ब्रेकिंग न्यूज़

'क्या झूठ बोलकर बॉस से छुट्टी लेना पाप है?' इस सवाल का प्रेमानंद महाराज ने दिया बड़ा ही रोचक जवाब BHOJPUR: वर्मा फाउंडेशन ग्रुप ने रचा इतिहास, 124 छात्रों का सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) पद पर चयन राघोपुर की जनता से प्रशांत किशोर ने कह दी बड़ी बात, बोले..हम यहां से चुनाव लड़ें या न लड़ें, कल से आपके जीवन में बदलाव आना शुरू हो जाएगा Crime News: एक ही परिवार के पांच लोगों ने की खुदकुशी, दो बेटों-दो बेटियों के साथ महिला ने दी जान Crime News: एक ही परिवार के पांच लोगों ने की खुदकुशी, दो बेटों-दो बेटियों के साथ महिला ने दी जान Bihar Crime News: महिला कर्मचारियों से बदसलूकी पर बेतिया में बड़ा एक्शन, डाटा एंट्री ऑपरेटर गिरफ्तार; संविदा भी समाप्त हुई Bihar Crime News: महिला कर्मचारियों से बदसलूकी पर बेतिया में बड़ा एक्शन, डाटा एंट्री ऑपरेटर गिरफ्तार; संविदा भी समाप्त हुई Bihar Election 2025: NDA की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली रवाना हुए संजय झा, NDA में सीट शेयरिंग पर क्या बोले? Bihar Election 2025: NDA की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली रवाना हुए संजय झा, NDA में सीट शेयरिंग पर क्या बोले? Bihar News: बिहार में पुलिसकर्मियों की अवैध वसूली का वीडियो वायरल, SP ने ले लिया बड़ा एक्शन

नया कानून लागू होने के बाद बदल गया छापेमारी का पुराना तरीका, अब ऐसे रेड करेंगी जांच एजेंसियां

नया कानून लागू होने के बाद बदल गया छापेमारी का पुराना तरीका, अब ऐसे रेड करेंगी जांच एजेंसियां

15-Jul-2024 06:46 AM

By First Bihar

PATNA: पूरे देश में नया कानून लागू होने के बाद छापेमारी का पुराना तरीका अब बदल गया है। आय से अधिक संपत्ति के मामलों में छापेमारी के दौरान अब विजिलेंस, ईओयू समेत अन्य एजेंसियों को रेड की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग करनी होगी। कैमरे की निगरानी में आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी की जाएगी। छापेमारी के दौरान पूरी प्रक्रिया को कैमरे में रिकॉर्ड करना होगा। इसे डिजिटल साक्ष्य के तौर पर कोर्ट में पेश किया जाएगा।


दरअसल, देश में आईपीसी और सीआरपीसी समेत अन्य कानूनों की जगह भारतीय न्याय संहिता और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता लागू हो चुका है। नए कानून के मुताबिक अब आय से अधिक संपत्ति समेत भ्रष्टाचार के अन्य मामलों में निगरानी, ईओयू समेत अन्य एजेंसियों को सभी कार्रवाई का डिजिटल साक्ष्य कोर्ट में पेश करना होगा। इसके कई फायदे होंगे जिसके आधार पर कोर्ट तुरंत अपना फैसला सुनाएगा।


जांच एजेंसियों को कोर्ट में चार्जशीट के साथ साथ डिजिटल साक्ष्य को भी जमा करना अनिवार्य हो गया है। छापेमारी के दौरान वीडियो रिकॉर्ड करने की जिम्मेवारी किसी छापेमारी दल में शामिल किसी एक सिपाही या पुलिसकर्मी की होगी, जो रेड की पूरी प्रक्रिया को कैमरे में कैद करेगा। निगरानी ने इस काम का शुरू भी कर दिया है और अब भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कर रही सभी जांच एजेंसियों के लिए इसे अनिवार्य कर दिया गया है।