सहरसा में बाइक की डिक्की से चोरी हुए 3 लाख रूपये कटिहार से बरामद, आरोपी फरार आर्केस्ट्रा में नाबालिगों के शोषण के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 21 लड़कियों को कराया मुक्त, 3 आरोपी गिरफ्तार बेगूसराय में बाइक सवार युवकों की दबंगई, 10 रूपये की खातिर पेट्रोल पंप पर की मारपीट और फायरिंग SUPAUL: छातापुर में संतमत सत्संग का 15वां महाधिवेशन संपन्न, VIP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा ने महर्षि मेही परमहंस को दी श्रद्धांजलि Sonia Gandhi Admitted: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की तबीयत बिगड़ी, इलाज के शिमला के अस्पताल पहुंचीं Sonia Gandhi Admitted: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की तबीयत बिगड़ी, इलाज के शिमला के अस्पताल पहुंचीं Bihar News: बिहार महिला आयोग में भी अध्यक्ष-सदस्यों की हुई नियुक्ति, इन नेत्रियों को मिली जगह, जानें... Bihar Crime News: बिहार में पंचायत के दौरान खूनी खेल, गोली मारकर युवक की हत्या; गोलीबारी से दहला इलाका Bihar News: बिहार को मिली एक और बड़ी उपलब्धि, शिक्षा, शोध और सेवा को नई उड़ान; डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने क्या कहा? Bihar News: बिहार को मिली एक और बड़ी उपलब्धि, शिक्षा, शोध और सेवा को नई उड़ान; डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने क्या कहा?
03-May-2023 11:12 AM
By First Bihar
NALANDA : बिहार के सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले में उस समय अफरा- तफरी मच गई जब उत्पाद विभाग के एक पुलिसकर्मी और वकील आपस में भिड़ गए। इन दोनों के बीच जमकर हाथापाई हुई है। पुलिस ने वकील पर बेल्ट से पिटाई करने का आरोप लगाया है। दूसरी ओर पुलिसकर्मी पर वकील ने कॉलर पकड़ने का आरोप लगाया है।
दरअसल, उत्पाद विभाग की टीम ने नूरसराय थाना इलाके के अंधना गांव से शराब के मामले में एक किशोर को पकड़ा। उसके बाद उसे अरेस्ट कर थाना लाया गया। जहां बाल सुधार गृह भेजने से पहले किशोर की मेडिकल जांच करानी थी। इसलिए उसे बिहारशरीफ सदर अस्पताल लाया गया। तभी वहां वकील भी पहुंच गया। इस दौरान पुलिसकर्मी ओर वकील में कहासुनी हो गई। पुलिस का कहना था कि वो वकील को मेडिकल जांच के दौरान साथ रहने की अनुमति नहीं दे सकते। जबकि वकील का कहना था कि, वो कोर्ट के आदेश के बाद मेडिकल जांच के समय साथ था।
वहीं, वकील जितेंद्र कुमार ने बताया कि उत्पाद विभाग की टीम द्वारा शराब मामले में अरेस्ट किशोर के साथ पिटाई की गई थी। किशोर को जेजेबी कोर्ट में प्रस्तुत किया गया था तो उस समय बालक ने पिटाई के बारे में बताया था। जांच के आदेश के बाद दोबारा मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल भेजने की बात कही गई। जांच के आदेश पर उन्हें भी साथ रहने का आदेश दिया गया था। मेडिकल जांच के समय उत्पाद विभाग की पुलिस अपने मोबाइल में फोटो खींची थी। मना करने पर उनका कॉलर पकड़ लिया तब विवाद बढ़ गया।
इधर, इस मामले में उत्पाद विभाग के दारोगा अंजनी कुमार ने बताया कि मेडिकल जांच के लिए किशोर को कोर्ट के आदेश के बाद सदर अस्पताल भेजा गया था। जांच के समय वकील द्वारा डिस्टर्ब किया जा रहा था। उन्हें सूचना मिली कि सदर अस्पताल में पुलिसकर्मी के साथ मारपीट और पुलिस की वर्दी को फाड़ दिया गया है। बेल्ट से पिटाई की गई है। फिलहाल मामला जो भी हो उसकी जांच की जाएगी।