ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election 2025: पटना में क्यों रहा मतदान प्रतिशत सबसे कम, जानें क्या है कारण? Bihar politics : विजय सिन्हा पर लखीसराय में क्यों हुआ हमला? पिछले साल भी यहीं हुआ था विरोध;जानिए आखिर क्या है वजह Bihar Election 2025: पहले चरण में रिकॉर्डतोड़ मतदान, जानें कौन सा जिला रहा सबसे आगे और कहां हुआ सबसे कम मतदान? Bihar Weather: बिहार के दर्जन भर जिलों में गिरा तापमान, अगले 3 दिनों तक कुछ ऐसा रहेगा मौसम का हाल Bihar Chunav : सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश: अब उम्मीदवारों को नामांकन पत्र में बताना होगा हर आपराधिक मामला — बिहार चुनाव के बीच अहम फैसला Bihar News: बिहार के कटिहार से अपहृत 'कृष्णा' भागलपुर से बरामद, 72 घंटे बाद पुलिस को मिली सफलता Bihar News: सांसद रवि किशन को फिर मिली जान से मारने की धमकी, बिहार के शख्स की तलाश में जुटी पुलिस Bihar Election 2025: RJD प्रत्याशी भाई वीरेंद्र को पुलिस को धमकी देना पड़ा महंगा, FIR दर्ज Bihar Election 2025: पहले चरण के मतदान के बाद शिवहर में NDA के नेताओं का महाजुटान, दूसरे चरण के चुनाव प्रचार तेज Bihar News: "उपमुख्यमंत्री क्या है, ये लोग PM और CM पर भी हमला कर सकते हैं", RJD पर भड़के आचार्य प्रमोद कृष्णम

‘बिहार में 1970 का दशक : राजनीति और मीडिया’ किताब का लोकार्पण, वरिष्ठ पत्रकार डॉ. लीना ने लिखी शोधपरक पुस्तक

‘बिहार में 1970 का दशक : राजनीति और मीडिया’ किताब का लोकार्पण, वरिष्ठ पत्रकार डॉ. लीना ने लिखी शोधपरक पुस्तक

25-Sep-2020 10:21 PM

By Ajay Deep Chouhan

PATNA :  बिहार की वरिष्ठ पत्रकार डॉ. लीना की पुस्तक ‘बिहार में 1970 का दशक, राजनीति और मीडिया’ का लोकार्पण किया गया. जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं शोध संस्थान, पटना में संस्थान के निदेशक श्रीकांत और वरिष्ठ पत्रकार प्रणव चौधरी ने गुरुवार को डॉ. लीना की पुस्तक ‘बिहार में 1970 का दशक, राजनीति और मीडिया’ का लोकार्पण संयुक्त रूप से किया. लोकार्पण के दौरान मौजूद वरीय पत्रकारों ने भी डॉ. लीना के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे विषय पर महिला पत्रकार द्वारा शोधपरक पुस्तक लिखा जाना प्रशंसनीय है.

👉 ‘बिहार में 1970 का दशक : राजनीति और मीडिया’ किताब खरीदने के लिए यहां क्लिक करें 


संस्थान के निदेशक श्रीकांत ने कहा कि डॉ. लीना का यह प्रयास बहुत अच्छा है. ऐसे विषयों पर ज्यादा से ज्यादा शोध की आवश्यकता है. शोध में स्थानीय अखबारों की और अधिक चर्चा की जरूरत है. उन्होंने कहा कि 1970 के दशक में लोकनायक जयप्रकाश नारायण भी कहते थे कि अख़बार उनकी बातें नहीं छापते और उलटा लिखते हैं.


इस मौके पर पुस्तक की चर्चा करते हुये लेखिका डॉ. लीना ने कहा कि 1970 के दशक में बिहार की राजनीति जेपी आंदोलन और आपातकाल सहित काफी उथल-पुथल वाली रही थी. अलग-अलग विचारधाराओं के प्रति झुकावों के बावजूद उस समय पत्र पत्रिकाओं ने सूचनाओं को छुपाया नहीं और लोगों तक खबरें पहुंचती रहीं, लेकिन इन सबके बाद भी सवाल उठते रहे.



पत्रकार सीटू तिवारी ने राजनीति और मीडिया” पुस्तक की चर्चा करते हुये कहा कि राजनीति और मीडिया पर पुस्तक लिखने वाली महिलाओं की संख्या नहीं के बराबर है. वहीं वरिष्ठ पत्रकार प्रणव चौधरी ने 1970 के दशक के दौर की पत्रकारिता की चर्चा करते हुये कहा कि बिहार में कभी भी पत्रकारिता का सुनहरा वक्त नहीं रहा. 1970 के दशक में ग्रास रूट की चर्चा पत्रकारिता में नहीं दिखती थी. खबरों के साथ भेदभाव किया जाता था.



लोकार्पण समारोह में वरिष्ठ पत्रकार अमरनाथ तिवारी ने कहा कि 1970 के दशक को लेकर इस पुस्तक में चर्चा है लेकिन हालिया राजनीति और मीडिया पर भी इसमें चर्चा होने से बेहतर होता. इस अवसर पर जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं शोध संस्थान के निदेशक श्रीकांत ने कहा कि डॉ लीना का यह बहुत अच्छा प्रयास है लेकिन और गंभीर प्रयास करने की आवश्यकता है. इस पुस्तक लोकार्पण के मौके पर नीरज कुमार, प्रभात सरसिज, हेमंत, संजय कुमार सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे.