अपनी मुहर और हस्ताक्षर करने के पूर्व अदालत की ओर से जारी दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन करें।
दरअसल, पटना हाईकोर्ट के जस्टिस राजीव रॉय की सिंगल बेंच ने कोर्ट में दर्ज होने वाले मुकदमों पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि,किसी भी तरह के मुकदमा दर्ज करने से पहले नियमों का सख्ती से पालन करने का आदेश दिया है। केस दायर करने वाले शपथकर्ता को हाईकोर्ट की ओर से नियुक्त ओथ कमिश्नर के समक्ष उपस्थित होकर ओथ रजिस्टर व हलफनामा के पन्ने पर हस्ताक्षर करना होगा। अब तक शपथकर्ता नहीं के बराबर उपस्थित होते थे।अधिवक्ता के मुंशी हलफनामा के पन्ने पर शपथकर्ता का हस्ताक्षर करवा लेते थे और उसपर हलफनामा का मजमून टाइप करवाकर ओथ कमिश्नर के समक्ष पेश कर शपथ करवा लेते थे। मगर अब ऐसा नहीं चलेगा।
पटना हाईकोर्ट के जस्टिस राजीव रॉय की एकलपीठ ने जमानत की एक अर्जी पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया है कि, गर्मी की छुट्टी के बाद प्रत्येक शपथकर्ता को ओथ कमिश्नर के समक्ष उपस्थित होना होगा और ओथ रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने के बाद ही ओथ कमिश्नर उस केस में शपथ प्रक्रिया को पूरी करेंगे। अगर ओथ कमिश्नर हाईकोर्ट के नियमों का पालन नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
हाईकोर्ट ने कहा कि, शपथकर्ता से सादे कागज पर हस्ताक्षर करवाकर उसे हलफनामा के लिए इस्तेमाल करने की परंपरा अब नहीं चलेगी। अदालत ने माना कि लगभग सभी ओथ कमिश्नर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि सच्चाई यह है कि शपथकर्ता हस्ताक्षर करने के लिए कभी अदालत नहीं आते और उनका हस्ताक्षर किए कोरे कागज का इस्तेमाल होता है।
आपको बताते चलें कि, पटना हाईकोर्ट ने सभी ओथ कमिश्नर को निर्देश दिया कि वे हलफनामे पर अपनी मुहर और हस्ताक्षर करने के पूर्व अदालत की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करें। गर्मी की छुट्टी के बाद अगर ओथ कमिश्नर को रजिस्टर के साथ बुलाए जाने के बाद यदि यह पाया जाता है कि ओथ रजिस्टर का हस्ताक्षर कॉलम खाली है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी।