Bihar News: बिहार में सड़क हादसे में बच्चे की मौत पर बवाल, गुस्साए लोगों ने बस में की तोड़फोड़ Bihar News: बिहार में सड़क हादसे में बच्चे की मौत पर बवाल, गुस्साए लोगों ने बस में की तोड़फोड़ Bihar News: बिहार में सड़क किनारे खड़े ट्रक से टकराया तेज रफ्तार ट्रक, हादसे में ड्राइवर की दर्दनाक मौत Bigg Boss 19: बिग बॉस 19 में फराह खान की एंट्री से बढ़ा टेंशन, बसीर ने नेहल से तोड़ी दोस्ती Patna News: पटना में JDU-BJP दफ्तर के बाहर धारा 163 लागू, अब प्रदर्शन करने वालों की खैर नहीं Patna News: पटना में JDU-BJP दफ्तर के बाहर धारा 163 लागू, अब प्रदर्शन करने वालों की खैर नहीं Bihar News: बिहार सरकार की बड़ी कार्रवाई, 12 अधिकारियों को किया सस्पेंड; क्या है वजह? Bihar News: बिहार सरकार की बड़ी कार्रवाई, 12 अधिकारियों को किया सस्पेंड; क्या है वजह? Road Accident: BPSC परीक्षा देकर लौट रहे युवक की सड़क हादसे में मौत, एक गंभीर रूप से घायल Bihar Crime News: पत्नी से अनबन के बाद युवक की हत्या, बदमाशों ने गोलियों से भूना
19-May-2021 07:55 AM
SAMASTIPUR : इंसान और जानवरों के बीच के अनोखे रिश्ते की कहानियां हमने सुनी हैं. ऐसी ही एक सच्ची घटना बिहार के समस्तीपुर जिले में देखने को मिली जहां पालतू कुत्ते की मौत के बाद उसके मालिक ने फूल-माला और गाजे-बाजे के साथ उसकी अंतिम यात्रा निकाली. इस शवयात्रा में मौजूद सभी लोगों की आंखें नाम थीं. कुत्ते के मालिक ने कहा कि जब उसने उसे सोनपुर मेले से ख़रीदा था, उसके बाद से ही उसकी घर की हालत बदल गई. वह उसके लिए काफी लकी था.
घटना समस्तीपुर जिले के विद्यापतिनगर प्रखंड की शेरपुर पंचायत की है. नरेश साह ने अपने कुत्ते की मौत होने के बाद हिंदू रीति-रिवाज से उसे अंतिम विदाई दी. बैंड-बाजे की धुन के बीच टॉनी की शवयात्रा में चलते लोगों की आंखें नम थीं. नरेश ने बताया कि टॉनी मेरे लिए सिर्फ कुत्ता नहीं, बल्कि हमारे घर-टोला का रक्षक भी था. वह हम सभी की जिंदगी का हिस्सा था. नरेश ने अपने कुत्ते की शवयात्रा के लिए सारे इंतजाम किए. एक ठेले पर उसका शव रखा. फूल-माला और कफन से कुत्ते के शव को लपेट कर रखा. साउंड सिस्टम भी ठेले पर ही लगाया. जहां-जहां से ये शवयात्रा निकली, लोग जुड़ते चले गए.
नरेश कुमार साह पेशे से ग्रामीण चिकित्सक हैं. उन्होंने बताया कि उन्होंने 12 साल पहले सोनपुर मेले से इस विदेशी नस्ल के कुत्ते को ख़रीदा था. बचपन से ही उसे दुलार से पाल रखा था. घर के सदस्यों जैसा था. टॉनी आसपास के लोगों की भी आंखों का तारा था. उसकी मौत के बाद हम सबने मिलकर उसे ऐसी विदाई देने की सोची, जो लोगों के लिए प्रेरणा बन सके. जिस तरह से आदमी की मौत पर अंतिम यात्रा निकाली जाती है, उसी तरह टॉनी की मौत के बाद उसके लिए अर्थी बनवाई और उसकी अंतिम यात्रा निकाली गई. गंगा की सहायक वाया नदी किनारे उसे दफनाया गया.