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12-Jan-2023 06:58 PM
PATNA: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव ने रामचरित मानस को नफरत फैलाने पर ग्रंथ करार दिया है, जिसके बाद पूरे देश में बवाल मचा है. बिहार के शिक्षा मंत्री ने बुधवार को नालंदा ओपेन यूनिवर्सिटी छात्रों के दीक्षांत समारोह में हिन्दू धर्म ग्रंथों को जमकर कोसा. लेकिन ये पहली दफे नहीं हुआ है. तेजस्वी यादव के खास माने जाने वाले चंद्रशेखर ने लगभग सभी सरकारी कार्यक्रमों में हिन्दू धर्म ग्रंथों के खिलाफ आग उगला है. ये बात जरूर है कि राजद के कार्यक्रमों या आम लोगों की सभा में वे ऐसा नहीं बोलते।
हर सरकारी मंच से हिन्दूओं को कोसा
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरित मानस वाले जिस बयान पर हंगामा मचा है वह भी एक सरकारी कार्यक्रम में दिया गया था. सरकारी यूनिवर्सिटी के छात्रों को डिग्री देने के कार्यक्रम में बिना किसी संदर्भ के शिक्षा मंत्री ने रामचरित मानस को जमकर कोसा. उसे नफरत फैलाने वाला ग्रंथ करार दिया. जबकि उस कार्यक्रम में रामचरित मानस पर कोई चर्चा नहीं हो रही थी।
लेकिन ये पहला वाकया नहीं है. 24 दिसंबर को बिहार के 600 सरकारी व्याख्याताओं की ट्रेनिंग पूरा होने पर पटना के ज्ञान भवन में सरकारी कार्यक्रम आयोजित हुआ था. कार्यक्रम शिक्षा विभाग का था लिहाजा शिक्षा मंत्री उसमें मुख्य अतिथि बनकर पहुंचे थे. उस सरकारी कार्यक्रम में भी शिक्षा मंत्री चंद्रशेखऱ का लगभग पूरा भाषण हिन्दू धर्म ग्रंथों को कोसने में गया था. उन्होंने अपने भाषण में दावा किया कि हिन्दू धर्म ग्रंथों में 85 फीसदी लोगों को गालियां दी गयी है. जबकि उस कार्यक्रम में भी किसी धर्म ग्रंथ पर चर्चा को कोई संदर्भ नहीं था।
उस कार्यक्रम के बाद नैक के एक कार्यक्रम में भी शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने हिन्दू धर्म ग्रंथों पर जमकर निशाना साधा था. पिछले चार महीने में बिहार के शिक्षा मंत्री को जिस किसी सरकारी कार्यक्रमों में बुलाया गया है, उन्होंने हिन्दू धर्म ग्रंथों को कोसने का मौका नहीं छोडा है. ये अलग बात है कि राजद के किसी कार्यक्रम में उन्होंने हिन्दू धर्म ग्रंथों पर कभी कोई चर्चा नहीं की है।
कौन हैं चंद्रशेखर?
अब सवाल ये उठता है कि कौन हैं चंद्रशेखर यादव जिन्हें बिहार के शिक्षा मंत्री जैसा अहम पद दे दिया गया है. बिहार के मधेपुरा से विधायक चंद्रशेखर तेजस्वी यादव के बेहद करीबी बताये जाते हैं. खुद को एक प्राइवेट कॉलेज का लेक्चरर बताने वाले चंद्रशेखर को तेजस्वी यादव की करीबी होने का फायदा मिला और उन्हें मौजूदा सरकार में शिक्षा मंत्री जैसी अहम जिम्मेवारी दी गयी. चंद्रशेखर दिल्ली में आर्म्स एक्ट के एक मामले के आरोपी हैं. उन्हें दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर दस कारतूस के साथ पकड़ा गया था.