Bihar assembly session : विधानमंडल में तेजस्वी को घूम-घूमकर खोजने लगे JDU के MLC,कहा - यदि किसी राजद ने विधायक ने खुद को तेजस्वी बताया, तो ... Rajendra Prasad: देशरत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की 141वीं जयंती आज, सीएम नीतीश कुमार और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने किया नमन Rajendra Prasad: देशरत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की 141वीं जयंती आज, सीएम नीतीश कुमार और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने किया नमन Bihar Assembly Winter Session : बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बदले-बदले अंदाज में दिखे नीतीश कुमार, मीडिया से की खास बातचीत; मंत्री विजय चौधरी भी स्पेशल ड्रेस में पहुंचे Bihar Assembly : बिहार विधानमंडल पहुंचे सीएम नीतीश और राबड़ी देवी , सत्र के तीसरे दिन राज्यपाल का होगा अभिभाषण Bihar Kendriya Vidyalaya : बिहार को शिक्षा का बड़ा तोहफ़ा, 16 जिलों में खुलेंगे 19 नए केंद्रीय विद्यालय; राज्य में अब 72 केवी Bihar Teacher Salary: बिहार के लाखों शिक्षकों के खाते में इस दिन आएगा बढ़ा हुआ वेतन, शिक्षा विभाग का निर्देश जारी Census 2027 : डिजिटल माध्यम से होगी आबादी की गिनती, दो चरणों में होगी जनगणना; संसद में सरकार ने दिया अपडेट Bihar police encounter : बिहार के छपरा जिले में 48 घंटे के अंदर दूसरा एनकाउंटर, शराब तस्कर को पुलिस ने मारी गोली Bihar News: भीषण सड़क हादसे में युवक की मौत, अस्पताल में परिजनों का जमकर हंगामा
08-Jan-2021 04:09 PM
By SANT SAROJ
SUPAUL : सुपौल जिले में पुलिस का अजीबो गरीब कारनामा सामने आया है. दरअसल, सदर थाना इलाके के सोनक से एक शख्स ने सदर थाने में अपने भाई के अपहरण का मुकदमा दर्ज करवाया जिस मामले में पुलिस ने आठ नामजद आरोपियों में से एक को जेल भी भेज दिया. मगर एक साल बाद अपहृत शख्स गांव पहुंचा और उसने अपहरण होने से मना किया बल्कि उसके दो बेटों ने अपने चाचा पर जमीनी विवाद को लेकर गांव के 8 निर्दोष लोगों को फसांये जाने का खुलासा किया. हालांकि इस बाबत अपहृत शख्स ने सदर के नए SDPO के समक्ष अपना बयान दर्ज करवा दिया है.
दरअसल, जिले के मल्हनी पंचायत के सोनक गांव वार्ड 06 में भूमि विवाद को लेकर मो. नागो और मो. उमर में लड़ाई हुई थी, जिस दौरान मो. नागो ने सदर थाना में लिखित शिकायत दर्ज करवाया की थी. उसके भाई मो. मुस्ताक का गांव के मो. उमर समेत 8 लोगों ने मारपीट कर अपहरण कर लिया. सदर थाने की पुलिस ने 8 नामजद लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर लिया. जिसके बाद सुपौल सदर के तत्कालीन SDPO विद्यासागर ने अपने सुपरविजिन रिपोर्ट में मामले को सत्य करार देते हुए 8 नामजद आरोपियों को दोषी मानते हुए अपहरण होने की बात लिख डाली और एक नामजद आरोपी को 6 मार्च 2020 को जेल भी भेज दिया.
वही अपहृत शख्स मुस्ताक अब गांव पहुंचा तो उसने बताया कि पुलिस पदाधिकारी ने उस वक्त ना उनसे कुछ जांच पड़ताल की और न ही कोई बयान लिया बल्कि उनलोगों का कहना है कि उनके पिता नोएडा में राजमिस्त्री का काम कर रहे थे और भूमि विवाद में डेढ़ कट्टा जमीन के खातिर उसके दो चाचा ने गांव के पड़ोस में रहने वाले 8 लोगों को फंसा दिया. हांलाकि दिल्ली पुलिस के सहयोग से अपहृत शख्स सुपौल सदर थाने तक पहुंच गया. अब सदर के नए SDPO ने नए तरीके से पुलिस द्वारा अपहरण के मामले में अपहृत शख्स मुस्ताक का बयान दर्ज कर लिया है. साथ ही उनलोगों को इस मामले से बरी करने की कार्रवाई में जुटे हैं. बहरहाल पुलिस अधिकारी ने अगर ठीक से जांच की होती तो एक शख्स को 2 महीने 7 दिन जेल नहीं काटनी पड़ती.