पटना में नगर निगम की लापरवाही से खुला मेनहोल बना जानलेवा, नाले में गिरा बच्चा पहली उड़ान बनी आखिरी सफर, सऊदी नौकरी पर निकले युवक ने फ्लाइट में दम तोड़ा, विदेश में नौकरी का सपना रह गया अधूरा जमुई में नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम, जंगल से 24 सिलेंडर बम बरामद भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग पर भीषण सड़क हादसा, महिला की मौत, 6 की हालत गंभीर Patna News: पटना एयरपोर्ट के लिए जारी हुआ नया आदेश, उल्लंघन किया तो होगी कड़ी कार्रवाई बेगूसराय में टला बड़ा हादसा: चलती ट्रेन के इंजन में लगी आग, यात्रियों ने कूदकर बचायी अपनी जान गांधी सेतु पर ट्रक और पिलर के बीच फंसा बाइक सवार, ट्रैफिक पुलिस ने किया रेस्क्यू AI in election: AI की चालबाज़ी से उलझे बिहार के वोटर! फर्जी कॉल्स-Deepfake से फैला भ्रम, अब चुनाव आयोग कसेगा शिकंजा! प्यार के लिए लड़का बना लड़की, अब पति किन्नर से शादी की जिद पर अड़ा Bihar politics : तेजस्वी ने किया 'महिला संवाद' पर हमला, जदयू का पलटवार...क्या महिलाओं की तरक्की से डरते हैं नेता प्रतिपक्ष?
08-Jan-2021 04:09 PM
By SANT SAROJ
SUPAUL : सुपौल जिले में पुलिस का अजीबो गरीब कारनामा सामने आया है. दरअसल, सदर थाना इलाके के सोनक से एक शख्स ने सदर थाने में अपने भाई के अपहरण का मुकदमा दर्ज करवाया जिस मामले में पुलिस ने आठ नामजद आरोपियों में से एक को जेल भी भेज दिया. मगर एक साल बाद अपहृत शख्स गांव पहुंचा और उसने अपहरण होने से मना किया बल्कि उसके दो बेटों ने अपने चाचा पर जमीनी विवाद को लेकर गांव के 8 निर्दोष लोगों को फसांये जाने का खुलासा किया. हालांकि इस बाबत अपहृत शख्स ने सदर के नए SDPO के समक्ष अपना बयान दर्ज करवा दिया है.
दरअसल, जिले के मल्हनी पंचायत के सोनक गांव वार्ड 06 में भूमि विवाद को लेकर मो. नागो और मो. उमर में लड़ाई हुई थी, जिस दौरान मो. नागो ने सदर थाना में लिखित शिकायत दर्ज करवाया की थी. उसके भाई मो. मुस्ताक का गांव के मो. उमर समेत 8 लोगों ने मारपीट कर अपहरण कर लिया. सदर थाने की पुलिस ने 8 नामजद लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर लिया. जिसके बाद सुपौल सदर के तत्कालीन SDPO विद्यासागर ने अपने सुपरविजिन रिपोर्ट में मामले को सत्य करार देते हुए 8 नामजद आरोपियों को दोषी मानते हुए अपहरण होने की बात लिख डाली और एक नामजद आरोपी को 6 मार्च 2020 को जेल भी भेज दिया.
वही अपहृत शख्स मुस्ताक अब गांव पहुंचा तो उसने बताया कि पुलिस पदाधिकारी ने उस वक्त ना उनसे कुछ जांच पड़ताल की और न ही कोई बयान लिया बल्कि उनलोगों का कहना है कि उनके पिता नोएडा में राजमिस्त्री का काम कर रहे थे और भूमि विवाद में डेढ़ कट्टा जमीन के खातिर उसके दो चाचा ने गांव के पड़ोस में रहने वाले 8 लोगों को फंसा दिया. हांलाकि दिल्ली पुलिस के सहयोग से अपहृत शख्स सुपौल सदर थाने तक पहुंच गया. अब सदर के नए SDPO ने नए तरीके से पुलिस द्वारा अपहरण के मामले में अपहृत शख्स मुस्ताक का बयान दर्ज कर लिया है. साथ ही उनलोगों को इस मामले से बरी करने की कार्रवाई में जुटे हैं. बहरहाल पुलिस अधिकारी ने अगर ठीक से जांच की होती तो एक शख्स को 2 महीने 7 दिन जेल नहीं काटनी पड़ती.