ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: बिहार के पुनौरा धाम में जानकी मंदिर न्यास समिति का पुनर्गठन, कमेटी में अध्यक्ष समेत 9 सदस्य Bihar News: बिहार के पुनौरा धाम में जानकी मंदिर न्यास समिति का पुनर्गठन, कमेटी में अध्यक्ष समेत 9 सदस्य Bihar News: बिहार में मुंडन संस्कार के दौरान बड़ा हादसा, अचानक टूटकर गिरी छत, एक की मौत; कई लोग घायल Bihar News: बिहार में मुंडन संस्कार के दौरान बड़ा हादसा, अचानक टूटकर गिरी छत, एक की मौत; कई लोग घायल Bihar News: दिल्ली में स्वामी सहजानंद सरस्वती की पुण्यतिथि समारोह का आयोजन, युवा चेतना प्रमुख समेत बीजेपी के बड़े नेता हुए शामिल Bihar News: दिल्ली में स्वामी सहजानंद सरस्वती की पुण्यतिथि समारोह का आयोजन, युवा चेतना प्रमुख समेत बीजेपी के बड़े नेता हुए शामिल वीआईपी नेता संजीव मिश्रा का बलभद्रपुर में जनसंवाद, बोले- जनता की सेवा मेरा पहला धर्म बिंदु गुलाब यादव वीआईपी में शामिल, मुकेश सहनी बोले- बिहार के युवा बनाएंगे अपनी सरकार नरकटियागंज: जमीन विवाद में हिंसक झड़प, महिलाओं-बच्चों पर हमला, चीनी मिल कर्मियों पर गंभीर आरोप Bihar: पटना रवाना हुआ भोजपुर का युवा शक्ति काफिला, डबल इंजन सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प

फिर से सर्वे कराना दुर्भाग्यपूर्ण, RLJP बोली- अबतक किसी भी राज्य में सफल नहीं हुई शराबबंदी

फिर से सर्वे कराना दुर्भाग्यपूर्ण, RLJP बोली- अबतक किसी भी राज्य में सफल नहीं हुई शराबबंदी

20-Dec-2022 05:33 PM

PATNA: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल ने शराबबंदी कानून का का फिर से सर्वे कराने के नीतीश कुमार के फैसले का विरोध किया है। श्रवण अग्रवाल ने कहा है कि वर्ष 2016-17 में ही शराबबंदी कानून लागू हुआ था। उस समय राज्य सरकार के पदाधिकारियों के द्वारा जो सर्वे किया गया था उस सर्वे के बाद जो आंकड़ा सरकार ने पेश किया था, वह पूरी तरह से भ्रामक और फर्जी था जबकि किसी स्वतंत्र एजेंसी से उस समय शराबबंदी की सफलता की जांच करायी जाती तो राज्य में पूरी तरह से विफल शरबबंदी कानून की पोल खुल जाती।


श्रवण अग्रवाल ने कहा कि देश के संसद और विभिन्न राज्यों के विधानसभा में संविधान में कई कानून बनाये गये लेकिन कई कानून ऐसा भी लोकसभा और देश के अलग-अलग राज्यों के विधानसभा में बनाए गए जो सफल कानून साबित हुए उसको केन्द्र की सरकार और राज्य की सरकारों ने वापस ले लिया। जब देश में केन्द्र की एनडीए के सरकार के द्वारा तीन कृषि कानून लाकर उसे लागू किया गया था तो देश के किसानों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हो गयी थी और किसान उग्र आंदोलन कर रहे थे। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बड़ा दिल दिखाते हुए किसानों के बीच और उनके मन में भ्रम और संशय दूर करने के लिए तीनों कृषि कानून उन्हानें वापस ले लिया।


उन्होंने कहा कि बिहार में जननायक कर्पूरी ठाकुर ने शराबबंदी कानून लागू किया था। जब राज्य में शराबबंदी कानून सफल साबित नहीं हुआ तो उस कानून को उस समय खत्म कर दिया गया था। हरियाणा में भी 1996 में तत्कालीन मुख्यमंत्री चौधरी बंशीलाल ने शराबबंदी कानून लागू किया था लेकिन वहां भी शराबबंदी पूरी तरह से विफल साबित हुई और चौधरी बंशीलाल को शराबबंदी कानून वापस लेना पड़ा था। वर्ष 2017 में केरल के यूडीएफ सरकार ने शराबबंदी को लेकर अधिसूचना जारी की थी। उसके बाद केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने 2018 में कहा था शराबबंदी के परिणाम पूरी दुनिया में सकारात्मक नहीं रहे हैं। शराबबंदी के कारण अवैध शराब और ड्रग्स के आदी होने का खतरा बढ़ सकता है। इसके साथ ही कालाबजारी को भी बढ़ावा मिलेगा, इसी कारण शराब के व्यापार को प्रतिबंधित करने के बजाय सराकार के नियंत्रण में रखना समझदारी है।


श्रवण अग्रवाल ने कहा कि आंध्र प्रदेश में भी 1995 में शराबबंदी कानून को लागू किया गया था। वहां भी शराबबंदी पूरी तरह से विफल साबित हुआ था और 16 महिनों को बाद ही तत्कालीन मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू ने शराबबंदी कानून को पूरी तरह से खत्म कर दिया था। राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल ने कहा कि नीतीश कुमार का यह बयान कि शराबबंदी का विरोध करने वाले का सफाया तय है जबकि इन्हीं के गठबंधन के बड़े सहयोगी के कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कुढ़नी विधानसभा के बाद यह बयान दिया कि शराबबंदी के कारण कुढ़नी में जदयू का सफाया हो गया। यहां तक कि जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने भी शराबबंदी कानून की ओर इशारा करते हुए कुढ़नी में जनता जेडीयू के उम्मीदवार का हार का कारण बताया। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी सहित महागठबंधन के कई सहयोगी दल और विधायक शराबबंदी कानून का विरोध कर रहे हैं और इस कानून को असफल बताया हैं।


राष्ट्रीय प्रवक्ता अग्रवाल ने जीतन राम मांझी के द्वारा अपने ही सरकार पर की गई टिप्पणी कि ‘जहां बेदर्द मालिक है वहां फरियाद क्या होगा’ का उल्लेख करते हुए कहा कि नीतीश कुमार और उनकी सरकार को अपने गठबंधन के बड़े नेताओं और सहयोगियों का फरियाद सुननी चाहिए और फौरन फर्जी और पूरी तरह से विफल शराबबंदी कानून को वापस ले लेना चाहिए। जिससे आने वाले दिनों में जहरीली शराब से राज्य में गरीबों, दलितों और पिछड़ों के मौत को रोका जा सके और सारण जहरीली शराब नरसंहार कांड की पुर्नरावृति राज्य में नहीं हो।