ब्रेकिंग न्यूज़

गया में सिंदूर महायज्ञ ने रचा इतिहास: अब तक 8 करोड़ आहुतियाँ, विकास और सनातन पर जोर आरा में संत सम्मेलन का भव्य आयोजन, अजय सिंह ने धर्म-संस्कृति पर दिया जागरूकता का संदेश नीतीश की योजनाओं का क्रेडिट ले रहे तेजस्वी यादव, बोले मंगल पांडेय..लालू परिवार ने किसी का भला नहीं किया 26 जून के छात्र-युवा संवाद को लेकर भोजपुर से जागरूकता रथ रवाना, रथयात्रा से गांव-गांव तक जागरूकता अभियान की शुरुआत नीतीश के गृह क्षेत्र में मुकेश सहनी ने किया वादा, कहा..हमारी सरकार बनी तो निषाद के खाते में 3 महीने तक दिया जाएगा ₹5000 बम की धमकी से मचा हड़कंप: यूके से दिल्ली आ रही एयर इंडिया फ्लाइट की सऊदी अरब में इमरजेंसी लैंडिंग Life Style: जब उम्मीद बाकी हो, तो कोशिशें चमत्कार कर सकती हैं; जानिए... राजा की कहानी परमानंदपुर पंचायत में VIP नेता संजीव मिश्रा का जनसंपर्क अभियान, बोले..अब गांव की सरकार गांव के लोगों के हाथ में होनी चाहिए Road Accident: आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे सड़क हादसे में बिहार के युवक की मौत, बिजनेस के सिलसिले में गए थे दिल्ली Bihar Crime News: दरभंगा में आधी रात भीषण डकैती, परिवार को बंधक बना बदमाशों ने की जमकर लूटपाट

फंस ही गये सदानंद सिंह , पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ निगरानी ने किया चार्जशीट, विधानसभा में नियुक्ति में घोटाले का गंभीर आरोप

फंस ही गये सदानंद सिंह , पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ निगरानी ने किया चार्जशीट, विधानसभा में नियुक्ति में घोटाले का गंभीर आरोप

15-Aug-2019 09:47 AM

By 7

PATNA : कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सदानंद सिंह आखिरकार निगरानी विभाग के जाल में आ ही गये. बिहार विधानसभा में हुई नियुक्ति में भारी पैमाने पर घोटाला करने के आरोप में निगरानी ने आज सदानंद सिंह के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी. सदानंद सिंह समेत कुल 41 लोगों के खिलाफ घोटाले का आरोप लगाते हुए चार्जशीट दायर की गयी है. सदानंद सिंह पर बेहद गंभीर आरोप निगरानी विभाग के मुताबिक विधानसभा में कर्मचारियों की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गयी थी. मामला तकरीबन डेढ़ दशक पहले का 2000 से 2005 के बीच सदानंद सिंह विधानसभा अध्यक्ष थे, उसी दौरान विधानसभा में बड़े पैमाने पर नियुक्ति की गयी. इन नियुक्ति में खूब गड़बड़ी हुई. विधानसभा अध्यक्ष से लेकर वहां के अधिकारियों कर्मचारियों ने अपने रिश्तेदारों को नौकरी बांट दी. तमाम नियम कायदे कानून की धज्जी उड़ा दी गयी. कैसे हुई गड़बड़ी निगरानी विभाग की जांच के मुताबिक नियुक्ति के लिए शुरू में तैयार की गयी नियमावली में कहीं साक्षात्कार लेने का जिक्र नहीं था, लेकिन रिक्त पदों से कई गुना अधिक उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलावा भेजा गया. फिर मनमाने तरीके से चयन कमेटी का गठन कर लिया गया. इस चयन समिति में उन लोगों को मेंबर बनाया गया जिनके सगे संबंधियों ने नौकरी के लिए आवेदन दिया था. निगरानी का आरोप ये भी है कि घोटाला कर नियुक्‍त हुए कर्मचारियों की उत्तर पुस्तिकाएं भी बदली दी गयी थी. निगरानी के मुताबिक तत्‍कालीन विधानसभा अध्‍यक्ष सदानंद सिंह पर भी आरोप है कि उन्‍होंने अपने रिश्तेदार संजय कुमार की नियुक्ति के लिए गड़बड़ी की. जिसे मौका मिला उसने गड़बड़ी की निगरानी के चार्जशीट के मुताबिक विधानसभा में हुई नियुक्ति में वहां के अधिकारियों-कर्मचारियों ने मनमाने तरीके से अपने बच्चों और सगे संबंधियों की नियुक्ति कर ली. निगरानी के मुताबहिक विधानसभा के तत्‍कालीन उप सचिव वशिष्ठ देव तिवारी के पुत्र नवीन कुमार, आप्‍त सचिव विमल प्रसाद के पुत्र राकेश कुमार, अवर सचिव बैजू प्रसाद सिंह के पुत्र मनीष कुमार, सुबोध कुमार जायसवाल के पुत्र रतन कुमार का चयन किया गया. इसके अलावा उप सचिव पुरुषोत्तम मिश्रा के रिश्तेदार देव कुमार, उप सचिव ब्रजकिशोर सिंह के रिश्तेदार सत्यनारायण, उप सचिव अरुण कुमार के रिश्तेदार नीरज आनंद, उप सचिव ब्रजकिशोर सिंह के रिश्तेदार सत्यनारायण, उप सचिव नवलकिशोर सिंह के रिश्तेदार अवधेश कुमार सिंह, आप्त सचिव कामेश्वर प्रसाद सिंह के रिश्तेदार संजीव कुमार को भी नियुक्ति के लिए चुन लिया गया. मामले की जांच-पड़ताल के बाद निगरानी ने विधानसभा से चार्जशीट की अनुमति मांगी थी. विधानसभा से अनुमति मिलने के बाद आज चार्जशीट दाखिल कर दी गयी. कांग्रेस विधायक दल के नेता हैं सदानंद सिंह  सदानंद सिंह फिलहाल कांग्रेस विधायक दल के नेता हैं और भागलपुर में कहलगांव से विधायक हैं. वे रिकार्ड नौ बार विधायक रहे हैं. वे पहली बार 1969 में कहलगांव सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीत कर विधानसभा पहुंचे थे. सदानंद सिंह काग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं.