मुजफ्फरपुर: ट्रेन में चोरी का खुलासा, 6 आरोपी गिरफ्तार; जेवरात बरामद मुंगेर में साइबर ठगों का खेल जारी, दो लोगों से 13 लाख रुपये की ठगी, साइबर थाने में केस दर्ज मुंगेर में शराब माफिया ने किया पुलिस टीम पर हमला, QRT के 3 जवान घायल, सरकारी राइफल छीने जाने की खबर मुंगेर में चलती कार में लगी भीषण आग, कूदकर दो भाईयों ने बचाई अपनी जान Bihar में शिक्षकों की नियुक्ति में हुआ बड़ा फर्जीवाड़ा: जाली दस्तावेज के सहारे नौकरी करने वाले 2912 टीचर पकड़े गये, अभी और मामले सामने आयेंगे छपरा में फ्लिपकार्ट के गोदाम से 2.36 लाख की चोरी, खिड़की का ग्रिल काटकर चोरों ने दिया घटना को अंजाम Success Story: कई बार असफल होने के बावजूद नहीं टूटे हौसले, जुनून ने बना दिया अधिकारी, दिलचस्प है IAS प्रियंका गोयल की सक्सेस स्टोरी Success Story: कई बार असफल होने के बावजूद नहीं टूटे हौसले, जुनून ने बना दिया अधिकारी, दिलचस्प है IAS प्रियंका गोयल की सक्सेस स्टोरी अरवल DM ने मधुश्रवां क्षेत्र का किया निरीक्षण, पर्यटन के विकास की संभावनाओं का किया आकलन CBSE KVS NVS Recruitment Exam 2026: CBSE ने जारी किया KVS–NVS भर्ती टियर-1 परीक्षा शेड्यूल, जानिए.. एग्जाम का डेट और टाइम
03-May-2023 11:12 AM
By First Bihar
NALANDA : बिहार के सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले में उस समय अफरा- तफरी मच गई जब उत्पाद विभाग के एक पुलिसकर्मी और वकील आपस में भिड़ गए। इन दोनों के बीच जमकर हाथापाई हुई है। पुलिस ने वकील पर बेल्ट से पिटाई करने का आरोप लगाया है। दूसरी ओर पुलिसकर्मी पर वकील ने कॉलर पकड़ने का आरोप लगाया है।
दरअसल, उत्पाद विभाग की टीम ने नूरसराय थाना इलाके के अंधना गांव से शराब के मामले में एक किशोर को पकड़ा। उसके बाद उसे अरेस्ट कर थाना लाया गया। जहां बाल सुधार गृह भेजने से पहले किशोर की मेडिकल जांच करानी थी। इसलिए उसे बिहारशरीफ सदर अस्पताल लाया गया। तभी वहां वकील भी पहुंच गया। इस दौरान पुलिसकर्मी ओर वकील में कहासुनी हो गई। पुलिस का कहना था कि वो वकील को मेडिकल जांच के दौरान साथ रहने की अनुमति नहीं दे सकते। जबकि वकील का कहना था कि, वो कोर्ट के आदेश के बाद मेडिकल जांच के समय साथ था।
वहीं, वकील जितेंद्र कुमार ने बताया कि उत्पाद विभाग की टीम द्वारा शराब मामले में अरेस्ट किशोर के साथ पिटाई की गई थी। किशोर को जेजेबी कोर्ट में प्रस्तुत किया गया था तो उस समय बालक ने पिटाई के बारे में बताया था। जांच के आदेश के बाद दोबारा मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल भेजने की बात कही गई। जांच के आदेश पर उन्हें भी साथ रहने का आदेश दिया गया था। मेडिकल जांच के समय उत्पाद विभाग की पुलिस अपने मोबाइल में फोटो खींची थी। मना करने पर उनका कॉलर पकड़ लिया तब विवाद बढ़ गया।
इधर, इस मामले में उत्पाद विभाग के दारोगा अंजनी कुमार ने बताया कि मेडिकल जांच के लिए किशोर को कोर्ट के आदेश के बाद सदर अस्पताल भेजा गया था। जांच के समय वकील द्वारा डिस्टर्ब किया जा रहा था। उन्हें सूचना मिली कि सदर अस्पताल में पुलिसकर्मी के साथ मारपीट और पुलिस की वर्दी को फाड़ दिया गया है। बेल्ट से पिटाई की गई है। फिलहाल मामला जो भी हो उसकी जांच की जाएगी।