ग्राहक बनकर आए शातिर चोरों ने दिनदहाड़े ज्वेलरी शॉप से उड़ाए लाखों के जेवर, सीसीटीवी में कैद हुई करतूत बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन पटना पहुंचे, पिता की पुण्यतिथि में होंगे शामिल BIHAR POLITICS: श्रवण कुमार बने NDA के मुख्य सचेतक, विनोद नारायण झा बने उप मुख्य सचेतक, अधिसूचना जारी Bihar News: दो बाइक की टक्कर में युवक की मौत, तीन लोग गंभीर रूप से घायल Bihar News: बिहार में सड़क सुरक्षा एवं जाम से निजात के लिए ठोस पहल, परिवहन सचिव ने की अहम बैठक; दिए यह निर्देश Bihar News: बिहार में सड़क सुरक्षा एवं जाम से निजात के लिए ठोस पहल, परिवहन सचिव ने की अहम बैठक; दिए यह निर्देश 14223/14224 राजगीर-वाराणसी बुद्ध पूर्णिमा एक्सप्रेस का टर्मिनल बदलकर बनारस से 08 मार्च से परिचालन BPSC AEDO एग्जाम स्थगित: 10 से 16 जनवरी तक होने वाली परीक्षा टली, जल्द घोषित होगा नया डेट BPSC AEDO एग्जाम स्थगित: 10 से 16 जनवरी तक होने वाली परीक्षा टली, जल्द घोषित होगा नया डेट Patna News: पटना में ऑटो पकड़ने के लिए अब भटकने की जरूरत नहीं, नीतीश सरकार ने कर दी हाइटेक व्यवस्था
16-Jun-2022 06:48 PM
PATNA: राजधानी पटना स्थित अनूप इंस्टीट्यूट ऑफ ऑर्थोपेडिक एंड रिहैबिलिटेशन के मेडिकल डायरेक्टर और रोबोटिक तकनीक से जोड़ प्रत्यारोपण करने वाले देश के शीर्ष सर्जन डॉ.आशीष सिंह अब देश भर के ऑर्थोपेडिक्स सर्जनों को रोबोटिक तकनीक से जोड़ प्रत्यारोपण करने की ट्रेनिंग दे रहे हैं। वे एक विख्यात सर्जन के साथ ही अब शिक्षक की भी भूमिका में हैं। हैदराबाद के अपोलो अस्पताल में 1 जून को उन्होंने जो ट्रेनिंग दी है उसकी चर्चा देश भर में हो रही है। अब देश के कई दूसरे प्रतिष्ठित अस्पतालों की ओर से भी उन्हें आकर ट्रेनिंग देने का आमंत्रण मिल रहा है।
डॉ आशीष सिंह जहां भी ट्रेनिंग देने जाते वहां डॉक्टरों को रोबोटिक तकनीक से सर्जरी कर के भी सिखाते हैं। डॉ. आशीष सिंह को हैदराबाद के अपोलो अस्पताल से पहले अमृतसर के प्रकाश हॉस्पिटल में भी सर्जरी और ट्रेनिंग देने के लिए बुलाया जा चुका है। शिक्षक के रूप में इस नये अनुभव को लेकर डॉ आशीष सिंह कहते हैं कि हैदराबाद अपोलो अस्पताल में एक शिक्षक और गेस्ट सर्जन के रूप में जाना उनके लिए गौरव की बात है। इस दौरान डॉ. जयराम चंद्र पिंगले और डॉ. बालू के साथ काम करने का शानदार अनुभव रहा। इन दोनों से काफी कुछ सीखने को मिला। 82 वर्ष के डॉ जयराम चंद्र पिंगले इस उम्र में भी बेहद एक्टिव और हमेशा कुछ नया सीखने के लिए तैयार रहते हैं।
डॉ. आशीष सिंह ने बताया कि शिक्षक के रूप में वे आगे भी देश के विभिन्न शहरों में जाकर डॉक्टरों को अत्याधुनिक रोबोटिक तकनीक की ट्रेनिंग देना चाहते हैं ताकि देश के अधिक से अधिक मरीजों को जोड़ प्रत्यारोपण के नए और बेहतर इलाज का लाभ मिल सके। देश भर में हड्डी रोग और रोबोटिक जोड़ प्रत्यारोपण विशेषज्ञ के रूप में डॉ. आशीष सिंह प्रसिद्ध हैं। वे कहते हैं कि घुटनों और कूल्हे के प्रत्यारोपण की आधुनिक रोबोटिक तकनीक की मदद से 100 प्रतिशत तक सफलता मिलती है।
बदलती जीवनशैली और लंबी उम्र होने के कारण एक बड़ी आबादी को आज घुटने और कूल्हे के प्रत्यारोपण की आवश्यकता है। इसको लेकर अभी भी मरीजों में बहुत सी गलतफहमियां हैं और जागरूकता की कमी है। आज के समय में जोड़ प्रत्यारोपण की सर्वश्रेष्ठ सर्जरी रोबोटिक आर्म की सहायता से होती है जो इस क्षेत्र की नई तकनीक है। कुछ समय पहले तक यह यूरोप और अमेरिका में ही होती थी। भारत में सबसे पहले इसकी शुरुआत डॉ. आशीष सिंह ने की है। अनूप इंस्टीट्यूट ऑफ ऑर्थोपेडिक एंड रिहैबिलिटेशन, पटना में विश्व की अत्याधुनिक तकनीक से लैस रोबोट लियो-2, भारत में सबसे पहले अगस्त 2020 से ही मौजूद है। इसके बाद ही देश के अन्य शहरों में यह सुविधा उपलब्ध हुई है।