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17-Feb-2021 07:28 AM
PATNA : बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर सबसे बड़ा पेंच फंस गया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि चुनाव को लेकर बिहार और भारत निर्वाचन आयोग के बीच किसी मुद्दे पर ठन गई हो। दरअसल इस बार बिहार में पंचायत चुनाव ईवीएम से कराने की तैयारी है लेकिन पंचायत चुनाव में बड़ी तादाद में ईवीएम की अनुपलब्धता समस्या बन गई है। मामला इतना बिगड़ गया है कि राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव आयोग के खिलाफ हाईकोर्ट जा पहुंचा है। राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव को ईवीएम से कराने की तैयारी कर रहा है। राज्य सरकार ने इसके लिए मंजूरी भी दे दी है लेकिन ईवीएम उपलब्ध नहीं होने के कारण अब चुनाव पर ही संकट खड़ा हो गया है।
बिहार निर्वाचन आयोग और चुनाव आयोग के बीच जारी रस्साकशी के बीच मामला अब पटना हाईकोर्ट जा पहुंचा है। अगर ईवीएम सही समय पर उपलब्ध नहीं हो पाया तो पंचायत चुनाव की तारीख आगे बढ़ सकती है। फिलहाल चुनाव मार्च से मई महीने के बीच 9 चरणों में होना है। बिहार निर्वाचन आयोग के सूत्रों के मुताबिक पंचायत चुनाव के लिए 15000 ईवीएम की खरीद होनी है लेकिन इस खरीद के लिए चुनाव आयोग से एनओसी लेना जरूरी है। राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक अभी तक भारत निर्वाचन आयोग से एनओसी प्राप्त नहीं हो पाया है। फरवरी के दूसरे सप्ताह में ईवीएम की आपूर्ति को ध्यान में रखते हुए आयोग से चुनाव की तारीखों की तैयारी चल रही है। मार्च में चुनाव शुरू हो जाने हैं लेकिन ईवीएम की उपलब्धता नहीं हो पाई है इसकी वजह से संभावित कार्यक्रम को टालना भी पड़ सकता है। आयोग को 15 जून के पहले निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी कर लेनी है लिहाजा राज्य निर्वाचन आयोग के सामने अभी ईवीएम को लेकर एक नई परेशानी खड़ी हो गई है। पंचायत चुनाव टालने के सवाल पर आयोग के सचिव योगेंद्र राम ने कहा है कि अभी इसमें वक्त है हम उम्मीद कर रहे हैं कि समय से पहले भारत निर्वाचन आयोग से एनओसी प्राप्त हो जाएगा और ईवीएम उपलब्ध हो जाएगी। राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से याचिका में चुनाव आयोग के 21 जुलाई 2020 के उस आदेश के निर्देश को चुनौती दी गई है जिसमें हर राज्य के चुनाव आयोग ईवीएम या वीवीपैट की आपूर्ति देने के पूर्व चुनाव आयोग की मंजूरी लेना आवश्यक है। याचिका में कहा गया है कि इस बार पंचायत चुनाव ईवीएम से कराने को चुनाव आयोग पहले ही देख चुका है लेकिन खरीद को मंजूरी नहीं मिली है।
बीते साल 13 नवंबर को राज्य निर्वाचन आयोग में ईसीआईएस से ईवीएम मशीन के लिए आग्रह किया था। कंपनी ने हामी भी भर दी थी। ईवीएम आपूर्ति के लिए चुनाव आयोग को कई बार लिखा गया लेकिन कोई जवाब नहीं आया। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि चुनाव आयोग में राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पंचायत चुनाव के लिए ईवीएम के इस्तेमाल को मंजूरी दी थी लेकिन बिहार के मामले में भेदभाव किया जा रहा है। आपको बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड यानी ईसीआईएल ईवीएम की आपूर्ति करता है लेकिन इसके लिए भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से एनओसी मिलना अनिवार्य है। मामला हाई कोर्ट में है और अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि पंचायत चुनाव को लेकर समय पर फैसला हो पाता है या फिर पेंच फंसा रह जाता है।